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    बिहार में नया कारनामा, रिटायरमेंट के 20 महीने बाद तक डॉक्टर ने की ड्यूटी; विभाग से सैलरी भी मिली

    समस्तीपुर में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। समस्तीपुर के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छतौना में कार्यरत आयुष चिकित्सक डॉ. ब्रह्मानंद झा की सेवानिवृत्ति के 20 महीने बाद तक उनसे ड्यूटी कराई गई। इस दौरान उन्हें सैलरी भी मिलती रही। मामला प्रकाश में आने के बाद राज्य स्वास्थ्य समिति के उप सचिव राजेश कुमार ने नाराजगी जताई है।

    By Prakash Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Wed, 25 Dec 2024 04:10 PM (IST)
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    रिटायरमेंट के 20 महीने बाद तक डॉक्टर ने की ड्यूटी; विभाग से सैलरी भी मिली (प्रतीकात्मक तस्वीर)

    जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। स्वास्थ्य महकमे में प्रशासनिक लापरवाही के नए-नए कारनामे सामने आ रहे हैं। ताजा मामला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अंतर्गत अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छतौना का है। यहां कार्यरत आयुष चिकित्सक डॉ. ब्रह्मानंद झा की सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) के 20 महीने बाद तक उनसे ड्यूटी कराई गई। इस अवधि की उन्हें सैलरी भी मिलती रही।

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    मामला प्रकाश में आने के बाद राज्य स्वास्थ्य समिति के उप सचिव राजेश कुमार ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक के बदले सिविल सर्जन ने ही अवधि विस्तार कर दिया था।

    विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मेनस्ट्रीम आयुष चिकित्सक (आयुर्वेदिक) डॉ. ब्रह्मानंद झा की आयु 28 फरवरी 2023 को 60 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत 65 वर्ष की आयु तक के लिए सिविल सर्जन ने सेवा अवधि विस्तारित करने की अनुशंसा कर दी थी, जबकि नौ नवंबर, 2021 से प्रभावी मानव संसाधन नियमावली के अध्याय-2 खंड-10 में निहित प्रविधान के अनुसार राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत कार्यरत संविदा कर्मियों की संविदा अवधि 60 वर्ष की आयु के उपरांत 65 या 67 वर्ष तक विस्तारित करने के लिए राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक का सक्षम अधिकार है।

    समीक्षा में गड़बड़ी की सामने आई

    रिपोर्ट राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा समीक्षा में स्पष्ट हुआ कि मुख्यालय से सेवा विस्तार की अनुमति के बिना डॉ. झा को कार्यरत रखा गया। साथ ही मानदेय का भी भुगतान किया जाता रहा।

    यह एचआर पॉलिसी के प्रविधानों का उल्लंघन है। इस संबंध में स्पष्ट हुआ कि फरवरी 2023 में डॉ. झा की उम्र 60 वर्ष पूर्ण होने के उपरांत लगभग 20 महीने बाद अवधि विस्तार की अनुशंसा सिविल सर्जन द्वारा कर दी गई। साथ ही इसकी रिपोर्ट राज्य स्वास्थ्य समिति को दी गई। यह पूरी तरह से नियमानुकूल नहीं है।

    40 रोगी का उपचार अपेक्षित

    राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी आयुष ने डॉ. ब्रह्मानंद झा के संविदा विस्तार नहीं किए जाने की अनुशंसा की है। इसमें आयुष चिकित्सक के एक्सपेक्टेड लेवल ऑफ एचिवमेंट के अनुसार, प्रत्येक आयुष चिकित्सक से ओपीडी में प्रतिदिन कम से कम 40 रोगी का उपचार किया जाना अपेक्षित है, जबकि एचएमआइएस पोर्टल से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार डॉ. झा द्वारा ओपीडी में औसतन 24.59 रोगी का उपचार किया गया। ऐसे में सेवा विस्तार नहीं किए जाने की अनुशंसा की गई।

    राज्य स्वास्थ्य समिति के उप सचिव ने सिविल सर्जन और जिला कार्यक्रम प्रबंधक को आदेश दिया है कि डॉ. ब्रह्मानंद झा को तत्काल प्रभाव से मानदेय आदि का नियमानुकूल भुगतान करते हुए कार्य मुक्त कर दिया जाए। एक सप्ताह के अंदर यह स्पष्ट करने के लिए कहा गया कि सेवा अवधि 28 फरवरी, 2023 को 60 वर्ष पूर्ण होने के बावजूद किस परिस्थिति में उनसे लगातार कार्य लिया जाता रहा।

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