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    Wheat Price: अब गेहूं से मालामाल हो जाएंगे बिहार के किसान, सरकार ने बढ़ाया समर्थन मूल्य; पढ़ लें नई कीमत

    Updated: Mon, 11 Nov 2024 02:49 PM (IST)

    भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने 2025-26 रबी विपणन वर्ष में गेहूं खरीदारी की तैयारी शुरू की है। केंद्र सरकार ने समर्थन मूल्य में 150 रुपये की बढ़ोतरी की है जिससे गेहूं की खरीदारी 2425 रुपये प्रति क्विंटल पर होगी। बिहार में 40 लाख हेक्टेयर में से 26 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई होती है। किसान ऑनलाइन पंजीकरण कर सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं बेच सकते हैं।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    जागरण संवाददाता, पटना। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआइ) की ओर से वर्ष 2025-26 रबी विपणन वर्ष में खरीदारी को लेकर तैयारी आरंभ कर दी है। इसके तहत केंद्र सरकार की ओर से भी गेहूं के समर्थन मूल्य में 150 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।

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    इसके साथ ही अब सरकारी गेहूं खरीद केंद्र पर 2425 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदारी होगी। एफसीआइ ने किसानों से अपील की है कि गेहूं की अधिकाधिक बुवाई करे। बिहार में रबी फसलों की बुवाई का कुल क्षेत्रफल लगभग 40 लाख हेक्टेयर है। इसमें से करीब 26 लाख हेक्टेयर में गेहूं की बुवाई होती है।

    कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसान नजदीकी सरकारी गेहूं खरीद केंद्र पर न्यूनतम समर्थन मूल्य 2425 रुपये प्रति क्विंटल की दर की दर से गेहूं बेचकर 48 घंटे में भुगतान प्राप्त कर सकते है।

    इसके लिए भारतीय खाद्य निगम सभी राजस्व जिलों में पर्याप्त गेहूं खरीद केंद्र स्थापित करेगी तथा बिहार सरकार प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) एवं व्यापार मंडल के द्वारा हर पंचायत एवं ब्लाक स्तर पर गेहूं खरीद केंद्र स्थापित करेगी।

    ऑनलाइन संपन्न होगी प्रक्रिया

    एफसीआइ के अनुसार समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने की सम्पूर्ण प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ आनलाइन ही पूरी होगी। इसके तहत भू-स्वामी किसान (रैयत) तथा बटाईदार (गैर रैयत) किसान दोनों ही कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल https://dbtagriculture.bihar.gov.in पर धान या गेहूं बेचने हेतु पंजीकरण कर सकते है।

    इसके बाद प्राप्त पंजीकरण नंबर से सहकारिता विभाग के पोर्टल https://esahkari.bih.nic.in पर आवेदन कर सकते है। वे किसान जिन्होंने पहले ही धान अथवा गेहूं बिक्री के लिए कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर पंजीकरण करवा रखा है।

    ऐसे लोगों को दोबारा पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है, ऐसे किसान सीधे पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं। पंजीकरण में किसी भी समस्या के लिए हेल्पलाइन 18003456194, 1800 1800 110 या 0612-2506307 पर संपर्क किया जा सकता है।

    मिट्टी है उदासीन तो फसल होगी तंदरुस्त

    अगर आप भी अपने खेत में फसल लगाने की तैयारी कर रहे हैं और आपको अपने खेत के मिट्टी की सेहत का पता नहीं है तो फसल लगाने से पहले खेत की मिट्टी की जांच जरूर करा लें। मिट्टी के जांच से पता चल पाएगा कि आपके खेत की मिट्टी कैसी है।

    अगर आपके खेत की मिट्टी अम्लीय एवं क्षारीय है तो यह आपके फसल का स्वास्थ्य बिगाड़ सकती है जिससे फसल के उत्पादन पर असर पड़ता है। अगर मिट्टी उदासीन है तो खेत की मिट्टी का स्वास्थ्य सही है। यह आपके फसल को तंदरुस्त रखेगी। जिससे बंपर फसल उत्पादन होगा।

    प्रदेश के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए मिट्टी के नमूना का लक्ष्य पांच लाख रखा गया है। मिट्टी के लिए सबसे अधिक लक्ष्य पूर्वी चंपारण 25,300 तो वहीं सबसे कम सबसे कम अरवल का लक्ष्य 4700 रखा गया है।

    अम्लीय मिट्टी को कैसे करें स्वस्थ

    यदि खेत की मिट्टी अम्लीय है तो बुझे हुए चूना का प्रयोग कर पीएच मान बढ़ा सकते हैं। ऐसा करके मिट्टी को उदासीन अवस्था में लाया जाता है। क्षारीय मिट्टी में जिप्सम या पाइराइट मिलाकर पीएच मान को उदासीन अवस्था लाया जाता है। कोई भी पौधा उदासीन अवस्था में ही सभी पोषक तत्व को अवशोषित करता है।

    6.5 से 7.5 तक के पीएच (पोटेंशियल आफ हाइड्रोजन) की मिट्टी में सभी पोषक तत्व

    6.5 से 7.5 तक के पीएच को उदासीन कहा जाता है। 6.5 से कम आने पर अम्लीय और 7.5 से ज्यादा पर मिट्टी को क्षारीय मिट्टी कहा जाता है। यदि खेत की मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 पीएच है तो मिट्टी का स्वास्थ्य सही है। इसमें सारे पाेषक तत्व उपलब्ध है। 

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