Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar PACS News: बिहार में अब डिजिटल होगा पैक्सों का हिसाब-किताब, डेटा रखेगा सॉफ्टवेयर; पढ़ें डिटेल

    Updated: Fri, 13 Dec 2024 02:18 PM (IST)

    आरा की प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) में डिजिटलीकरण (Bihar PACS Digitalization) के माध्यम से पारदर्शिता एकरूपता और वित्तीय अनुशासन बढ़ा है। 199 पैक्स को डिजिटल किया जा चुका है जबकि 29 को तकनीकी रूप से अयोग्य पाया गया। डिजिटलीकरण से पैक्सों का ऑडिट आसान हुआ है और किसानों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। इंटरनेट प्रिंटर व कम्प्यूटर से लैस हैं।

    Hero Image
    बिहार में अब डिजिटल होगा पैक्सों का हिसाब-किताब, डेटा रखेगा सॉफ्टवेयर

    जागरण संवाददाता, आरा। प्राथमिक कृषि साख समितियों (पैक्स) के कामकाज में पारदर्शिता, एकरूपता व वित्तीय अनुशासन बढ़ गया है। सभी पैक्सों को डिजिटल मोड में लाने का लक्ष्य है। इस बाबत जिले के 199 पैक्सों को डिजिटल किया गया है। अन्य 29 समितियों को तकनीकी रूप से अयोग्य पाया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संदेश प्रखंड के चिल्लोहस पैक्स अध्यक्ष तेज प्रताप सिंह कहते हैं कि यहां बेहतर सुविधाएं प्राप्त हो रही हैं। इंटरनेट, प्रिंटर व कम्प्यूटर से लैस हैं। इससे एक क्लिक में ही कंप्यूटर पर पैक्स के एक-एक डेटा सोसाइटी के सामने होता है। पैक्स के कंप्यूटरीकरण होने से काम में तेजी के साथ लोगों को सुविधाएं मिल रही हैं। इससे पैक्सों का ऑडिट करना आसान हो गया है।

    जिला सहकारिता पदाधिकारी लवली ने बताया कि सभी कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से जोड़े जाएंगे। इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पैक्स के बही खातों में गड़बड़ी रोकने, रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन हो जाएगा। इससे फायदा यह होगा कि अगर कोई पैक्स हार जाएगा तो यह नहीं कहा जा सकता है कि वह सभी रजिस्टर लेकर भाग गया है। इसमें ऑनलाइन डेटा रहने से नए अध्यक्ष को पूर्व के डेटा लेने में परेशानी नहीं होगी।

    पिछले साल शुरू हुई डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया

    विगत वर्ष में जिला स्तरीय कार्यान्वयन अनुश्रवण समिति (डीएलएमआईसी) का गठन किया गया था। जिले में कुल 228 पैक्स हैं, लेकिन गत वित्तीय वर्ष में 199 पैक्सों का कंप्यूटरीकरण किया गया। वित्तीय वर्ष 2026-27 तक जिले के सभी पैक्सों में डिजिटल कामकाज शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। सरकार का मानना है कि किसानों की दशा बदलने और गांव में बैंकिंग सुविधा पहुंचाने में पैक्स सबसे अहम भूमिका निभा सकते हैं।

    डिजिटल बैंकिंग और लेनदेन पर सरकार का फोकस है, पैक्सों का कंप्यूटरीकरण होने से इस लक्ष्य को भी आसानी से साधा जा सकेगा। जिला सहकारिता पदाधिकारी ने कहा कि जितने पैक्सों का ऑडिट पूरा हो चुका है उसकी सूची विभाग को भेज दी गई है। विभागीय कार्रवाई जोर-शोर से चल रही है। जल्द ही सभी चयनित पैक्स सॉफ्टवेयर से जोड़ दिए जाएंगे।

    प्रति पैक्स तीन लाख 91 हजार रुपये हुए हैं खर्च

    पैक्सों का कंप्यूटरीकरण केंद्र सरकार प्रायोजित योजना है और नाबार्ड इसकी कार्यान्वयन एजेंसी है। डिजिटल करने में प्रति पैक्स तीन लाख 91 हजार रुपये खर्च किया गया है। इसका अधिकांश खर्च केंद्र सरकार ने वहन किया है। कंप्यूटरीकरण में आने वाले खर्चे का 60 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार ने वहन किया है, जबकि 40 प्रतिशत खर्च नाबार्ड ने वहन किया है।

    निम्न पैक्सों का हो चुका है कंप्यूटरीकरण

    आरा सदर प्रखंड के भकुरा, दौलतपुर, महुली, गंगहर, धमार पैक्स, शाहपुर प्रखंड में डुमरिया, दामोदपुर, परसाेण्डा, सुहिया, हरिहरपुर पैक्स तरारी प्रखंड के बागर और सिकरहटा पैक्स, कोईलवर प्रखंड में राजापुर, बिरमपुर, नरबीरपुर पैक्स, जगदीशपुर प्रखंड के सिअरूआ और हेतमपुर पैक्स, बड़हरा प्रखंड के बभनगांव, पूर्वी गुण्डी, बिसुनपुर, मटुकपुर, नेकनामटोला पैक्स, पीरो में अकरूआ, लहठान, बरांव, तार पैक्स और बिहिया प्रखंड में पिपरा जगदीशपुर, फिनगी, चकवथ, दोघरा, मझौवां, कमरियांव आदि पैक्स का कंप्यूटरीकरण किया गया है।

    ये भी पढ़ें- Bihar News: बिहार के किसानों की बल्ले-बल्ले, नीतीश सरकार ने कर दिया बड़ा एलान; मिलेंगी कई सुविधाएं

    ये भी पढ़ें- Bihar PACS Election: मतदाता सूची में बड़ी गड़बड़ी, 8 जिलों की 17 पंचायतों में पैक्स चुनाव अगले आदेश तक स्थगित

    comedy show banner