अजब-गजब: बिहार में अंगूठा लगाकर सामाजिक सुरक्षा पेंशन ले रहे भूत
बिहार के सासाराम जिले में भूत भी समाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ ले रहे हैं। मौत के 14 महीने बाद एक महिला प्रखंड कार्यालय पहुंचकर 10 माह का एकमुश्त पैसा लेकर चली गई।
रोहतास [सतीश कुमार]। बिहार में भूत भी समाजिक सुरक्षा पेंशन ले रहे हैं। मौत के 14 महीने बाद स्वर्ग से एक महिला आती है और अपने 10 माह का एकमुश्त पेंशन लेकर वापस चली जाती हैं।
चौकिये मत! स्वर्ग में भी सामाजिक सुरक्षा का पेंशन पहुंच जाता है। यह सोलह आना सच है। हां इसके लिए साहब और बाबू की मेहरबानी जरुरी है। अगर विश्वास नहीं है तो, आप खुद ही देख लीजिए।
दिनारा प्रखंड के नटवार कला की रहने वाली सुमद्री देवी मौत के 14 महीने बाद स्वर्ग से चलकर दिनारा प्रखंड कार्यालय पहुंची, और वहां से 10 माह का एकमुश्त पेंशन चार हजार रुपये लेकर चली गई। इसके लिए उसने अंगूठा का निशान भी लगाया।
इसकी पहचान भी कोई आम आदमी नहीं, बल्कि तेनुअज पंचायत के सचिव ने की। सूचना के अधिकार के तहत उपलब्ध कराई गई जानकारी से मृतकों को भी सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ मिलने का खुलासा हुआ है। प्रशासन द्वारा आनन-फानन में जांच शुरू कर दी गई है।
क्या है मामला
दिनारा प्रखंड के नटवार कला निवासी सुमद्री देवी को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन के रूप में चार सौ रुपये प्रतिमाह मिलता था। पेंशन की राशि प्राप्त करने के लिए उसे प्रखंड मुख्यालय या पंचायत में आयोजित शिविर में जाना पड़ता था। जहां वितरण पंजी में लगी फोटो से मिलान कर पंचायत सचिव द्वारा नकद राशि उपलब्ध कराई जाती थी।
इसी बीच समुद्री देवी की मौत 23 फरवरी वर्ष 2015 को हो गई। उस समय उसे दिसम्बर 2014 तक की ही पेंशन मिली थी। 23 अप्रैल 2016 को शिविर में पेंशन राशि के रूप में चार हजार रुपये का भुगतान उसके नाम पर किया गया। इसके लिए वितरण पंजी में फोटो से मिलान के बाद अंगूठा का निशान भी लिया गया, जिसकी पहचान पंचायत सचिव ने की।
आरटीआइ से हुआ खुलासा
नटवार निवासी जगदयाल सिंह ने समुद्री देवी की मौत के बाद भी पेंशन राशि का भुगतान किए जाने के संबंध में आरटीआई के तहत 29 अप्रैल 2017 को बीडीओ दिनारा से जानकारी मांगी थी। जिसके बाद उपलब्ध कराई गई जानकारी में 31 अक्टूबर 2015 तक भुगतान होने की बात कही गई।
जिसकी शिकायत उसने साक्ष्य के रूप में मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक से की। निदेशक ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए बीडीओ दिनारा से जांच कर रिपोर्ट तलब की।
शुरू हुई कार्रवाई
मौत के 14 महीने बाद भी लाभुक को पेंशन के लिए शिविर में पहुंचना व वहां से भुगतान दिखा देना सिस्टम की पोल खोलकर रख दिया है। समुद्री देवी जैसे कई लाभुक मौत के बाद भी पेंशन लिए हों, इसकी भी जांच शुरू हो गई है। सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक अशोक कुमार गुप्ता ने बीडीओ को पत्र भेज जांच व कार्रवाई के लिए कहा है।
दिनारा प्रखंड के बीडीओ ने 16 जून 2017 को इस मामले में संबंधित पंचायत सचिव राम अवधेश सिंह से स्पष्टीकरण की मांग की है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
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ऐसे मिलता है लाभ
गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले 60 वर्ष से अधिक उम्र वाले महिला पुरुष को राष्ट्रीय वृद्धा पेंशन मुखिया की अनुशंसा पर सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। एक वर्ष पूर्व तक पेंशन की राशि प्रखंड या पंचायत मुख्यालय पर शिविर लगा पंचायत सचिव द्वारा चार सौ रुपये प्रतिमाह की दर से नकद उपलब्ध कराई जाती थी। परंतु अब सीधे लाभुक के खाते में पेंशन राशि भेजी जाती है।
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