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    Pappu Yadav ने फिर बढ़ा दी महागठबंधन की टेंशन, अब कांग्रेस कैसे करेगी लालू से डील? पूर्णिया सीट पर गहमा-गहमी बरकरार

    Updated: Sun, 31 Mar 2024 01:15 PM (IST)

    Bihar Political News पूर्णिया सीट पर गहमा-गहमी जारी है। पप्पू यादव किसी भी कीमत पर यह सीट छोड़ने को तैयार नहीं हैं। अब उन्होंने महागठबंधन की टेंशन बढ़ा दी है। कहा जा रहा है कि पप्पू यादव राजद प्रत्याशी से पहले नामांकन करेंगे। नॉमिनेशन की तारीख फिक्स हो गई है। इसकी तैयारी अभी से ही शुरू कर दी गई है।

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    राजद प्रत्याशी से पहले ही पप्पू करेंगे नामांकन

    जागरण संवाददाता, पूर्णिया। Lok Sabha Elections पूर्णिया संसदीय सीट (Purnia Lok Sabha Seat) राजद (RJD) के हिस्से में जाने के बाद से यहां का सियासी घटनाक्रम तेजी से बदल रहा है। खासकर अपनी पार्टी का कांग्रेस (Congress) में विलय करने वाले पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव (Pappu Yadav) के रुख पर राजनीतिक पंडितों की भी पैनी नजर लगी हुई है।

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    गुरुवार को चार अप्रैल को नामांकन की घोषणा करने वाले पप्पू यादव ने अब राजद प्रत्याशी से भी पहले नामांकन का निर्णय ले लिया है। अब पप्पू यादव चार की बजाय दो को ही नामजदगी का पर्चा दाखिल करेंगे। राजद प्रत्याशी बीमा भारती (Bima Bharti) ने तीन अप्रैल को नामांकन की घोषणा की है।

    फिलहाल पप्पू यादव ने नामांकन को लेकर अपनी तैयारी भी शुरु कर दी है। पूर्व सांसद लगातार क्षेत्र भ्रमण भी कर रहे हैं और अपने कार्यालय अर्जुन भवन में नामांकन को प्रभावी बनाने के लिए समर्थकों व कार्यकर्ताओं के साथ लगातार बैठक भी कर रहे हैं।

    जिंदगी का अब एक मात्र मकसद कांग्रेस को सतत मजबूत करना- पप्पू यादव

    यद्यपि वे कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर मैदान में रहेंगे या फिर निर्दलीय, यह सवाल अब भी फिजा में तैर रहा है। इधर पप्पू यादव का कहना है कि उनकी जिंदगी का अब एक मात्र मकसद कांग्रेस को सतत मजबूत करना व कांग्रेस नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना है।

    वे यह भी कहते हैं कि पूर्णिया में भी कांग्रेस का झंडा बुलंद होगा और 26 अप्रैल को ही यहां कांग्रेस का झंडा गड़ जाएगा। केंद्रीय नेतृत्व से लगातार बातचीत चल रही है और वे हर हाल में पूर्णिया से चुनाव लड़ेंगे। फिलहाल झारखंड के पलामू संसदीय क्षेत्र की तरह पूर्णिया में भी इंडी गठबंधन में बड़ा पेंच फंस चुका है।

    देखना यह है कि क्या कांग्रेस यहां दोस्ताना संघर्ष के लिए राजद को तैयार कर सकती है या फिर पप्पू यादव बिना हाथ के साथ ही मैदान में उतरते हैं।

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