Bihar News: बिहार में कब से प्रभावी हो जाएगा नया आरक्षण? अगली नियुक्तियों में कैसे मिलेगा फायदा
बिहार विधानसभा और विधान परिषद से 75 फीसदी आरक्षण वाला बिल पास होने के बाद अब लोग Reservation in Bihar इसके लागू होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना। Reservation Bill in Bihar: बिहार विधामंडल के दोनों सदनों से सर्वसम्मति से पारित आरक्षण संबंधी विधेयक पर राज्यपाल के हस्ताक्षर के साथ ही नया कानून प्रभाव में आ जाएगा।
यानी राज्यपाल के हस्ताक्षर की तिथि के बाद सरकारी नियुक्तियों में आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को आरक्षण की बढ़ी हुई सीमा का लाभ मिलने लगेगा। फिलहाल यह विधेयक राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के पास विचाराधीन है।
राज्यपाल जल्द करेंगे हस्ताक्षर
सरकार को उम्मीद है कि सर्वसम्मति से पारित इन विधेयकों पर राज्यपाल जल्द हस्ताक्षर कर देंगे। सरकारी सेवाओं के अलावा शिक्षण संस्थानों के नामांकन में भी आरक्षण का दायरा बढ़ा दिया गया है। इन दोनों के अलावा विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में पारित अन्य विधेयकों को भी राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेज दिया गया है।
किसको कितना आरक्षण
सेवाओं और नामांकन में आरक्षण सीमा बढ़ाने वाले विधेयकों की मंजूरी के साथ ही अनुसूचित जाति को 20, अनुसूचित जनजाति को दो, अति पिछड़ों को 25 और पिछड़ों को 18 प्रतिशत आरक्षण मिलने लगेगा। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को पहले से ही 10 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है।
इस तरह राज्य की सेवाओं और सरकारी शिक्षण संस्थानों में अनारक्षित श्रेणी की 25 प्रतिशत सीटें बचेंगी। इन्हें भरने के लिए खुली प्रतिस्पर्धा होगी, जिसमें सभी वर्ग के अभ्यर्थी शामिल होंगे। ये विधेयक विधानसभा में नौ और विधान परिषद में 10 नवंबर को सर्वसम्मति से पारित किए गए।
विधानसभा से राजभवन भेजी गईं विधेयकों की प्रतियां
विधान परिषद ने विधेयक पारित होने की सूचना विधानसभा को दी। फिर विधानसभा से सभी विधेयक एक साथ राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजे गए। सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार के विधि विभाग की सलाह भी राजभवन को भेज दी गई है।
यह एक तरह की औपचारिकता होती है, जिसमें विधि विभाग पत्र के माध्यम से राज्यपाल को सलाह देता है कि विधेयकों को राष्ट्रपति के पास भेजा जा सकता है और राज्यपाल किन विधेयकों पर दस्तखत करने के लिए सक्षम हैं।
राज्य के महाधिवक्ता पीके शाही ने की दैनिक जागरण से बातचीत
राज्य के महाधिवक्ता पीके शाही ने दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि क्योंकि दोनों आरक्षण की सीमा का विस्तार राज्य की सेवाओं के लिए किया गया है, इसलिए राज्यपाल इसपर हस्ताक्षर करने के लिए सक्षम हैं। शिक्षण संस्थानों में नामांकन का विषय भी राज्य की सीमाओं से ही जुड़ा है। शाही ने कहा कि विधेयकों पर राज्यपाल के हस्ताक्षर के दिन से ही नया आरक्षण कानून प्रभावी हो जाएगा।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।