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    'जब तक राहुल गांधी और पप्पू यादव जिंदा हैं...', भूमि अधिग्रहण पर फूटा पूर्णिया सांसद का गुस्सा

    Updated: Sat, 06 Dec 2025 07:51 PM (IST)

    पूर्णिया के के. नगर प्रखंड में भूमि अधिग्रहण के विरोध में महापंचायत आयोजित की गई, जिसमें सांसद पप्पू यादव ने किसानों की जमीन छिनने के खिलाफ आवाज उठाई। ...और पढ़ें

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    विशाल महापंचायत को संबोधित करते पप्पू यादव। (जागरण)

    जागरण संवाददाता, पूर्णिया। लोकसभा क्षेत्र के के. नगर प्रखंड के बिठनौली, गणेशपुर और दुबे चकला मौजा में प्रस्तावित 280 एकड़ भूमि अधिग्रहण के विरोध में शनिवार को सबूतर, बैरगाछी और घरारी गांव में गरीब मजदूर किसान संघ की ओर से एक विशाल महापंचायत आयोजित की गई।

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    जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव शामिल हुए। उनके साथ हजारों की भीड़ में स्थानीय किसान, मजदूर, महिलाएं, युवा और विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

    पूरा क्षेत्र अन्नदाता को बचाओ देश को आगे बढ़ाओ के नारे से गूंज उठा। महापंचायत को संबोधित करते हुए सांसद पप्पू यादव ने कहा कि सरकार किसानों की जमीन छीनकर विकास नहीं कर सकती।

    सहमति के बिना एक इंच जमीन लेने का भी अधिकार नहीं

    उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा अन्नदाता की सुरक्षा और सम्मान सर्वोच्च है। सरकार को किसानों की सहमति के बिना एक इंच जमीन लेने का भी अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर गरीब, भूमिहीन और रैयत किसानों की अनदेखी हुई, तो वे किसानों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर लोकतांत्रिक आंदोलन चलाएंगे।

    पप्पू यादव ने अपने संबोधन में कहा कि चुनाव से पहले कुछ नेताओं ने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया था कि भूमि अधिग्रहण नहीं होगा, लेकिन चुनाव जीतते ही उन्होंने कहा हमसे नहीं होगा, सरकार जाने।

    उन्होंने जनसभा में घोषणा की कि जब तक राहुल गांधी और पप्पू यादव जैसे लोग जिंदा हैं, तब तक किसी किसान की रैयती जमीन छिनने नहीं देंगे। आप सरकारी जमीन का उपयोग कीजिए, बियाडा में लीज पर दीजिए, फैक्ट्रियां लगाइए, लेकिन गरीबों की पुश्तैनी जमीन पर अत्याचार नहीं होने देंगे।

    सांसद ने महापंचायत मंच से एक गंभीर मुद्दा उठाते हुए कहा कि के. नगर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सरकारी तथा गहमर-मजरवा जमीनों का गलत ढंग से म्यूटेशन किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई जगह सरकारी जमीन एक रुपये में दी जा रही है, जबकि दूसरी ओर कुछ माफियाओं द्वारा 10 से 50 लाख रुपये लेकर जमीन की रजिस्ट्री करा दी जाती है।

    सरकारी जमीन की सूची सार्वजनिक करे सरकार

    नेताओं, डॉक्टरों और भू-माफियाओं के नाम पर जमीनें कैसे हो गईं। सरकार पहले इसकी जांच कराए और दोषियों पर कार्रवाई करे। सांसद ने मांग की कि सरकार पहले शहरों और प्रखंडों में सरकारी जमीन की सूची सार्वजनिक करे और अवैध रूप से कब्जा किए लोगों से जमीन वापस ले।

    महापंचायत में उपस्थित ग्रामीणों ने बताया कि बिना भरोसेमंद मुआवजे, बिना वैकल्पिक जमीन और बिना किसी रोजगार योजना के भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया उन पर जबरन थोपने का प्रयास किया जा रहा है।

    पप्पू यादव ने कहा कि सबूतर गांव की महिलाएं, बुजुर्ग और युवा अपनी आने वाली पीढ़ियों की सुरक्षा और भविष्य को बचाने के लिए एकजुट होकर खड़े हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जब तक किसानों को न्याय नहीं मिलेगा, जब तक उनकी जमीन सुरक्षित नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

    यह लड़ाई उनकी नहीं, पूरे समाज की लड़ाई है। सभा में उपस्थित हजारों लोगों ने प्रस्तावित भूमि अधिग्रहण को पूरी तरह रद करने की मांग दोहराई। साथ ही यह निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया कि यदि सरकार ने किसानों की आवाज नहीं सुनी, तो आगे और बड़े आंदोलन शुरू किए जाएंगे।

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