Purnia News: दो शादियों के विवाद में उलझी बिहार पुलिस, ऐसे सुलझाया मामला; पहली पत्नी के साथ 4 दिन तो दूसरी...
बिहार के पूर्णिया में पुलिस परिवार केंद्र में दो शादियों का अनोखा मामला सामने आया जहां पहली पत्नी ने पति के खिलाफ शिकायत की। इस मामले में सुनवाई करते हुए केंद्र के सदस्यों ने फैसला सुनाया कि वह पत्नी और बच्चों की देखभाल में कोई कोताही नहीं करेगा। साथ ही 4 दिन पहली और 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेगा।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया। पहली पत्नी को बिना तलाक दिए दूसरी शादी रचा लेने व फिर पहली पत्नी व दो बेटों की परवरिश में लापरवाही करना पति को महंगा पड़ गया। पहली पत्नी ने पुलिस परिवार परामर्श केंद्र में न्याय की गुहार लगाई।
सुनवाई के दौरान पहली पत्नी के सवालों के जवाब में पति ने यह वादा किया है कि अब वे पहली पत्नी सहित बेटों की परवरिश और पढ़ाई आदि में भी कोताही नहीं बरतेंगे।
4 दिन पहली और 3 दिन दूसरी पत्नी के साथ
- इतना ही नहीं उसने एक बंध पत्र भी हस्ताक्षर किया, जिसमें यह तय हुआ कि सप्ताह में चार दिन वे पहली पत्नी तो शेष तीन दिन दूसरी पत्नी के साथ रहेंगे।
- इसी तरह दूसरी पत्नी के भरण पोषण में भी कोई कमी नहीं रखेगा। यह मामला रुपौली थाना क्षेत्र का था। इस पर हर पक्ष राजी हो गए और खुशी-खुशी अपने घर लौट गए।
23 मामलों की हुई सुनवाई
केंद्र में कुल 23 मामलों की सुनवाई हुई। इसमें आठ मामलों में पति-पत्नी को समझाकर उनका घर बसा दिया गया। एक अन्य मामला भी दो शादियों का था।
बच्चे नहीं होने की वजह से पति ने रचाई दूसरी शादी
- इसमें नवटोलिया, केनगर की एक महिला का आरोप था कि शादी के पांच साल बाद भी कोई संतान नहीं होने के कारण पति ने दूसरी शादी रचा ली।
- पति द्वारा सफाई दी गई कि पहली पत्नी के कहने पर ही उसने दूसरी शादी की। इधर पहली पत्नी ने इस बात से इनकार कर दिया। पति ने बताया कि अब दूसरी पत्नी से उसे संतान भी है, ऐसे में उसे छोड़ना भी संभव नहीं है।
सदस्यों ने पहले तो बिना तलाक दूसरी शादी रचाने पर पति को फटकार लगाई फिर पहली पत्नी को भी अच्छे चिकित्सक से दिखाने का निर्देश दिया।
साथ ही अगली तारीख में चिकित्सक की रिपोर्ट के साथ लेकर अगली तारीख में हाजिर होने का निर्देश भी दिया। यह भी कहा गया कि अगर पहली पत्नी के भरण पोषण में उसने किसी तरह की लापरवाही बरतने की कोशिश की तो बिना तलाक शादी करने का केस किया जाएगा। ऐसे में उसे जेल भी जाना पड़ेगा।
सुनवाई के दौरान पति ने पहली पत्नी का सही ढंग से इलाज कराने व उसके सही भरण पोषण का भी वादा किया। मामले को सुलझाने में केंद्र के सदस्य सह अधिवक्ता दिलीप कुमार दीपक, स्वाति वैश्यंत्री, बबीता चौधरी, प्रमोद जायसवाल एवं रविंद्र साह ने अहम भूमिका निभाई।
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