Year Ender 2024: बम, बाढ़ और रेल हादसे...CM नीतीश की जमकर हुई किरकिरी, खूब चर्चा में रहे बिहार के ये मामले
Year Ender 2024 Bihar बिहार में इस साल कई बड़े हादसे हुए। यहां तक कि कुछ घटनाएं ऐसी भी हुईं जिनको लेकर नीतीश सरकार किरकिरी झेलनी पड़ी। पुल गिरने के मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार को जमकर घेरा। वहीं इस साल गया में बम विस्फोट के भी मामले सामने आए। तो आइए इस साल के बड़े हादसों पर एक नजर डालें।
डिजिटल डेस्क, पटना। साल 2024 समाप्त होने में कुछ ही समय बाकी रह गए हैं। कुछ ही दिनों बाद नए साल का आगाज होगा। इस साल बिहार में कई बड़े हादसे हुए। जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। राज्य में कुछ घटनाओं ऐसी भी हुईं, जिसने दिल दहला दिया। तो, आइए उनपर एक नजर डालें...
बिहार में पुल गिरने का मामला
- बिहार में इस साल कई पुल धड़ाधड़ ध्वस्त हो गए। जून महीने से जो पुल गिरने का सिलसिला शुरू हुआ, वह लगभग तीन महीने तक नहीं थमा। इस साल लगभग 15 से अधिक पुल ध्वस्त हो गए।
- सीवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिले में पुल गिरे। ज्यादातर घटनायें भारी बारिश के कारण हुईं।
- पुल गिरने की वजह से एक दर्जन से अधिक इंजीनियरों को सस्पेंड भी कर दिया गया था। विपक्ष ने भी इस मुद्दे को लेकर नीतीश सरकार के खिलाफ जमकर बवाल काटा था।
ट्रेन पलटाने की साजिश
देश में कई जगहों पर इस साल अनेकों बार ट्रेन पलटाने की साजिश हुई। बिहार में भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने की कोशिश की गई।
9 अक्टूबर को पटना-गया रेलखंड पर एक एक्सप्रेस ट्रेन पलटाने की कोशिश की गई। मखदुमपुर और बेला स्टेशन के बीच नेयामतपुर हाल्ट के पास पटरी पर बड़ा पत्थर रखा गया था, लेकिन लोको पायलट की सतर्कता से यह साजिश नाकाम हो गई।
उन्होंने इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त होने से बचा लिया। इस्लामपुर-हटिया एक्सप्रेस ट्रेन के यात्री बड़े हादसे से बच गए। यह घटना रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल उठाती है।
वहीं, 22 अक्टूबर को पूर्णिया-कटिहार रेलखंड पर रानीपतरा रेलवे स्टेशन के पास असमाजिक तत्वों ने पटरी पर दो सरिया रख दिए। कटिहार से जोगबनी जा रही डीएमयू ट्रेन के चक्के में सरिया फंस गया, लेकिन चालक की सतर्कता से ट्रेन को तुरंत रोक लिया गया।
रेल कर्मियों ने मशक्कत के बाद सरिया को पहिया से बाहर निकाला। यह घटना रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल उठाती है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
बिहार में ट्रेन हादसा
- भागलपुर जमालपुर-किऊल रेलखंड पर खड़िया पिपरा हाल्ट के पास शनिवार को एक मालगाड़ी दो भागों में बंट गई। कपलिंग खुलने के कारण यह घटना हुई। लेकिन ड्राइवर और गार्ड की सूझ-बूझ से मालगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गई।
- इस घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ। रेलवे अधिकारियों ने घटना की जांच शुरू कर दी है। यह घटना रेल सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल उठाती है। यह घटना 14 दिसंबर को हुई।
- वहीं, पटना-बांद्रा सुपरफास्ट एक्सप्रेस की जनरल बोगी में 18 अक्टूबर की रात आग लग गई। यह घटना दानापुर-डीडीयू रेलखंड के डुमरांव रेलवे स्टेशन के पास हुई।
- रेलवे कर्मचारियों ने आग की लपटें देखकर रेलवे कंट्रोल रूम और फायर ब्रिगेड को सूचना दी। ट्रेन को अगले स्टेशन डुमरांव में 3 घंटे तक रोका गया और फायर ब्रिगेड की टीम ने आग पर काबू पाया। हालांकि, इस घटना में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
- इसके अलावा, मुजफ्फरपुर जंक्शन पर 21 सितंबर की रात मुजफ्फरपुर-पुणे स्पेशल ट्रेन का इंजन शंटिंग लाइन पर पटरी से उतर गया। इससे अफरातफरी मच गई। यह घटना नारायणपुर अनंत के 98 नंबर रेल समपार फाटक के पास हुई घटना के बाद हुई।
- चालक को प्रथम दृष्टया दोषी मानते हुए निलंबित करने का आदेश दिया गया था। ट्रेन को रात साढ़े दस बजे सवा घंटे की देरी से रवाना कर दिया गया था।
सावन की चौथी सोमवारी पर मची थी भगदड़
जहानाबाद के वाणावर पहाड़ी स्थित बाबा सिद्धेश्वर नाथ मंदिर परिसर में 12 अगस्त की रात भगदड़ में 8 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। इसमें 7 महिलाएं थीं। दो दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए।
यह घटना मंदिर परिसर में भीड़ के कारण हुई। मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की गई। घटना के बाद कुछ अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया था।
छज्जा गिरने से 100 लोग घायल
बिहार के छपरा में 3 सितंबर को बड़ा हादसा हुआ था। ऑर्केस्ट्रा के दौरान छज्जा गिरने से लगभग 100 लोग घायल हुए थे। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
गया में कचरे की ढेर में 2 बम फटे
गया के डोमटोली मोहल्ले में 27 नवंबर को कचरे की ढेर में दो बम विस्फोट हुए। दो किशोर, लक्ष्मण कुमार और बादल कुमार, जो कचरा चुन रहे थे, विस्फोट की चपेट में आकर जख्मी हो गए। वहीं, एक बम को किसी तरह से डिफ्यूज किया गया था। इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी।
बाढ़ में डूबने से कई लोगों ने गंवाई जान
बिहार में इस साल बाढ़ ने भी जमकर कहर बरपाया। बाढ़ के पानी में डूबने से कई लोगों ने जान गंवा दी। केवल 25 सितंबर की बात करें तो विभिन्न जिलों में डूबने से 29 लोगों की मौत हो गई। वहीं, आठ लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया।
मृतकों में मुंगेर के सात, पूर्वी चंपारण के छह, भागलपुर के पांच, बिहारशरीफ के तीन, वैशाली, मधेपुरा व पश्चिमी चंपारण के दो-दो, लखीसराय व कटिहार के एक-एक लोग शामिल रहे।
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