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    Bihar News: अब नई स्कीम से जुड़ेंगे बिहार के यूनिवर्सिटी-कॉलेज, शिक्षा विभाग ने जारी किया नया नोटिफिकेशन

    Updated: Sat, 29 Mar 2025 03:32 PM (IST)

    Bihar Education News बिहार के सभी 13 विश्वविद्यालय और उनके अधीनस्थ 490 महाविद्यालय अब समर्थ ई-गवर्नेंस सुइट स्कीम से जुड़ेंगे। इस योजना के तहत प्रत्येक महाविद्यालय में समर्थ नोडल अधिकारी नामित किए जाएंगे और उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता जवाबदेही और दक्षता लाना है। इससे छात्रों को काफी सहूलियत होने की उम्मीद है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी 13 विश्वविद्यालय एवं इसके अधीनस्थ 490 महाविद्यालय अब समर्थ से जुड़ेंगे। केंद्र सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अधीन समर्थ ई गावर्मेंट सुइट स्कीम है, जिसे सभी विश्वविद्यालयों एवं उनके अधीनस्थ महाविद्यालयों में लागू किया जा रहा है।

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    इसके लिए प्रत्येक महाविद्यालय में समर्थ नोडल अधिकारी नामित किए जाएंगे। नामित होने वाले नोडल अफसरों को समर्थ स्कीम के बारे में ट्रेनिंग दी जाएगी।

    इसके मद्देनजर शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. दीपक कुमार सिंह ने सभी पारंपरिक विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को दिशा-निर्देश जारी किया है।

    निर्देश के मुताबिक समर्थ से ललित नारायण मिश्रा आर्थिक अध्ययन संस्थान और पटना वीमेंस कालेज भी जुड़ेंगे। राज्य में पारंपरिक विश्वविद्यालयों की संख्या 13 है।

    ये विद्यालय शामिल

    इनमें बीएन मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा, तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा, मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, पटना और पटना विश्वविद्यालय शामिल हैं।

    इसके अलावा, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, मुंगेर विश्वविद्यालय एवं पूर्णिया विश्वविद्यालय शामिल हैं। इन विश्वविद्यालयों के अधीन 268 अंगीभूत महाविद्यालय एवं 222 संबद्ध डिग्री महाविद्यालय संचालित हैं।

    10 प्रखंडों में नहीं है एक भी डिग्री कॉलेज

    जहां एक शिक्षा को बेहतर करने के लिए नीतीश सरकार तमाम बड़े फैसले ले रही है। वहीं, दूसरी तरफ एक और  चौंका देने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इससे पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है।

    दरअसल, गोपालगंज जिले के 14 में से दस प्रखंडों में एक भी डिग्री कॉलेज नहीं हैं। इनमें पंचदेवरी, कटेया, विजयीपुर, फुलवरिया, उचकागांव, थावे, मांझा, सिधवलिया, बरौली तथा बैकुंठपुर प्रखंड शामिल हैं।

    बैकुंठपुर प्रखंड की छात्राओं को स्नातक की डिग्री के लिए जिला मुख्यालय आने की विवशता है। बैकुंठपुर से गोपालगंज की दूरी 40 किलोमीटर है।

    इसी प्रकार बरौली व सिधवलिया से भी जिला मुख्यालय की दूरी अधिक है। पंचदेवरी, विजयीपुर व कटेया प्रखंड की छात्राओं को भोरे तक जाने में परेशानी होती है।

    छात्राओं के लिए एकमात्र कॉलेज

    • पूरे जिले में छात्राओं के लिए एकमात्र डिग्री कॉलेज है। जिला मुख्यालय स्थित महेंद्र महिला महाविद्यालय में ही स्नातक की शिक्षा छात्राओं को दी जाती है।
    • इस कॉलेज में भी छात्राओं को साइंस व वाणिज्य की शिक्षा नहीं मिल पाती है। छात्राओं में ड्राप आउट बढ़ने का यह भी एक बड़ा कारण है। हां जिले के अन्य डिग्री कालेजों में सह शिक्षा की व्यवस्था है।

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