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    Bihar Politics: 'टिकट के लिए संतोष मांझी ने मांगे 5 करोड़', हम के पूर्व प्रत्याशी का बड़ा खुलासा

    Updated: Thu, 16 Oct 2025 05:39 PM (IST)

    कसबा विधानसभा सीट से 'हम' के पूर्व प्रत्याशी राजेंद्र यादव ने संतोष मांझी पर टिकट के लिए 5 करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगाया है। जिलाध्यक्ष पद से इस्तीफा देते हुए उन्होंने पार्टी पर कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और परिवारवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। यादव ने कसबा से निर्दलीय चुनाव लड़ने का संकल्प लिया और क्षेत्र के विकास का वादा किया। उन्होंने बाहरी प्रत्याशी का विरोध करने की चेतावनी दी।

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    संतोष मांझी और राजेन्द्र यादव।

    राजीव कुमार, पूर्णिया। कसबा विधानसभा (Kasba Vidhan Sabha Seat) से वर्ष 2020 में एनडीए गठबंधन से 'हम' के प्रत्याशी रहे राजेन्द्र यादव ने हम पार्टी के संतोष मांझी पर कसबा से टिकट देने के लिए पांच करोड़ मांगने का आरोप लगाया है। राजेन्द्र यादव ने हम के जिला अध्यक्ष से इस्तीफा देते हुए बताया कि संतोष मांझी ने कहा कि टिकट का रेट 10 से 15 करोड़ है, लेकिन आप पार्टी के पुराने सदस्य हैं इस कारण आपको रिबेट देते हुए पांच करोड़ देना होगा।

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    राजेन्द्र यादव ने कहा कि पांच करोड़ की राशि नहीं देने के कारण ही हम ने कसबा सीट पर अपना दावा नहीं जताया। हम जिलाध्यक्ष के इस्तीफे के बाद शुरुआती दौर से पार्टी से जुड़े दर्जनों नेताओं और समर्थकों ने पार्टी छोड़ दी है।

    राजेंद्र यादव ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और जिलाध्यक्ष पद से त्यागपत्र देते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव टिकट वितरण में पार्टी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा हुई और परिवारवाद और भाई-भतीजावाद को तरजीह दी गई। ऐसा प्रतीत होता है कि पार्टी पूरी तरह चापलूसों और विचारहीनों द्वारा संचालित हो रही है।

    राजेंद्र यादव ने कहा कि पार्टी को एनडीए गठबंधन में 6 सीटें मिली हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष ने आपस में ही दो-दो टिकट बांट लिया। कहने को दलित शोषित और गरीबों की पार्टी है, लेकिन असल मायने में टिकट सवर्ण को दिया गया है। संतोष मांझी ने मुझसे टिकट के लिए 5 करोड़ की डिमांड की थी। मुझसे बातचीत में कहा था कि कसबा विधानसभा से टिकट के लिए 10 से 15 करोड़ रुपए लोग देने को तैयार हैं। मुझे 50 फीसद छूट के साथ 5 करोड़ रुपए देना होगा।

    राजेन्द्र यादव ने यह भी कहा की जीतन राम मांझी कार्यकर्ताओं का सम्मान करते हैं वह ऐसा कभी नहीं कर सकते। अगर वे न हों तो पार्टी नहीं रहेगी। पूरे तरीके से बिखर जाएगी। राजेंद्र यादव ने आगे कहा कि कसबा के लोग कसबा के बेटा को ही मौका देंगे। बाहरी किसी भी प्रत्याशी की जीत नहीं होगी। कसबा की जनता ने जितना स्नेह और प्यार दिया, मैं आजीवन उसका आभारी रहूंगा। उन्हीं के आशा विश्वास पर टिकट कटने के बाद मैं क्षुब्ध था, मगर कार्यकर्ता और जनता ने जो हौसला दिया। जिसके बाद मैंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव में उतरने का संकल्प लिया है। मैं पूरी ईमानदारी से सेवा करूंगा।

    टिकट काटे जाने पर कहा कि ईंट का जवाब जनता पत्थर से देगी। उन्होंने कहा बड़ी साजिश के तहत संतोष मांझी ने मेरे टिकट को ट्रांसफर कर ये सीट छोड़ने पर मजबूर किया। सीट की सौदेबाजी के चलते मुझे इसे छोड़ना पड़ा। इससे पार्टी के कार्यकर्ता और जनता पूरी तरह नाराज है।

    उन्होंने कहा की मैं कसबा से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर शुक्रवार को नामांकन करने जा रहा हूं। राजेंद्र यादव ने कहा कि साल 1995 से कसबा को स्थानीय नेतृत्व का मौका नहीं मिला है। उन्होंने पहले भी एनडीए गठबंधन में रहते हुए यह बात कही थी कि कसबा विधानसभा का प्रत्याशी स्थानीय होना चाहिए। उ

    न्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई बाहरी व्यक्ति चुनाव लड़ता है, तो वे उसका विरोध करेंगे और उसे हराने के लिए काम करेंगे, ताकि कसबा की आने वाली पीढ़ी को पिछले 35 वर्षों से चली आ रही समस्याओं से मुक्ति मिल सके। राजेंद्र यादव के चुनावी मुद्दों में विकास प्रमुख रहेगा।

    उन्होंने ऐसे कई गांवों की पहचान की है, जहां सदियों से विकास की रोशनी नहीं पहुंची है और वे वहां विकास पहुंचाने का काम करेंगे। कसबा को अनुमंडल बनाने और बीएड की पढ़ाई की व्यवस्था करने जैसी जनता की मांगों को भी पूरा करने का वादा किया। यादव ने कहा कि वे लोगों की सभी मांगों पर खरा उतरेंगे और कसबा का चौतरफा विकास सुनिश्चित करेंगे।