बिहार में रेलवे की मनमानी! पैसेंजर ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों से लिया जा रहा एक्सप्रेस का किराया
पैसेंजर ट्रेनों के यात्रियों से एक्सप्रेस ट्रेन का किराया वसूलने का मामला पूर्व मध्य रेल के सहरसा रेलखंड से आया है। यहां पैसेंजर ट्रेन के निर्धारित किराए से तीन गुना अधिक पैसा वसूला जा रहा है। इससे यात्रियों को तो नुकसान हो रहा है लेकिन रेलवे खूब मुनाफा कमा रही है। यात्रियों का कहना है कि यह रेलवे की मनमानी है।
संवाद सूत्र, सहरसा। पूर्व मध्य रेल सहरसा रेलखंड में चलने वाली अधिकांश पैसेंजर ट्रेनों में यात्रियों से एक्सप्रेस ट्रेन का किराया वसूला जा रहा है। पैसेंजर ट्रेन के निर्धारित किराए से तीन गुना अधिक भाड़ा रेलवे वसूल कर रही है। इससे रेल यात्रियों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। वहीं रेलवे अधिक मुनाफा कमा रही है।
एक्सप्रेस के नाम पर पैसेंजर ट्रेन की सेवा
कोरोना काल से पहले पैसेंजर ट्रेनों का किराया निर्धारित था। हर पैसेंजर ट्रेन में एक ही किराया लगता था, लेकिन कोरोना काल के बाद जिन पैसेंजर ट्रेनों को एक्सप्रेस स्पेशल के नाम पर चलाया जा रहा है, वैसे पैसेंजर ट्रेनों का किराया तीन गुना अधिक है। यानि एक्सप्रेस ट्रेन का भाड़ा यात्रियों से वसूला जा रहा है।
सहरसा रेल खंडों में चलने वाली स्पेशल ट्रेनों का ठहराव सभी स्टेशनों व हाल्ट पर है। जबकि एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव हाल्ट को छोड़कर मुख्य स्टेशनों पर ही रहता है। इससे यात्रियों को समय की बचत होती है। कई यात्रियों ने बताया कि ट्रेन में एक्सप्रेस का किराया वसूला जा रहा है और सुविधा पैसेंजर ट्रेन की मिल रही है।
अधिक किराया लेने से यात्री परेशान
कई यात्रियों ने रोषपूर्ण स्वर में कहा कि एक ही जगह का अधिक किराया लिया जा रहा है। शहर के गांधी पथ निवासी भानू, गंगजला के संजय गुप्ता रोषपूर्ण स्वर में कहते हैं कि रविवार को सुबह में सहरसा से 07.45 बजे पैसेंजर ट्रेन नंबर 05275 से धामारा घाट स्टेशन गए, जहां का किराया सहरसा से टिकट संख्या यूआरएफ 87719323 चार यात्रियों का चालीस रुपये लिया गया। यानि प्रति यात्री दस रुपया का टिकट दिया गया।
वहीं वापसी में उसी दिन सुबह 10:45 में धामाहरा स्टेशन पर ट्रेन नंबर 05244 से सहरसा वापिस लौटे, तो उस ट्रेन में चार यात्रियों का किराया 120 रुपये लिया गया। जिसका टिकट नंबर यूआरएफ 85784422 से 85784424 तक था। प्रति यात्री तीस रुपये लिए गए।
कहने को तो एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन था, लेकिन पैसेंजर ट्रेन की ही तरह हर स्टेशन-हाल्ट पर रूकते हुए सहरसा पहुंची। एक ही स्टेशन से आने जाने के लिए अलग-अलग किराया देना पड़ा। यह रेलवे की मनमानी नहीं है तो और क्या है।
ट्रेनों में किराया निर्धारित रहता है। पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेन का अलग अलग किराया रहता है। एक्सप्रेस स्पेशल और पैसेंजर ट्रेन का क्या मामला है। इसका पता करते है। देखते है, क्या मामला है- विनय श्रीवास्तव, मंडल रेल प्रबंधक, पूर्व मध्य रेल।