Photos: बाघ के लिए हीटर; सांप के लिए कंबल और धूप में मुंह चिढ़ाते चिंपांजी, पटना Zoo में अब दिखने लगा ठंड का असर
पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान में ठंड बढ़ने के साथ ही जानवरों के खान-पान में बदलाव किया गया है। उन्हें ठंड से बचाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं, ...और पढ़ें

पटना चिड़ियाघर में बाघ, सांप और चिंपांजी। (फोटो- जागरण)
जागरण संवाददाता, पटना। बिहार में धीरे-धीरे ठंड बढ़ने लगी है। इस असर राजधानी पटना के संजय गांधी जैविकउद्यान में भी दिखाई देने लगा है। यही कारण है कि इस समय पटना जू में वन्य जीवों के खान-पान में बदलाव किया गया है।
इसके साथ ही जानवरों को ठंड से बचाने के लिए विशेष इंतजाम भी किए गए हैं। भालू को आहार में शहद, अंडा, गन्ना, सेवा, केला, गुड़ का खीर आदि दिए जा रहे हैं।
चिपांजी को च्यवनप्राश, शहद, गुड़ की खीर, आंवला का मोरब्बा एवं मौसमी फल खिलाए जा रहे हैं। मांसाहारी वन्य जीवों को मांस और अंडे अतिरिक्त दिए जा रहे हैं, ताकि ठंड में उन्हें गर्मी मिल सके।

पटना जू में बनी केज के बाहर बाघ के लिए हीटर लगाया गया है, ताकि ठंड से बचाव हो सके। फोटो- जागरण

पटना चिड़ियाघर में हीटर के सामने आराम फरमाता सफेद बाघ। फोटो- जागरण
हाथी को उबालकर खिलाई जा रही धान
हाथी को ठंड बढ़ने पर उनके आहार में पर्याप्त मात्रा में गन्ना, सोयाबीन, मौसमी फल एवं धान उबाल कर दिया जा रहा है।
मोर को भी खाने में अंडा दिया जा रहा है। साथ ही पक्षियों को खाने में फल के अलावा चना और मूंगफली दी जा रही है।

पटना चिड़ियाघर में केज में बंद सफेद बाघ। फोटो- जागरण
पीने के पानी और नहाने का भी इंतजाम
जू में जानवरों को पीने के पानी और नहाने के पानी के लिए जू-प्रबंधन की ओर से खास तौर पर इंतजाम किया गया है।
नहाने के लिए गर्म पानी उपलब्ध कराया गया है। सभी वन्यजीवों को कैल्शियम एवं मल्टीविटामिन की दवाई भी दी जा रही है।

पटना जू में बनी केज में हीटर लगाकर भालू को भी ठंड से बचाने के प्रयास जारी हैं। फोटो- जागरण
चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार, जानवरों को स्वस्थ रखने के लिए पशु चिकित्सक 24 घंटे उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं।
इतना ही नहीं पटना चिड़ियाघर में पशुपालक और पशु चिकित्सक उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आहार दे रहे हैं।

पटना चिड़ियाघर में सांप को ठंड से बचाने के लिए फर्श पर बिछाया गया कंबल। फोटो- जागरण
दिन में धूप और रात में हीटर का सहारा
जू में दिन के समय वन्य जीव धूप में आराम करते हैं। रात में उनका सहारा हीटर बन गया है। बाघ और भालू के नाइट हाउस में आयल हीटर लगाया है।

पटना जू में फर्श पर बिछाए गए कंबल के ऊपर बैठा अजगर। फोटो- जागरण
वन्यजीवों के रात्रि विश्राम के खिड़की और खुली जगहों को घास-फूस से बंद किया गया है। मांसाहारी जानवर बाघ, शेर, भेड़िया, लकड़बग्घा के बेड़े में लकड़ी का तख्त लगाया गया है।

पटना चिड़ियाघर में बाहर मैदान में धूप सेंकते चिंपांजी। फोटो- जागरण
पक्षियों के लिए पुआल, बंदर-लंगूर-चिंपाजी और सांप के लिए कंबल
वहीं, शुतुरमुर्ग, एमू आदि पक्षियों के विश्राम गृह में पुआल रखा गया है। स्तनधारी वन्यजीव जैसे बंदर, लंगूर, चिपांजी, हूलाक गिब्बन, लायन टेल मकाक को बैठने के लिए कंबल बिछाए गये है।

पटना जू में धूप सेंकते चिंपांजी को देखने के लिए पर्यटक भी आ रहे हैं। फोटो- जागरण
अजगर, कोबरा, वाइपर, धामीन के फर्श पर भी कंबल बिछाया गया है। साथ ही इनके विश्राम गृह में सामान्य तापमान बनाए रखने के लिए हाई वोल्ट वाले बल्ब लगाए गए हैं।
चिड़ियाघर प्रबंधन की ओर से खुले मैदान में रहने वाले जानवर जैसे हिरण और जिराफ के लिए खुले मैदान में ही पुआल बिछाया गया है।

पटना चिड़ियाघर में धूप सेंकने के दौरान खड़ा नटखट चिंपांजी। फोटो- जागरण

पटना चिड़ियाघर में धूप सेंकने के लिए गंभीर मुद्रा में बैठा चिंपांजी। फोटो- जागरण

पटना जू में धूप सेंकते और आराम फरमाते चिंपांजी को देखने आए दर्शक। फोटो- जागरण
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