Bihar Politics: सीमांचल में ओवैसी की AIMIM झोक रही ताकत, महागठबंधन की बढ़ेगी परेशानी!
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम सीमांचल में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए तैयार है। 2025 बिहार चुनाव में बेहतर प्रदर्शन के लिए, पार्टी ने पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज में उम्मीदवार उतारे हैं। ओवैसी ने राजद को गठबंधन का प्रस्ताव भी दिया, ताकि मुस्लिमों का समर्थन मिल सके। पिछले चुनाव में एआईएमआईएम ने सीमांचल से पांच सीटें जीती थीं, और इस बार वे अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं।

असदुद्दीन ओवैसी और तेजस्वी यादव।
मनोज कुमार, पूर्णिया। अपने खास जनाधार वाले सीमांचल में एक बार फिर असदुद्दीन ओवैसी अपना गत विधानसभा चुनाव का इतिहास दोहराने के लिए पूरे दम खम से उतरे हैं। इस बार वे गत विधानसभा से बेहतर परिणाम पाने के लिए हर ताकत झोंक रहे हैं। यही कारण है कि इस बार उनकी पार्टी ने पूर्णिया, कटिहार, अररिया व किशनगंज में अधिकांश विधानसभा क्षेत्र में अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
गत विधानसभा चुनाव में एआईएमआईएम ने राज्य में सिर्फ 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार पूरे बिहार में एआईएमआईएम ने 25 से अधिक सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जिसमें 14 सिर्फ सीमांचल से है।
पूर्णिया के सात विधानसभा में मुस्लिम बहुल चार क्षेत्रों में उन्होंने अपने उम्मीदवार दिए हैं। खासकर बायसी व अमौर सीट पर ओवैसी का खास फोकस है।
यहां से पिछले चुनाव में भी उनके उम्मीदवार को जीत मिली थी। अमौर से उनके वर्तमान विधायक अख्तरुल इमान मैंदान में हैं, जो एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। इधर, बायसी में एआईएमआईएम से विजयी विधायक रुकनुद्दीन बाद में राजद में शामिल हो गए थे। इस बार एआईएमआईएम ने वहां से जिला परिषद अध्यक्ष वहीदा सरवर के पति गुलाम सरवर को मैदान में उतारा है।
नामांकन शुरू होने से पूर्व ओवैसी का सीमांचल के हर जिले में रोड शो हुआ था, जिसमें बड़ी संख्या में लोग उमड़े। उन्होंने राजनीतिक दांव खेलते हुए राजद के नेता तेजस्वी यादव को गठबंधन में शामिल करने का न्योता भी भेजा। इससे उन्होंने सीमांचल में मुस्लिमों के बीच यह मैसेज देने का प्रयास किया है कि उनका सच्चा शुभचिंतक एआईएमआईएम ही है। पार्टी का यह तेवर महागठबंधन की परेशानी बढ़ा सकती है।
गत चुनाव में एआईएमआईएम के जीते थे पांच विधायक
गत विधानसभा चुनाव में राज्य में ओवैसी के पांच उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी, जो सभी सीमांचल के ही थे। किशनगंज और अररिया के पांच विधानसभा क्षेत्रों में एआईएमआईएम के विधायक जीते थे। पिछले चुनाव में जिन पांच सीटों पर एआईएमआईएम जीती थीं, उसमें पूर्णिया के अमौर, बायसी, अररिया के जोकीहाट और किशनगंज के बहादुरगंज व कोचाधामन विधानसभा शामिल हैं।
यद्यपि, बाद में पार्टी के सिर्फ एक विधायक व प्रदेश अध्यक्ष अख्तरूल इमान को छोड़ कर चार विधायकों ने पाला बदल लिया और राजद में शामिल हो गये थे। अब 2025 विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई में पार्टी सीमांचल से लेकर पूरे राज्य में फैलाने की कोशिश कर रही है। जानकारों का मानना है कि मुस्लिम बहुल दर्जनों सीटों पर एआईएमआईएम फैक्टर निर्णायक साबित हो सकता है।
ओवैसी की पार्टी ने पहले आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनके बेटे तेजस्वी यादव को महागठबंधन में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं दिया। आरजेडी के रवैये से नाराज एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने कहा है कि इस बार एनडीए और महागठबंधन दोनों को एआईएमआईएम की मौजूदगी का एहसास करायेगा।
इमान ने दावा किया है कि महागठबंधन अब एआईएमआईएम पर धर्मनिरपेक्ष वोट काटने का आरोप नहीं लगा सकता, क्योंकि उन्होंने खुद लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव को गठबंधन के लिए प्रस्ताव भेजा था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। ओवैसी ने इस बात पर जोर दिया है कि एआईएमआईएम का ध्यान सांप्रदायिक प्रतिनिधित्व पर नहीं, बल्कि बिहार के सबसे कमजोर और उपेक्षित लोगों के लिए न्याय पर होगा।
पूर्णिया की अमौर व बायसी सीट पर है अधिक जाेर
पूर्णिया के सात विधानसभा में इस बार एआईएमआईएम ने चार सीट पर अपने उम्मीदवार दिए हैं। जिसमें पूर्णिया सदर, कसबा, अमौर व बायसी विस क्षेत्र शामिल है। गत विधानसभा चुनाव में एमआइएम के अमौर से अख्तरूल इमान और बायसी से मु. रूकनुद्दीन ने एआईएमआईएम के टिकट पर जीत दर्ज की थी। उनमें बायसी विधायक रूकनुद्दीन राजद में शामिल हो गए थे।
इस बार एआईएमआईएम ने वहां से नया उम्मीदवार जिला परिषद अध्यक्ष वाहिदा सरवर के पति गुलाम सरवर को प्रत्याशी बनाया है। इधर, एआईएमआईएम से राजद में शामिल हुए विधायक रूकनुद्दीन को राजद ने भी बेटिकट कर दिया है, इसलिए गुलाम सरवर को इस बार राजद प्रत्याशी हाजी अब्दुस सुब्हान और भाजपा के विनोद यादव से टक्कर लेना होगा।
अमौर में एआईएमआईएम के विधायक अख्तरूल इमान का मुकाबला कांग्रेस के जलील मस्तान एवं जदयू के सबा जफर से होगा। ओवैसी सीमांचल में अधिकांश सीटों पर अपनी जीत पक्का करने में लगे हैं। नाम वापसी के बाद उनका सीमांचल दौरा शुरू होने वाला है।
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