Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar News: बिहार की छठी पास शांति देवी ने दी IAS अधिकारियों को ट्रेनिंग, इनकी कहानी आपको भी करेगी प्रेरित

    By Rajan KumarEdited By: Rajat Mourya
    Updated: Sun, 15 Oct 2023 02:40 PM (IST)

    बिहार के सहरसा जिले की एक महिला इन दिनों काफी चर्चा में है। छठी पास महिला ने मसूरी के लबासना जाकर आईएएस अधिकारियों को ट्रेनिंग दी है। महिला का नाम शांति देवी है। शांति देवी कहती हैं कि अगर मन में दृढ निश्चय और काम के प्रति समर्पण हो तो कोई भी मंजिल पाई जा सकती है। शांति देवी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है।

    Hero Image
    बिहार की छठी पास शांति देवी ने दी IAS अधिकारियों को ट्रेनिंग, इनकी कहानी आपको भी करेगी प्रेरित

    राजन कुमार, सहरसा। Bihar News जिले के सोनवर्षा प्रखंड के सोहा पंचायत के मनोरी गांव की रहने वाली शांति देवी आईएएस अधिकारियों को ट्रेनिंग देकर अन्य कामकाजी महिलाओं के लिए मिसाल बन गई हैं। सामाजिक व ग्रास रूट पर किसानों के बीच काम करने वाली छठी पास शांति देवी को इसी साल मई-जून माह में मसूरी जाने का अवसर मिला।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन में शांति देवी ने बतौर प्रशिक्षक आईएएस अधिकारियों को सीएलएफ क्लस्टर लेवल फेडरेशन, फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी में होने वाले समूह के काम और उससे होने वाली आर्थिक उन्नति व टीम वर्क का पाठ पढ़ाया।

    आईएएस अधिकारियों को पढ़ाया पाठ

    शांति देवी ने 31 मई से दो जून तक आईएएस अधिकारियों को मक्के की खेती, उत्पादन और बाजार की विधिवत ट्रेनिंग दी। वे कहती हैं कि ट्रेनिंग सेंटर में पूरे देश के विभिन्न राज्यों के 220 आईएएस अधिकारी थे। शांति देवी ने माइक पर सभी के सामने अनुभवों को भी साझा किया। शांति देवी ने आईएएस अधिकारियों को बताया कि किस तरह उन्होंने खेती की शुरुआत कर अपनी आमदनी बढ़ाई।

    संघर्ष भरा रहा शांति देवी का जीवन

    शांति देवी कहती हैं कि उनका जीवन संघर्षों से भरा है। शुरुआत में वो अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए दूसरे पर निर्भर थीं। लेकिन अब उनकी स्थिति काफी बेहतर है। शांति देवी ने बताया कि पहले वो खेतों में मजदूरी करती थीं और खाद-बीज के लिए बाजार पर निर्भर रहना पड़ता था। फिर वो जीविका से जुड़ीं और गांव में खाद-बीच की व्यवस्था की।

    शांति देवी के परिवार में पति, दो बेटे और एक बेटी सहित सास है। इनकी माली हालत पहले खराब थी। घर का कामकाज करते हुए समूह से जुड़ने के बाद वे वर्ष 2018 में गांव में ही रहकर मक्का खरीदारी कंपनी की सचिव बनीं। इसके बाद उन्होंने मक्के की खरीदारी शुरू कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाया। आज वह अपने बच्चों को पढ़ाने के साथ घर भी चला रही हैं।

    समूह बनाकर बढ़ाई आमदनी

    शांति देवी कहती हैं कि उन्होंने जीविका में जुड़ने के बाद आसपास के गांवों की 1800 महिलाओं को जोड़ा और समूह बनाया। हर महिला से 500 रुपये का सहयोग लिया और करीब 2 लाख रुपये जमा किए। इसी दो लाख रुपये से मक्के का व्यवसाय शुरू किया। गांव में ही खेती के सभी संसाधन बीज, खाद आदि मुहैया कराने लगीं और धीरे-धीरे खेती भी बढ़ने लगी। अब मनोरी और बेगूसराय में शांति देवी ने दो गोदाम भी किराये पर लिए हुए हैं। इस वर्ष उनकी कंपनी का कारोबार 7 करोड़ से अधिक होगा। इस वर्ष मक्के की खरीदारी एक हजार टन तक गई है।

    बेटे को बनाया सॉफ्टवेयर इंजीनियर

    शांति देवी को दो पुत्र और एक पुत्री है। बड़ा लडका विक्रम कुमार बीटेक कर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बन गया है। लड़की ऋचा कुमारी ग्रेजुएशन करके बिहार पुलिस की तैयारी कर रही है। सबसे छोटा लड़का नवीन कुमार गांव में रहकर इंटर उत्तीर्ण करने के बाद स्नातक की पढ़ाई कर रहा है। शांति देवी कहती हैं कि अगर मन में दृढ निश्चय और काम के प्रति समर्पण हो तो कोई भी मंजिल पाई जा सकती है।

    LBSNAA में मिला सम्मान

    वे कहती हैं कि मसूरी जाने के लिए जब उनका चयन हुआ तो पहले तो यकीन ही नहीं हुआ कि जिनकी बुद्धि व कौशल क्षमता से देश चल रहा है, वैसे आईएएस अधिकारियों को ट्रेनिंग देने का अवसर मिला है। पटना से फ्लाइट से दिल्ली और फिर देहरादूर होते हुए शांति देवी मसूरी पहुंचीं। बिहार से चार महिलाएं थीं। वहां ट्रेनिंग देने के बाद हमें सम्मानित भी किया गया। यह हमारे लिए काफी गौरव का क्षण था। वे कहती हैं दीदीयों ने उड़ान भरना सीख लिया है। अब तो आटा उद्योग सहित अन्य कई उद्योग जीविका लगा रही हैं।

    ये भी पढ़ें- Bihar News : बिहार में 'प्रमोशन' देने के लिए सरकारी विभागों ने बढ़ाया एक और कदम, कर्मचारियों को मिली 24 घंटे की मोहलत

    ये भी पढ़ें- यहां गिरा था सती माता की पीठ का हिस्सा, जब शरीर के हुए थे 51 खंड; जानिए छोटी पटन देवी मंदिर का रोचक इतिहास