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    व‍िभूत‍ि एक्‍सप्रेस में सफर होगा आरामदायक; जानें प्रयागराज से हावड़ा के बीच चलने वाली ट्रेन में क्‍या बढ़ी सुव‍िधाएं?

    By Vidya Sagar Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Mon, 29 Dec 2025 07:38 PM (IST)

    प्रयागराज रामबाग से हावड़ा के बीच चलने वाली विभूति एक्सप्रेस अब अत्याधुनिक एलएचबी कोच से लैस हो गई है। पटना जंक्शन के रास्ते चलने वाली इस ट्रेन में सो ...और पढ़ें

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    व‍िभूत‍ि एक्‍सप्रेस में लगे एलएचबी कोच। जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, पटना। Indian Railways News: प्रयागराज रामबाग से हावड़ा के बीच पटना जंक्शन के रास्ते चलने वाली विभूति एक्सप्रेस अब अत्याधुनिक एलएचबी (लिंक हाफमैन बुश) कोच से लैश हो गई है।

    सोमवार को ट्रेन संख्या 12334 पहली बार एलएचबी कोच के साथ पटना जंक्शन होते हुए हावड़ा के लिए रवाना हुई। अब यह ट्रेन नियमित रूप से एलएचबी कोच के साथ ही संचालित की जाएगी। 

    पहले दिन एलएचबी रेक के साथ ट्रेन का संचालन लोको पायलट अखिलेश श्रीवास्तव एवं अशोक कुमार ने किया, जबकि ट्रेन मैनेजर के रूप में आनंद कुमार तैनात थे।

    19 से 17 रह गए कोच 

    चमचमाते नए कोच को देखकर पटना जंक्शन, दानापुर समेत अन्य स्टेशनों पर यात्रियों और उन्हें छोड़ने आए परिजनों में खासा उत्साह देखा गया। कई लोग कोच के भीतर जाकर नई सुविधाओं का अवलोकन करते नजर आए। 

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    एलएचबी कोच लगाए जाने के बाद विभूति एक्सप्रेस में अब कुल 17 कोच ही रह गए हैं, जबकि पहले 19 कोच लगाए जाते थे। इसके कारण ट्रेन में कुल सीटों की संख्या में करीब 50 की कमी आई है। वर्तमान में ट्रेन में स्लीपर के 7, एसी थ्री के 3 और जनरल के 4 कोच लगाए गए हैं। 

    रेलवे के अनुसार पहले एसी थ्री क्लास के चार कोचों में 256 सीटें उपलब्ध थीं, जो अब तीन कोचों में घटकर 216 रह गई हैं, यानी 40 सीटें कम हुई हैं।

    वहीं स्लीपर क्लास में पहले आठ कोचों में 576 सीटें थीं, जो अब सात कोचों में 560 रह गई हैं, यानी 16 सीटों की कमी हुई है।

    सेकंड एसी में सीटों की संख्‍या बढ़ी 

    हालांकि सेकेंड एसी में एलएचबी कोच आने से सीटों की संख्या 46 से बढ़कर 52 हो गई है। जनरल कोच की संख्या पहले की तरह चार ही रखी गई है। 

    पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि एलएचबी कोच एंटी-टेलिस्कोपिक फीचर से लैस होते हैं, जिससे दुर्घटना की स्थिति में डिब्बे एक-दूसरे के ऊपर नहीं चढ़ते।

    ये कोच झटकों को काफी हद तक अवशोषित कर लेते हैं, तेज रफ्तार में भी इनकी पटरी पर पकड़ बेहतर होती है, शोर कम होता है और यात्रियों को अधिक आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलता है। 

    उन्होंने बताया कि विभूति एक्सप्रेस के दो रेक हैं, जिनमें से एक हावड़ा से प्रयागराज रामबाग और दूसरा प्रयागराज से हावड़ा के लिए पटना के रास्ते संचालित किया जा रहा है। भविष्य में आवश्यकता के अनुसार कोचों की संख्या बढ़ाए जाने पर भी विचार किया जाएगा।