Tej Pratap Yadav: तेजप्रताप के आवास में घुस गया पानी, फटाफट बना लिया वीडियो; नीतीश सरकार को खूब सुनाया
Bihar Politics बिहार सरकार में पूर्व मंत्री और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के आवास पर जलजमाव हो गया। इसको लेकर तेज प्रताप नीतीश सरकर पर भड़क उठे। उन्होंने कहा कि जब विधायक आवास की हालत इस तरह की है तो आम जनता की क्या स्थिति होगी। तेजप्रताप के आवास पर जलजमाव सरकार पर भड़के

राज्य ब्यूरो, पटना। शनिवार को पटना में हुई जोरदार बारिश के बाद शहर के कई इलाकों में जलजमाव हुआ। राजद विधायक और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव भी हैं जिनके आवास पर जलजमाव हुआ है।
जिसके बाद उन्होंने सरकार पर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने आवास पर जलजमाव का एक वीडियो भी अपने एक्स पर पोस्ट किया है। जिसमें वे आवास का नजारा दिखा रहे हैं।
तेज प्रताप ने सरकार और प्रशासन पर नाराजगी दिखाते हुए कहा है कि सरकार की ओर से 26 स्ट्रैंड रोड का जो आवास उन्हें रहने के लिए दिया गया है उसका हाल देखिए। कुछ ही घंटों की बारिश में स्थिति दयनीय बन गई है।
26 स्ट्रैंड रोड में मुझे रहने के लिए जो सरकारी आवास दिया गया है उसका हाल देखिए...कुछ ही घंटों की बारिश में स्थिति दयनीय बन चुकी है. विधायक के आवास का ये हाल है तो जनता के हालात कैसे होंगे...आप खुद सोच सकते हैं....@RohiniAcharya2 @yadavtejashwi @NitishKumar @RJDforIndia… pic.twitter.com/csFiZjHPoy
— Tej Pratap Yadav (@TejYadav14) August 11, 2024
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि विधायक आवास का यह हाल है तो सोच सकते हैं कि जनता के क्या हालात होंगे।
यह पहला मौका नहीं है। इसके पूर्व भी तेज प्रताप ने अपने आवास को लेकर सरकार पर उंगली उठाई थी।
उस वक्त उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार ने उन्हें जो आवास आवंटित किया है वह रहने लायक नहीं है। पूरा आवास जर्जर है और मामूली बरसात में भी पानी घर के अंदर टपकने लगता है।
पहले आरक्षण को लेकर नीतीश सरकार पर बोला था हमला
बता दें कि तेज प्रताप आए दिन नीतीश सरकार पर किसी मुद्दे को लेकर हमला बोलते हैं। हाल ही में उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर यह भी लिखा था कि हमने 17 महीनों के अल्प कार्यकाल में देश में प्रथम बार बिहार में जाति आधारित गणना तथा उसके आँकड़े प्रकाशित कराने के साथ-साथ जातिगत गणना के अनुसार आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 प्रतिशत किया।
भाजपा और एनडीए के लोगों ने दलितों/पिछड़ों और आदिवासियों के लिए आरक्षित 65 प्रतिशत आरक्षण सीमा को रुकवा दिया।

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