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    Machli Palan: अब बेराजगारी काहे का...पढ़ लें मछली पालन का सबसे आसान तरीका, 5 लाख तक की कमाई करें

    Updated: Sat, 07 Sep 2024 03:38 PM (IST)

    Machli Palan Kaise Karen बिहार में अगर आप बेरोजगार हैं तो सबसे बढ़िया उपाय मछली पालन है। मछली पालन का सबसे आसान तरीका जानकर आप भी खुश हो जाएंगे। किसानों को अधिक लाभ मछली पालन से हो सकता है। एक एकड़ जलक्षेत्र में एक वर्ष में पांच लाख रुपये तक की आमदनी प्राप्त की जा सकती है। जिले में कॉर्प व पंगाब मछली की अच्छी खेती हो सकती है।

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    मछली पालन से कमाएं 5 लाख (जागरण फोटो)

    संवाद सूत्र, हरनौत (नालंदा)। नालंदा कृषि विज्ञान केंद्र में चल रहे समेकित कृषि प्रणाली का पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुक्रवार को समाप्त हो गया। यहां मत्स्य विज्ञानी नहीं रहने के कारण अंतिम दिन मत्स्य पालन का प्रशिक्षण रोहतास से विज्ञानी रविन्द्र कुमार जलज ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से दी।

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    मछली पालन के लिए इन बातों का रखें ध्यान

    • तालाब बनाने के लिए, अच्छी मिट्टी वाले जगह का चुनाव करें
    • मछली पालन के लिए तालाब में साल भर पानी रहना चाहिए
    • तालाब बनाने के लिए, मिट्टी के प्रकार, उर्वरकता, जल धारण क्षमता पर ध्यान दें
    • तालाब की तैयारी के लिए, तालाब से सभी जलीय पौधे,खाऊ और छोटी-छोटी मछलियों को निकाल दें
    • तालाब में मछली पालन के लिए, मछली के आहार का ध्यान रखें
    • चावल की भूसी और सरसों की खली का इस्तेमाल किया जा सकता है
    • तालाब में मछलियों को पर्याप्त भोजन मिले, इसके लिए हर महीने गोबर की खाद और 75 किलो एनपी खाद डालें
    • तालाब में पानी का स्तर समय-समय पर बदलते रहें
    • अगर मछलियां मर रही हैं, तो तालाब का पानी लेकर कार्यालय जाएं और इसकी जांच करवाएं
    • मछली पालन के लिए, सरकार अनुदान देती है. अनुसूचित जाति को 25 प्रतिशत और सामान्य जाति को 20 प्रतिशत का अनुदान मिलता है
    • मछली पालन के लिए, मत्स्य विभाग के कार्यालय से लोन की सुविधा भी ली जा सकती है

    कॉर्प व पंगाब मछली की अच्छी खेती

    उन्होंने बताया कि किसानों को अधिक लाभ मछली पालन से हो सकता है। एक एकड़ जलक्षेत्र में एक वर्ष में पांच लाख रुपये तक की आमदनी प्राप्त की जा सकती है। बताया कि जिले में कॉर्प व पंगाब मछली की अच्छी खेती हो सकती है।

    प्रशिक्षण के समन्वयक विज्ञानी डा. उमेश नारायण उमेश ने बताया कि प्रशिक्षण दो सितंबर से चल रहा था।समेकित खेती के सभी घटकों की जानकारी एवं उसकी उपयोगिता 31 किसानों को बताई गई।

    इस दौरान केंद्र के अन्य विज्ञानियों ने भी विषय वस्तु पर विस्तार से चर्चा की। अंत में प्रशिक्षुओं को सर्टिफिकेट भी दिया गया।

    मौके पर कई वरीय विज्ञानी रहे मौजूद

    मौकै पर केंद्र के अध्यक्ष सह वरीय विज्ञानी डा. सीमा कुमारी, भोजन एवं पोषण विज्ञानी डा. ज्योति सिन्हा, उद्यान विज्ञानी विभा रानी, प्लांट पैथोलॉजी विज्ञानी आरती कुमारी, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञानी डा. विद्या शंकर सिन्हा, फार्म मैनेजर दीपक कुमार, कंचन आदि अन्य उपस्थित थे।

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