SSC MTS Exam 2024: एसएससी परीक्षा में सेकेंड शिफ्ट में भी हुआ था फर्जीवाड़ा, धीरे-धीरे खुल रहे सारे राज!
एसएससी एमटीएस परीक्षा (SSC MTS Exam) में फर्जीवाड़े का एक और खुलासा हुआ है। पूर्णिया में 14 नवंबर को हुई परीक्षा की तीसरी पाली में ही नहीं बल्कि दूसरी पाली में भी गड़बड़ियां पाई गई हैं। फर्जी उम्मीदवारों को न केवल तीसरी पाली बल्कि दूसरी पाली की परीक्षा में भी बैठाया गया था। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
जागरण संवाददाता, पूर्णिया। कर्मचारी चयन आयोग की मल्टी-टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) परीक्षा में फर्जीवाड़े का एक और पर्दाफाश हुआ है। पूर्णिया में बीते 14 नवंबर को हुई एसएससी एमटीएस की परीक्षा के दौरान तीसरी पाली में ही नहीं, बल्कि दूसरी पाली में भी गड़बड़ियां हुई थीं। फर्जी कैंडिडेट थर्ड शिफ्ट की परीक्षा में ही नहीं, बल्कि सेकेंड शिफ्ट की परीक्षा में भी बैठाए गए थे।
असली कैंडिडेट की जगह सेकेंड शिफ्ट की परीक्षा में 13 स्कॉलर फर्जी कैंडिडेट बनकर परीक्षा में बैठे थे। इतना ही नहीं, परीक्षा शुरू होने के कुछ दिन पहले ही टीसीएस के कर्मी का तबादला किया गया था। इसके अलावा, केंद्र पर बहाल कर्मियों को आखिरी समय में बदला गया था। यह सब किनके इशारे पर हुआ पुलिस इसका पता लगा रही है।
एसपी कार्तिकेय शर्मा ने दी जानकारी
एसपी कार्तिकेय शर्मा ने बताया की बीते 14 नवंबर को एसएससी एमटीएस की तीसरी पाली की परीक्षा के दौरान सदर थाना क्षेत्र के गुलाबबाग के हंसदा रोड जीरो माइल स्थित पूर्णिया डिजिटल नाम के ऑनलाइन परीक्षा केंद्र से फर्जीवाड़े की बात सामने आई थी। इस मामले में सेंटर से 35 लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
सेंटर पर चल रहे फर्जीवाड़े के मामले में वैशाली, नालंदा और कटिहार के सेंटर संचालक, फ्लाईंग ऑब्जर्वर, 12 फर्जी कैंडिडेट, 14 कैंडिडेट, सात स्टाफ और दो दलालों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। इस मामले में 17 नवंबर की देर शाम साइबर पुलिस ने केस से जुड़े 15 आरोपितों को 48 घंटे की रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। इसके ठीक बाद बाकी बचे 20 आरोपितों को रिमांड पर लेकर 48 घंटे तक पूछताछ चली।
पूछताछ और अब तक की जांच में एसएससी-टीसीएस के कर्मी की सांठगांठ की बात सामने आई है। एसएससी और टीसीएस से डाटा मंगवाया गया। प्राप्त डाटा से ये स्पष्ट हो गया है कि 14 नवंबर को पूर्णिया डिजिटल आनलाइन एक्जाम सेंटर पर सीसीएस एमटीएस की परीक्षा के तीसरे ही नहीं बल्कि दूसरे शिफ्ट में भी गड़बड़ियां हुई थीं। दोनों शिफ्ट में 13-13 मामले गड़बड़ मिले हैं। अब इस सेंटर पर हुई परीक्षा का पूरा डेटा मंगवाया जा रहा है, ताकि पता चले इसमें कौन लोग शामिल थे।
सेंटर संचालक की प्रयागराज दफ्तर में कार्यरत फ्लाईंग ऑब्जर्वर से नजदीकियां:
पुलिस की रिमांड के दौरान सेंटर कर्मियों ने कई राज उगले। सेंटर मैनेज से लेकर परीक्षा पास कराने तक के लिए सेंटर संचालक ने पटना के एक युवक से मिलकर अभ्यर्थी से 10 लाख की डील की थी। परीक्षा में बैठने के लिए फर्जी कैंडिडेट को 80 हजार से 1.50 लाख तक दिए जाने थे। सेंटर संचालक विवेक कुमार और उसके पार्टनर रौशन व राहुल राज की एसएससी मध्य क्षेत्र के प्रयाग राज दफ्तर में कार्यरत इजहार आलम से नजदीकियां हैं। यही सेंटर का फ्लाईंग ऑब्जर्वर भी है। इसी की साठगांठ से फर्जीवाड़ा हो रहा था। तीन लाख रुपये में यह सेंटर मिला था। इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ सेंटर पर बहाल को-ऑर्डिनेटर की मदद से हुआ था। हालांकि फर्जी दस्तावेज से जुड़े एक मामले में को-ऑर्डिनेटर को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
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