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    अपराध की दुनिया में समय के साथ बढ़ता गया 'मुखिया जी; का ग्राफ, साथी की हत्या बनी गले की फांस

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 02:35 AM (IST)

    समस्तीपुर में पूर्व मुखिया मनोरंजन गिरी की हत्या से सनसनी फैल गई है। 2012 में वीरेंद्र झा की हत्या के बाद मनोरंजन का नाम चर्चा में आया था। 2016 में पंचायत चुनाव जीतकर मुखिया बने और अपराध जगत में अपनी पहचान बनाई। नलजल योजना में भी उन्होंने काफी धन कमाया। 2021 में पत्नी का नामांकन कराकर चुनाव जीता था।

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    मुखिया मनोरंजन गिरि का फाइल फाेटो। (सौ : फेसबुक वाल)

    जागरण संवाददता, समस्तीपुर। मनोरंजन गिरी, यह नाम वर्ष 2012 में उस समय चर्चा में आया जब पूर्व जिप सदस्य वीरेंद्र झा उर्फ फन्नू झा की हत्या हुई। समय के साथ ही यह नाम भी अपराध की दुनिया में तेजी के साथ बढ़ने लगा।

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    वर्ष 2016 के पंचायत चुनाव में जिप सदस्य हत्याकांड से जेल से छूटकर निकलने के बाद मनोरंजन ने पंचायत का चुनाव लड़ा। नसीब ने साथ दिया और चुनाव में जीत मिली। मुखिया के पद पर विराजमान होने के बाद में अपराध की दुनिया में मुखिया की तूती बोलनी शुरू हो गई।

    लोग अब मनोरंजन नहीं, उसे मुखिया जी कहकर संबोधित करने लगे। समय के साथ पंचायत की सेवा और आपराधिक गतिविधियों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उसकी सक्रियता रहती। पंचायत में अब मुखिया का वर्चस्व स्थापित हो चुका था।

    आसपास के इलाकों में बनाई हनक

    वह धीरे-धीरे सातनपुर व आसपास के इलाके में अपनी एक अलग हनक बना चुका था। इस दौरान उसके ऊपर जिले के अलावा पटना और बेगूसराय में भी आपराधिक मुकदमा दर्ज हुए।

    वह कानूनी दांव-पेंच लगाकर इन मुकदमों से बचता रहा। 2020 आते-आते वह अपराध की दुनिया में पूरी तरह से चर्चित हो चला था। सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नलजल योजना की शुरुआत के समय मुखिया ने भरपूर फायदा उठाया और काम कर अच्छी खासी कमाई की।

    वर्ष 2021 के चुनाव में दायर किए गए हलफनामे में उसने अपनी संपत्ति 42 लाख रुपये की बताई लेकिन, जानकार बताते हैं कि उसने इससे कई गुणा अधिक संपत्ति अर्जित की। बताया गया कि मुखिया ने काले कारोबार से आपराधिक जगत में कदम रखा।

    एनएच किनारे सातनपुर में अवैध गैस और तेल कटिंग से उसने इस जगत में कदम रखा। वीरेंद्र हत्याकांड के बाद गत वर्ष नेपाली हत्याकांड में एक बार फिर उसका नाम आया लेकिन, एक बार फिर वह जेल से दांव-पेंच लगाकर निकल आया।

    इसके बाद में मुखिया ने अपने ही सहयोगी विक्रम की हत्या करवा दी। यह हत्याकांड मुखिया के गले की फांस बन गई। आशंका है कि इसी हत्या के बदले की नीयत से उसकी हत्या की गई।

    दूसरी दफा पति-पत्नी दोनों ने किया था नामांकन 

    वर्ष 2021 मनोरंजन चुनाव लड़ना चाह रहा था लेकिन, नेपाली हत्याकांड की वजह से वह फरार था। मुखिया ने तिकड़म रचकर गुपचुप ढंग से अपना नामांकन दाखिल किया।

    नामांकन रद होने की वजह से उसने अपनी धर्मपत्नी जुली कुमारी का नामांकन भी कराया। नामांकन स्वीकार होने के बाद में मुखिया की पत्नी ने अपना आवेदन वापस ले लिया। मुखिया ने चुनाव लड़ा और एक बार फिर जीत दर्ज की।