Rohtas News: डेहरी रेलवे स्टेशन पर 12 किशोरियों के साथ धराया मानव तस्कर, तमिलनाडु ले जाने की थी तैयारी
डेहरी आन-सोन रेलवे स्टेशन पर आरपीएफ ने 12 किशोरियों के साथ एक मानव तस्कर को गिरफ्तार किया। तस्कर लड़कियों को कपड़ा कारखाने में काम दिलाने के नाम पर तमिलनाडु ले जा रहा था। पूछताछ में पता चला कि किशोरियां झारखंड के पलामू जिले की रहने वाली हैं जिन्हें मजदूरी का झांसा दिया गया था। फर्जी आधार कार्ड बनवाकर उन्हें युवती बताकर ले जाया जा रहा था।
संवाद सहयोगी, डेहरी आन-सोन (रोहतास)। स्थानीय रेलवे स्टेशन परिसर से आरपीएफ ने रविवार को 12 किशोरियों के साथ एक मानव तस्कर को गिरफ्तार किया।
गिरफ्तार तस्कर कपड़ा कारखाना में काम दिलाने के नाम पर लड़कियों को तमिलनाडु ले जा रहा था। आरोपित निरंजन कुमार पटना जिले के मसौढ़ी थानांतर्गत मातौड़ी गांव का निवासी है।
आरपीएफ निरीक्षक राम विलास राम के अनुसार प्लेटफॉर्म पर गश्ती के क्रम में आरपीएफ जवानों ने झुंड में किशोरियां को संदिग्ध हालत में देख उनसे पूछताछ शुरू की।
पूछताछ के दौरान किशोरियों ने बताया कि वे झारखंड राज्य के पलामू जिला अंतर्गत पाकी, सतबरवा, पाटन समेत छह थाना क्षेत्र के अलग-अलग गावों की रहने वाली हैं।
मजदूरी का झांसा देकर ले जा रहे थे तमिलनाडु
सभी ने बताया कि गिरफ्तार मानव तस्कर द्वारा धागा कारखाना में 375 रुपए प्रतिदिन की दैनिक मजदूरी पर कार्य करने के लिए कहकर तमिलनाडु जाया जा रहा है।
पकड़ी गई सभी किशोरियों के आधार कार्ड की जांच में उनकी उम्र 18 वर्ष से अधिक दर्शाई गई है, किंतु स्वजनों को सूचित कर पड़ताल करने के क्रम में शैक्षिक योग्यता प्रमाण पत्र देखे जाने पर कोई सातवीं तो कोई आठवीं एवं मैट्रिक कक्षा की छात्रा निकली।
फर्जी आधार कार्ड बनवाकर सभी को युवती दिखा कर मजदूरी करने ले जाया जा रहा था। पकड़ी गई सभी किशोरियों को चाइल्ड हेल्पलाइन के कार्यकर्ताओं को सूचित कर उन्हें सुरक्षित उनके साथ चाइल्ड हेल्प लाइन भेजा गया, ताकि वे सुरक्षित अपने परिवारजन तक पहुंच सकें।
वहीं, गिरफ्तार मानव तस्कर को राजकीय रेल थाना को सुपुर्द कर दिया गया। जीआरपी थानाध्यक्ष ने गिरफ्तार तस्कर को रेलवे न्यायालय गया के आदेश पर जेल भेज दिया गया।
पूर्व में भी किशोरियों को कराया गया है मुक्त
बता दें कि मजदूरी और शिक्षा देने के नाम पर गरीब परिवार की किशोरियों और युवतियों को तमिलनाडु समेत अन्य स्थानों पर पूर्व से ही भेजने का सिलसिला जारी है।
एक माह पूर्व भी आरपीएफ ने गया जिले के सुदूर गांव की चार किशोरियों को मजदूरी के नाम पर ले जाने के क्रम में यहां पकड़ा था तथा दो मानव तस्कर को जेल भेजा गया था।
गत वर्ष भी सिलाई और कंप्यूटर सिखलाने के नाम पर कैमूर पहाड़ी पर बसे गांवों की 20 लड़कियों को गढ़वा जिले के एक युवक द्वारा चेन्नई ले जाने के क्रम में पकड़ा गया था।
आरपीएफ निरीक्षक ने बताया कि पूछताछ के क्रम में किशोरियों ने बताया कि इन्हें टाटानगर ले जाकर वहां से ट्रेन द्वारा चेन्नई ले जाने की योजना थी।
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