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    Bihar Electricity: पटना, भागलपुर और मुजफ्फरपुर के लिए अंडरग्राउंड केबलिंग योजना, 500 खरोड़ होंगे खर्च

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 01:43 PM (IST)

    पटना, भागलपुर और मुजफ्फरपुर के लिए अंडरग्राउंड केबलिंग की योजना बन रही है। बिजली कंपनी मुख्यालय स्तर पर योजना तैयार कर कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजी ज ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, पटना। पटना सहित भागलपुर व मुजफ्फरपुर के लिए भी आ रही अंडरग्राउंड केबलिंग की योजना। बिजली कंपनी मुख्यालय के स्तर पर इसके लिए योजना तैयार की जा रही। यह योजना कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद ही इस कार्य के लिए निविदा आमंत्रित की जाएगी।

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    जहां अंडरग्राउंड केबलिंग संभव नहीं वहां कवर्ड वायर

    बिजली कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार जिन इलाकों में संभावित सड़क निर्माण की वजह से अंडरग्राउंड केबलिंग संभव नहीं वहां कवर्ड वायर लगाए जाएंगे। कवर्ड वायर से करंट का खतरा नहीं रहता। पटना के कई इलाकों में कवर्ड वायर लगाए भी गए हैं।

    दूसरे चरण का काम जल्द आरंभ होगा

    पटना में काफी पहले अंडर ग्राउंड केबलिंग का काम किया गया था। इसके तहत आयकर गोलंबर से आर ब्लाक होते हुए एयरपोर्ट मोड़ के रास्ते राजभवन के समीप के इलाके में अंडरग्राउंड केबलिंग की गयी थी। इस प्रक्रिया में सड़क के केवल एक हिस्से में ही अंडरग्राउंड केबलिंग का काम संभव हो पाया था।

    अब नए सिरे से जो काम होना है उसके तहत सड़क के उस हिस्से में अंडरग्राउंड केबलिंग का काम होना है जहां अभी तक यह काम नहीं हो पाया है।

    इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार नए काम के लिए जो उपकरण हैं उसे मंगा लिया गया है। जल्द ही डाकबंगला इलाके से इस प्राेजेक्ट पर काम आरंभ होगा। नेहरू पथ के जिस हिस्से में काम नहीं हो सका है वहां काम आरंभ होगा।

    वृहत योजना के लिए बन रही योजना

    वहीं, वृहत स्तर पर अंडरग्राउंड केबलिंग की एक नई योजना काे मुख्यालय के स्तर पर अंतिम रूप दिया जा रहा। यह योजना लगभग 500 करोड़ रुपए की हो सकती है। इसके तहत पटना की संपूर्ण अंडरग्राउंड केबलिंग व भागलपुर तथा मुजफ्फरपुर के कुछ हिस्से में अंडरग्राउंड केबलिंग होनी है।

    भागलपुर व मुजफ्फरपुर के डिवीजन के माध्यम से यह तय होना है कि वहां किस इलाके में प्राथमिकता के आधार पर अंडरग्राउंड केबलिंग का काम आरंभ कराया जाए।

    यह प्रस्ताव राज्य कैबिनेट की मंजूरी को भेजा जाएगा। कैबिनेट की स्वीकृति के बाद इसके कार्यान्वयन के लिए कंपनी तय करने की प्रक्रिया आरंभ होगी। योजना यह है कि अगले वर्ष इस योजना के तहत काम आरंभ करा दिया जाए।