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    किसान खरीद रहे अधिक दाम पर खाद, निर्धारित मूल्य से पांच से छह सौ रुपये का घालमेल; अधिकारी ने दिया चौंकाने वाला जवाब

    Updated: Mon, 16 Dec 2024 02:36 PM (IST)

    धान के कटोरे में गेहूं की बोआई के लिए आवश्यक एनपीके खाद की कृत्रिम कमी पैदा कर दुकानदार किसानों से निर्धारित मूल्य से पांच से छह सौ रुपये अधिक मुनाफा लेकर लगभग दो हजार रुपये प्रति बोरी दे रहे हैं। कृषि विभाग और अन्य अधिकारी खाद की उपलब्धता बता रहे हैं लेकिन किसान परेशान हैं। बफर स्टॉकिस्ट और थोक विक्रेताओं की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, सासाराम (रोहतास)। धान के कटोरे में गेहूं की बोआई ने अब जोर पकड़ लिया है। इसके लिए आवश्यक एनपीके खाद की कृत्रिम कमी पैदा कर दुकानदार किसानों से निर्धारित मूल्य 14 सौ रुपये से पांच से छह सौ रुपये अधिक मुनाफा लेकर लगभग दो हजार रुपये प्रति बोरी दे रहे हैं।

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    वहीं कृषि विभाग तथा अन्य संबंधित अधिकारी खाद की उपलब्धता बता किसी तरह की कमी नहीं होने की बात कह किसानों के जख्म पर नमक छिड़क रह रहे हैं। आए दिन किसान एक दो बोरी खाद के लिए परेशान हो रहे हैं। किसानों की मानें तो खाद दुकानदार एनपीके व यूरिया नहीं होने का पहले बहाना बनाते हैं।

    बफर स्टॉकिस्ट की भूमिका भी सवालों के घेरे में 

    पांच से छह सौ रुपये प्रति बोरी निर्धारित मूल्य से अधिक देने पर तत्काल उपलब्ध करा दे रहे हैं। कुछ दुकानदारों की मानें तो रेक आने से पहले ही उन्हें अपनी जेब ढीली कर अधिक मूल्य पर खाद लेनी पड़ रही है। इसमें प्रखंड कृषि अधिकारियों से लेकर थोक और बफर स्टॉकिस्ट की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

    कुछ दुकानदारों की मानें तो उन्हें थोक विक्रेताओं से ही खाद लेने की व्यवस्था है, लेकिन सच्चाई यह कि रेक प्वाईंट से ही ट्रैक्टर या अन्य साधनों से उन्हें दुकान तक ले जाना पड़ता है। बफर स्टॉकिस्ट व थोक विक्रेता अपना कमीशन, ढुलाई व लोडिंग-अनलोडिंग की मजदूरी राशि भी निकाल लेते हैं।

    करगहर के कांग्रेस विधायक संतोष कुमार मिश्र व दिनारा के राजद विधायक विजय कुमार मंडल ने प्रभारी मंत्री जयंत राज के समक्ष तीन दिन पूर्व जिला कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति की बैठक में खाद कालाबाजारी का मुद्दा उठा जमकर हंगामा किया था। बावजूद अबतक इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

    किसी भी गोदाम-दुकान में नहीं हुई छापामारी

    • कृषि विभाग के आंकड़े बताते हैं कि अब भी स्टॉक में एनपीके 58186 बोरी उपलब्ध है। वहीं, यूरिया भी 314229 बोरी, डीएपी 27140 बोरी, एमओपी पोटास 28452 व एसएसपी 159937 बोरी जिले की विभिन्न दुकानों, गोदामों में उपलब्ध है।
    • बावजूद दो हजार रुपये प्रति बोरी एनपीके बेचे जाने की शिकायत के बाद भी किसी गोदाम-दुकान में न तो छापामारी हुई, न हीं किसी पर कार्रवाई ही हुई।
    • किसान बताते हैं कि एक सप्ताह में बोआई खत्म होने पर प्रशासन खाद को लेकर सक्रियता दिखाएगा। फिलहाल कालाबाजारियों को छूट दे दिया है।
    • बालापुर के किसान रामचंद्र सिंह, मनीपुर के संतोष पांडेय बताते हैं कि खाद काफी अधिक मूल्य पर मिल रहा है। जिससे बोअनी पर असर पड़ रहा है। पांच से छह सौ रुपये देकर किसान खाद खरीद रहे हैं।

    कहते हैं अधिकारी

    जिले में एनपीके, डीएपी, यूरिया समेत अन्य उर्वरकों की उपलब्धता है। किसी खाद की कमी नहीं है। कोई भी दुकानदार अधिक मूल्य पर खाद बेचता है तो उसकी दुकान की अनुज्ञप्ति रद्द कर उसपर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। किसान भी अधिक मूल्य लेकर खाद बेचने वालों की सूचना दें।- राम कुमार जिला कृषि अधिकारी, रोहतास

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