Machli Palan: बाजार में इन मछलियों की बढ़ी डिमांड, सरकार भी कर रही मदद; तुरंत हो जाएंगे मालामाल!
मछली पालन से किसान मालामाल हो सकते हैं। समस्तीपुर के नंदनी गांव में रंगीन मछलियों के उत्पादन के लिए तीन इकाइयां स्थापित की जा रही हैं। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत जिले को लघु और मध्यम आकार की अलंकारी मछलियों के संवर्धन का लक्ष्य मिला है। इस परियोजना से किसानों की आय बढ़ाने और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने की उम्मीद है।

किसानों को मिलेगा इतना अनुदान
किसानों के लिए रोजगार का अवसर
-
मो. नियाजुद्दीन ने बताया कि अलंकारी मछलियों का उपयोग सजावट के लिए घरों, रेस्टोरेंट और होटलों में किया जाता है। देश-विदेश में इनकी काफी मांग है, जिससे किसानों को अच्छे लाभ की संभावना है। -
सरकार का लक्ष्य है कि इस व्यवसाय के जरिए किसानों की आय को दोगुना किया जा सके। यह परियोजना जिले के किसानों के लिए एक बड़ा अवसर लेकर आई है। -
रं गीन मछलियों का व्यवसाय सजावटी मछलियों की बढ़ती मांग को देखते हुए एक आकर्षक क्षेत्र बन सकता है। इसके तहत किसानों को आधुनिक तकनीक और प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। -
नंदनी गांव में स्थापित हो रही इन इकाइयों से जिले में मछली उत्पादन के क्षेत्र में नए आयाम जुड़ेंगे। यह न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी प्रोत्साहित करेगा।
वीटीआर में नहीं हुआ मत्स्य पालन
उधर, वीटीआर (वाल्मीकि टाइगर रिजर्व) के बीच बहने वाली त्रिवेणी मृत कैनाल को चार साल से पर्यटकों की तलाश है।
21 दिसंबर 2021 में वाल्मीकिनगर में कैबिनेट बैठक के दौरान राज्य स्तर पर इसके नाम को भुनाया तो गया मगर जरूरी विकास यहां नहीं हो सका।
प्रशासनिक स्तर पर पूर्व में इस पानी में नौका विहार और मत्स्य पालन करने का ताना बाना बुना गया लेकिन न नौका विहार को गति मिली और न ही इसमें मछली पाली गई। नहर मृत अवस्था में है। नहर के जीर्णोद्धार के नाम पर 10 से 15 लाख रुपये पानी की तरह बहाया गया।
कैबिनेट बैठक के दौरान जिला प्रशासन के निर्देश पर मत्स्यजीवी सहयोग समिति ने लोन लेकर नहर का जीर्णोद्धार कराया। शुरू में सब कुछ अच्छा चला,लेकिन बाद में पर्यटकों के न आने से सब कुछ बंद हो गया। आज भी समूह से जो लोन लिया गया लेकिन उसे भर नहीं पाया। अधिकारियों के संज्ञान के बाद भी कोई रुचि नहीं ले रहा है।-नंदकिशोर, मंत्री, मत्स्यजीवी सहयोग समिति
मृत कैनाल में मत्स्य पालन योजना की जानकारी नहीं है। जानकारी के बाद प्रयास कराया जाएगा कि योजना सुचारू रूप से चले और लोगों को रोजगार मिले।-ज्ञानशंकर सहनी, जिला मत्स्य पदाधिकारी
यह भी पढ़ें-
Machli Palan: अब बेराजगारी काहे का...पढ़ लें मछली पालन का सबसे आसान तरीका, 5 लाख तक की कमाई करें
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।