बिहार शिक्षा विभाग का अजीबोगरीब फरमान, 2 मुर्दों से मांगा स्पष्टीकरण; जेल में बंद टीचर को भी नोटिस
बिहार के पूर्णिया जिले में शिक्षा विभाग की एक अजीबोगरीब चूक सामने आई है। विभाग ने दो ऐसे शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगा है जो चार और छह महीने पहले ही स्वर्ग सिधार चुके हैं। मृत शिक्षकों के परिजनों और साथी शिक्षकों का कहना है कि उनका निधन हो चुका है लेकिन विभाग इसे मानने को तैयार नहीं है। इस मामले ने जिले के शिक्षकों को हैरान कर दिया है।

जेल में बंद टीचर से भी जवाब तलब
6 महीने पहले हुआ शिक्षक सुशील ठाकुर का निधन
48 घंटे के भीतर देना होगा जवाब
डीईओ व डीपीओ से मिले विशिष्ट शिक्षक, तीन माह से वेतन के लाले
दूसरी ओर, विशिष्ट शिक्षक के रूप में तीन माह पूर्व योगदान देने वाले तकरीबन 4800 शिक्षकों को फिलहाल वेतन का इंतजार है। कई की माली स्थिति बिगड़ चुकी है तो कई को अन्य तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसको लेकर विशिष्ट शिक्षक एकता मंच के बैनर तले शिक्षकों ने गुरुवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना से भेंट की और अपनी बातों से अवगत कराते हुए नाराजगी का इजहार कर दिया।
शिक्षकों ने साफ कहा कि अगर उनकी समस्या का तत्काल समाधान नहीं हुआ तो वे लोग सड़क पर उतरने को बाध्य हो जाएंगे।
जिला संयोजक दीपक सिंह भदौरिया ने बताया कि प्रमंडल के अन्य जिलों में तेज गति से विशिष्ट शिक्षकों का वेतन भुगतान हो रहा है, मगर यहां वेतन भुगतान की प्रक्रिया काफी धीमी है। होली जैसे पर्व में भी मात्र सात सौ शिक्षको का भुगतान हो सका। इससे शिक्षकों में काफी आक्रोश है।
जिला शिक्षा पदाधिकारी से मिलकर एकता मंच ने यह मांग रखी है कि ईद से पहले सभी विशिष्ट शिक्षकों का जनवरी एवं फरवरी माह का भुगतान हो, अन्यथा एकता मंच आमरण अनशन के लिए बाध्य हो जाएगा। आपार के लिए जिले के जिन विद्यालय के शिक्षको का एक दिन का वेतन रोका गया है, उनका भी भुगतान जल्द किया जाए।
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