Fisheries: बिहार में मछली पालकों के लिए आ गया नया फरमान, सरकार ने एक काम कर दिया अनिवार्य
बिहार में मछली पालन और इससे जुड़े व्यवसायों को संगठित और पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब मछली पालन से जुड़े किसी भी लाभकारी योजना का फायदा उठाने के लिए नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए मत्स्य पालन क्षेत्र को पूरी तरह डिजिटल करने की दिशा में तेजी दिखाई गई है।

जागरण संवाददाता, समस्तीपुर। जिले में मछली पालन और इससे जुड़े व्यवसायों को संगठित और पारदर्शी बनाने के लिए केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
अब मछली पालन से जुड़े किसी भी लाभकारी योजना का फायदा उठाने के लिए नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफॉर्म (एनएफडीपी) पर रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया है।
जिले के मछली पालकों और मछुआरों के लिए यह प्लेटफॉर्म एक नई उम्मीद लेकर आया है। सरकार ने इस योजना के जरिए मत्स्य पालन क्षेत्र को पूरी तरह डिजिटल करने की दिशा में तेजी दिखाई है। लेकिन समस्तीपुर जिले में इस योजना को लेकर मत्स्य पालकों और मछुआरों का उत्साह कम नजर आ रहा है।
जिले में मछली पालन और व्यवसाय से जुड़े लोगों की संख्या 60 हजार से अधिक है। इसके बावजूद अब तक सिर्फ 5,878 लोगों ने ही इस प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कराया है। जबकि विभाग ने इस वित्तीय वर्ष में 12,346 मछली पालकों और मछुआरों को इस प्लेटफॉर्म से जोड़ने का लक्ष्य तय किया है।
रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, मुफ्त सुविधा उपलब्ध
- अब मछली पालन से जुड़ी किसी भी सरकारी योजना का लाभ तभी मिलेगा जब संबंधित व्यक्ति इस प्लेटफॉर्म पर पंजीकृत होगा।
- जिले के मछली पालक और मछुआरे कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से निःशुल्क रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
- इसके लिए आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या और मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से देना होगा। हालांकि, यह ध्यान रखना होगा कि आधार कार्ड और मोबाइल नंबर लिंक होना जरूरी है।
- प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना के तहत मछली पालकों को डिजिटल पहचान पत्र दिया जाएगा। यह योजना न केवल मछली पालन व्यवसाय को डिजिटल रूप से सक्षम बनाएगी, बल्कि इससे जुड़ी सभी जानकारी और सेवाए एक ही मंच पर उपलब्ध होंगी।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य मत्स्य पालन में पारदर्शिता लाना और छोटे व्यवसायों को संस्थागत वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
डिजिटल क्रांति की ओर कदम निवेशकों का बढ़ेगा विश्वास
मत्स्य विभाग के अनुसार इस योजना से मछली पालन क्षेत्र में बड़ी क्रांति आएगी। पारदर्शिता और डेटा-आधारित निर्णयों के माध्यम से निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और यह क्षेत्र अधिक संगठित होगा।
विभाग ने सभी तालाब पट्टेदारों, मछुआ समिति के सदस्यों और मछली व्यापार से जुड़े लोगों को जल्द से जल्द पंजीकरण कराने की अपील की है।
मत्स्य पालन क्षेत्र में इस डिजिटल क्रांति से न केवल मछली पालकों को सुविधा होगी, बल्कि सरकार के लिए योजनाओं को लागू करना और उनके प्रभाव का आकलन करना भी आसान हो जाएगा।
नेशनल फिशरिज डिजिटल प्लेटफार्म एक सराहनीय पहल है, लेकिन इसके क्रियान्वयन में कई चुनौतियां हैं। जिले में हजारों मछली पालक और मछुआरे ऐसे हैं, जिन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की जानकारी ही नहीं है। इन लोगों तक सही जानकारी और सुविधा पहुंचाना बेहद जरूरी है। मत्स्य विभाग को इस योजना के प्रचार-प्रसार के लिए गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। साथ ही, तकनीकी सहायता के लिए विशेष शिविर लगाए जाने चाहिए, ताकि हमारे मछुआरे आसानी से रजिस्ट्रेशन करा सकें। बिना जागरूकता और सहयोग के यह योजना अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाएगी।-अशर्फी सहनी, मत्स्यसंघ के पदधारक
जो मछली पालक या व्यवसायी अब तक रजिस्ट्रेशन नहीं करा पाए हैं, वे जल्द से जल्द अपने निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर यह प्रक्रिया पूरी करें। डिजिटल प्लेटफॉर्म से मछली पालन क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। मछली पालन से जुड़े लोगों को प्लेटफॉर्म रजिस्ट्रेशन कराने के बाद ही सरकारी योजना का लाभ मिलेगा।-मो. नियाजुद्दीन, जिला मत्स्य पदाधिकारी, समस्तीपुर
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