उपेंद्र महारथी शिल्प संस्थान में शुरू होगा डिप्लोमा कोर्स, Online खरीद सकेंगे संस्थान के उत्पाद Patna News
उपेंद्र महारथी शिल्प संस्थान से अब डिप्लोमा कोर्स भी किया जा सकेगा। साथ ही संस्थान के उत्पाद अॉनलाइन भी उपलब्ध होंगे।
पटना, जेएनएन। उपेंद्र महारथी शिल्प संस्थान में शीघ्र ही डिप्लोमा कोर्स की शुरुआत होगी। संस्थान अपने उत्पादों की बिक्री के लिए अपनी वेबसाइट तैयार करेगा। उत्पाद अमेजन व फ्लिपकार्ट पर ऑनलाइन खरीद के लिए उपलब्ध रहेंगे। ये निर्देश उद्योग मंत्री श्याम रजक ने गुरुवार को संस्थान की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान दिए। उद्योग मंत्री ने संस्थान के उप निदेशक अशोक कुमार सिन्हा को निर्देश दिया कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी बिहार की शिल्प कलाओं का प्रचार-प्रसार कराएं।
सभी जिलों के कलक्ट्रेट में शिल्प कलाओं का प्रदर्शन तथा प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिग लगवाएं। शोरूम के माध्यम से भी शिल्प उत्पादों की बिक्री की जाए। उद्योग विभाग की त्रैमासिक पत्रिकाओं का देश के प्रमुख एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन एवं सार्वजनिक जगहों पर वितरण किया जाए। उत्तर-पूर्वी राज्यों में मेला प्रदर्शनी लगाई जाए। बौद्ध महोत्सव और राजगीर महोत्सव में स्टाल लगाया जाए। राजधानी के ज्ञान भवन और बुद्ध पार्क में भी स्टॉल लगें। सितंबर माह में जापान में प्रदर्शनी लगेगी।
इसमें बिहार के भी शिल्प कलाकार भाग लेंगे। जबकि अगस्त माह में दिल्ली में मेला सह प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। साथ ही शिल्प कला का प्रचार-प्रसार भी किया जाए। महाबलीपुरम में पाषाण शिल्प प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षक के माध्यम से शिल्पकारों को प्रशिक्षण देकर कुशल बनाया जाए। 88 शिल्पियों को जनवरी से जून एवं जुलाई से दिसंबर के बीच छह-छह माह का प्रशिक्षण दिए जाने की उन्होंने जानकारी ली। बताया गया कि टेराकोटा, टिकुली आर्ट, मधुबनी पेंटिंग, सिक्की क्राफ्ट, हैंडलूम, पेपरमेसी, लेदर मेटलक्राफ्ट, लकड़ी के खिलौने, बांस कला, एप्लीक, काशीदाकारी आदि ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सभी जिलों के कलक्ट्रेट में शिल्प कलाओं का प्रदर्शन तथा प्रचार-प्रसार के लिए होर्डिग लगवाएं। शोरूम के माध्यम से भी शिल्प उत्पादों की बिक्री की जाए। उद्योग विभाग की त्रैमासिक पत्रिकाओं का देश के प्रमुख एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन एवं सार्वजनिक जगहों पर वितरण किया जाए। उत्तर-पूर्वी राज्यों में मेला प्रदर्शनी लगाई जाए। बौद्ध महोत्सव और राजगीर महोत्सव में स्टाल लगाया जाए। राजधानी के ज्ञान भवन और बुद्ध पार्क में भी स्टॉल लगें। सितंबर माह में जापान में प्रदर्शनी लगेगी।
इसमें बिहार के भी शिल्प कलाकार भाग लेंगे। जबकि अगस्त माह में दिल्ली में मेला सह प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा। साथ ही शिल्प कला का प्रचार-प्रसार भी किया जाए। महाबलीपुरम में पाषाण शिल्प प्रशिक्षण प्राप्त प्रशिक्षक के माध्यम से शिल्पकारों को प्रशिक्षण देकर कुशल बनाया जाए। 88 शिल्पियों को जनवरी से जून एवं जुलाई से दिसंबर के बीच छह-छह माह का प्रशिक्षण दिए जाने की उन्होंने जानकारी ली। बताया गया कि टेराकोटा, टिकुली आर्ट, मधुबनी पेंटिंग, सिक्की क्राफ्ट, हैंडलूम, पेपरमेसी, लेदर मेटलक्राफ्ट, लकड़ी के खिलौने, बांस कला, एप्लीक, काशीदाकारी आदि ट्रेडों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
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