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    बिहार शिक्षा विभाग का अजीबोगरीब फरमान, 2 मुर्दों से मांगा स्पष्टीकरण; जेल में बंद टीचर को भी नोटिस

    Updated: Thu, 20 Mar 2025 10:04 PM (IST)

    बिहार के पूर्णिया जिले में शिक्षा विभाग की एक अजीबोगरीब चूक सामने आई है। विभाग ने दो ऐसे शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है जो चार और छह महीने पहले ही स्वर्ग सिधार चुके हैं। मृत शिक्षकों के परिजनों और साथी शिक्षकों का कहना है कि उनका निधन हो चुका है लेकिन विभाग इसे मानने को तैयार नहीं है। इस मामले ने जिले के शिक्षकों को हैरान कर दिया है।

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    बिहार शिक्षा विभाग का अजीबोगरीब फरमान, 2 मुर्दों से मांगा स्पष्टीकरण

    सुशांत कुमार, धमदाहा (पूर्णिया)। एक शिक्षक चार माह पूर्व तो एक छह माह पूर्व परलोक सिधार गए हैं। स्वजनों ने परंपरागत ढंग से उनका संस्कार भी कर दिया है। इसके में मृत शिक्षकों के कई साथी शिक्षक व अधिकारी भी शामिल हुए, लेकिन विभाग इसे मानने को तैयार नहीं है।

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    विभाग ने उक्त दोनों मृत शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है कि वे स्कूलों से अनुपस्थित क्यों चल रहे हैं। यह देख जिले के सभी शिक्षक भौचक हैं, लेकिन मामला विभाग व मृत शिक्षकों का होने से हस्तक्षेप कोई नहीं कर रहे हैं। और तो और संबंधित विद्यालय के प्रधान भी लापरवाह बने हुए हैं।

    जेल में बंद टीचर से भी जवाब तलब

    उन्होंने भी अधिकारियों को इसकी सूचना तक देने की जरूरत नहीं समझ रहे हैं। यही हाल किसी आरोप में जेल में बंद एक अन्य शिक्षक का भी है। उनसे भी अनुपस्थिति को लेकर विभाग ने जबाब तलब किया है।

    जानकारी के अनुसार, प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय गछकट्टा के शिक्षक अखिलेश मंडल का निधन चार माह पूर्व हो चुका है। ई-शिक्षाकोश ऐप पर जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय से 18 मार्च 2025 को विद्यालय से अनुपस्थित रहने को लेकर मृत शिक्षक से स्पष्टीकरण पूछा गया है।

    6 महीने पहले हुआ शिक्षक सुशील ठाकुर का निधन

    इसी तरह मध्य विद्यालय विष्णुपुर के शिक्षक सुशील ठाकुर का निधन भी करीब छह माह पूर्व हो चुका है। उनसे भी अनुपस्थिति को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसके अलावा, मध्य विद्यालय धमदाहा हाट के शिक्षक लक्ष्मी बेसरा गत चार वर्षों से पटना के जेल में बंद हैं।

    48 घंटे के भीतर देना होगा जवाब

    विभाग ने उनसे भी स्पष्टीकरण पूछा है और 48 घंटे के भीतर जबाव देने का आदेश भी दिया गया है। ऐसा नहीं करने पर विभागीय कार्रवाई के साथ एक दिन का वेतन काटने की बात कही गई है।

    इस संबंध में शिक्षा पदाधिकारी प्रफुल कुमार मिश्र ने बताया कि इस संबंध में संबंधित विद्यालयों के प्रधानों द्वारा विभाग को सूचना नहीं दी गई है। इस कारण यह स्थिति पैदा हुई है। जल्द ही इसमें सुधार किया जाएगा।

    डीईओ व डीपीओ से मिले विशिष्ट शिक्षक, तीन माह से वेतन के लाले

    दूसरी ओर, विशिष्ट शिक्षक के रूप में तीन माह पूर्व योगदान देने वाले तकरीबन 4800 शिक्षकों को फिलहाल वेतन का इंतजार है। कई की माली स्थिति बिगड़ चुकी है तो कई को अन्य तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर विशिष्ट शिक्षक एकता मंच के बैनर तले शिक्षकों ने गुरुवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना से भेंट की और अपनी बातों से अवगत कराते हुए नाराजगी का इजहार कर दिया।

    शिक्षकों ने साफ कहा कि अगर उनकी समस्या का तत्काल समाधान नहीं हुआ तो वे लोग सड़क पर उतरने को बाध्य हो जाएंगे।

    जिला संयोजक दीपक सिंह भदौरिया ने बताया कि प्रमंडल के अन्य जिलों में तेज गति से विशिष्ट शिक्षकों का वेतन भुगतान हो रहा है, मगर यहां वेतन भुगतान की प्रक्रिया काफी धीमी है। होली जैसे पर्व में भी मात्र सात सौ शिक्षको का भुगतान हो सका। इससे शिक्षकों में काफी आक्रोश है।

    जिला शिक्षा पदाधिकारी से मिलकर एकता मंच ने यह मांग रखी है कि ईद से पहले सभी विशिष्ट शिक्षकों का जनवरी एवं फरवरी माह का भुगतान हो, अन्यथा एकता मंच आमरण अनशन के लिए बाध्य हो जाएगा। आपार के लिए जिले के जिन विद्यालय के शिक्षको का एक दिन का वेतन रोका गया है, उनका भी भुगतान जल्द किया जाए।

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