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    Bihar PACS New Rules: अब आसान नहीं होगा पैक्स सदस्य का इस्तीफा देना, नीतीश सरकार ने लागू किए नए नियम

    Updated: Mon, 14 Apr 2025 03:30 PM (IST)

    बिहार में पैक्स सदस्यों के इस्तीफे को लेकर नए नियम लागू किए गए हैं। बिना ठोस कारण इस्तीफा देने पर सदस्यों को पांच साल तक चुनाव लड़ने से वंचित किया जा सकता है। सहयोग समिति का मानना है कि इससे समिति का कार्य प्रभावित होता है। प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी इस्तीफे के कारणों की जांच करेंगे और वैध कारण न होने पर कार्रवाई की जाएगी।

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    पैक्स को लेकर नीतीश सरकार ने लागू किए नए नियम। फाइल फोटो

    संवाद सूत्र, नवहट्टा (सहरसा)। बिहार में अब पंचायत स्तर पर स्थित प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) के प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य बिना किसी ठोस और मान्य कारण के इस्तीफा नहीं दे पाएंगे।

    इस्तीफा देने पर कार्रवाई

    यदि कोई सदस्य बिना उचित कारण के इस्तीफा देता है, तो उसे इसका खामियाजा भुगतना होगा। ऐसे सदस्यों को पांच साल तक पैक्स का चुनाव लड़ने से वंचित किया जा सकता है।

    सहयोग समिति का मत

    सहयोग समिति के निबंधक का मानना है कि प्रबंधकारिणी समिति के सदस्यों द्वारा बिना वैध कारणों के इस्तीफा देने से समिति के महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो सकते हैं, जिससे किसानों को नुकसान होता है।

    वैध कारणों की पड़ताल

    पैक्स सदस्य के इस्तीफे को केवल एक आधार मानकर समिति को भंग करना अंतिम उपाय होगा। इससे पहले, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी (बीसीओ) ऐसे पैक्सों की प्रबंधकारिणी समितियों की बैठक आयोजित करेंगे।

    बैठक में स्पष्टीकरण

    बैठक में, समिति सदस्यों से इस्तीफे के वैध कारणों के बारे में जानकारी मांगी जाएगी। यदि यह स्पष्ट हो जाता है कि प्रबंधकारिणी सदस्य बिना किसी वैध कारण के इस्तीफा दे रहे हैं, तो ऐसे सदस्यों के खिलाफ बिहार सहकारी सोसायटी अधिनियम, 1935 की धारा 41 के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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    राजनीति से प्रभावित इस्तीफे

    स्थानीय राजनीति से प्रभावित होकर पैक्स के कार्यों को बाधित करने के लिए सदस्यों का इस्तीफा देना एक आम बात हो गई है, जिसे रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।

    समिति का महत्व

    राज्य सरकार द्वारा पंचायत स्तर पर किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए पंचायत स्तर पर पैक्स का गठन किया गया है। पैक्स के संचालन में प्रबंधकारिणी समिति के सदस्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

    निर्णय लेने की प्रक्रिया

    पैक्स या किसान हित में लिए जाने वाले सभी महत्वपूर्ण निर्णय प्रबंधकारिणी समिति के सदस्यों के बहुमत से पारित होना आवश्यक है। प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य के इस्तीफा देने से विभाग को संबंधित पैक्स को भंग करके नए सिरे से चुनाव कराने की आवश्यकता हो जाती है।

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