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    Bihar News: अंग्रेजों का बनाया पुल टूटने से दो दशक से आवागमन बाधित, बिजली के खंभे के सहारे पार कर रहे लोग

    Rohtas News प्रखंड क्षेत्र के भानपुर साइफन में रेहीं गांव के पास अंग्रेजों का बनाया पुल 20 वर्ष पहले टूट जाने से आसपास के लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही किसानों को दूसरी तरफ खेती करने में भी काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है। बरसात के दिनों में जब साइफन में पानी भर जाता है तो स्थिति और भयावह हो जाती है।

    By Satish Chandra Chaturvedi Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sat, 06 Jul 2024 10:21 PM (IST)
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    अंग्रेजों का बना पुल ढह गया (जागरण)

     संवाद सूत्र,  दिनारा (रोहतास)। Rohtas News: प्रखंड क्षेत्र के भानपुर साइफन में रेहीं गांव के पास अंग्रेजों का बनाया पुल 20 वर्ष पहले टूट जाने से आसपास के लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही किसानों को दूसरी तरफ खेती करने में भी काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है।

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    वहीं बड़का लाट, ढालोचक गांव के बच्चों को टूटे पुल पर रखे बिजली के खंभे के सहारे साइफन पार कर पढ़ने के लिए विद्यालय जाना पड़ता है, जिससे हर समय खतरा बना रहता है। बड़े बुजुर्ग एवं महिलाओं को भी प्रखंड मुख्यालय तक आने के लिए इस बिजली के खंभे का सहारा लेकर साइफन पार करना पड़ता है।

    बरसात में बढ़ जाती है परेशानी 

    बरसात के दिनों में जब साइफन में पानी भर जाता है, तो स्थिति और भयावह हो जाती है। अभिभावक अपने छोटे बच्चों को साइफन में गिरने के भय से स्कूल भेजना बंद कर देते हैं। वहीं बड़े बच्चे, महिला एवं वृद्धजन किसी तरह जान जोखिम में डाल बिजली के खंभे पर चढ़ साइफन पार करने को मजबूर होते हैं।

    रेही, बड़का लाट, सखुआ, जिगना, रामपुर, बराढ़ी कला, मठिया आदि गांव के किसानों की दो से तीन सौ एकड़ खेती नहर की दूसरी तरफ होने के कारण खेतों तक ट्रैक्टर, हार्वेस्टर ले जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।

    खेत में फसल कटने पर बोझ लाना या धान, गेहूं हार्वेस्टिंग के बाद घर या बाजार तक ले जाना अत्यंत कठिन हो जाता है, क्योंकि अनाज का बोरा या फसल का बोझा लेकर बिजली के खंभे पर पार करना अत्यंत जोखिम भरा कार्य है और कभी भी अप्रिय घटना घटित हो सकती है।

    स्थानीय लोगों ने बताया कि वर्षों से जनप्रतिनिधियों से यहां पुल के निर्माण के लिए मांग की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।

    कहते हैं लोग 

    इस क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक गांव की खेती की सुविधा को देखते हुए ब्रिटीश सरकार के समय में साइफन के साथ पुल का निर्माण किया गया था, लेकिन 20 वर्ष पूर्व यह पुल कटाव के कारण टूट गया।

    जिसके चलते इस क्षेत्र के किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सत्यनारायण सिंह, किसान, रेहीं बरसात के दिनों में साइफन में जब पानी भर जाता है, उस स्थिति में बिजली के खंभे पर साइफन पार कर उस पार खेती के लिए जाना अत्यंत भयावह होता है।

    फिर भी हम लोग जान-जोखिम में डालकर मजबूरन खेती के लिए जाते रहते हैं। केदार सिंह, किसान, रेहीं साइफन पुल के निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों ने सांसद, विधायक तथा अन्य नेताओं से अनेक बार मांग की, लेकिन यहां के लोगों की इस समस्या की ओर आजतक किसी ने ध्यान नहीं दिया। सत्येंद्र कुमार, समाजसेवी, 

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