पटना-गया रेलखंड पर TRD बोर्ड टूटने से सवारी गाड़ी का फुट स्टेप क्षतिग्रस्त, रोकनी पड़ी ट्रेन Patna News
पटना-गया रेलखंड के नदौल स्टेशन के पास अप व डाउन ट्रैक का ट्रैक्शन वायर टूटने से ट्रेन रोकनी पड़ी। गुस्साए यात्रियों ने काफी देर तक स्टेशन पर हंगामा किया।
पटना, जेएनएन। पटना-गया रेलखंड के नदौल स्टेशन के पास अप व डाउन ट्रैक का ट्रैक्शन वायर टूटने और तीन घंटे परिचालन ठप रहने से खंड के कर्मी पूरी तरह उबरे भी नहीं थे कि गुरुवार की सुबह इस खंड के पोठही स्टेशन पर टीआरडी बॉड टूटने से स्टेशन से खुल चुकी एक सवारी गाड़ी का फुट स्टेप टेढ़ा (बैंड) हो गया। जिससे फुट स्टेप (ट्रेन के डिब्बे से नीचे आने वाली सीढ़ी) प्लेटफार्म से टकराने लगा। टकराने की जोरदार आवाज सुन चालक ने ट्रेन रोक दी।
प्रयास के बाद भी जब फुट स्टेप ठीक नहीं हुआ तो सूचना पटना की टीआरसी को दी गई। टीआरसी के कर्मी पोठही पहुंच उक्त गड़बड़ी को ठीक किया। करीब तीन घटे ट्रेन पोठही में रुकने के बाद दिन के एक बजे गया के लिए रवाना हो सकी। इधर, ट्रेन रुकी रहने से आक्रोशित यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया। इससे कक्ष में बैठे स्टेशन मास्टर व कर्मी समेत अन्य स्टाप सहम गए और दरवाजा बंद कर लिया। दरवाजा बंद होने के बाद यात्री और उग्र हो गए।
हांलाकि ग्रामीणों ने स्थिति बिगड़ते देख स्टेशन पहुंच आक्रोशित यात्रियों को समझा बुझाकर शांत कराया। करीब दो घंटे बाद पटना से गया जा रही कोसी-हटिया सुपर फास्ट ट्रेन, जिसका ठहराव पोठही में नहीं था, उसे रोका गया और यात्रियों को इस ट्रेन के साथ पीछे से आ रही 63249 अप सवारी गाड़ी में बिठाकर गंतव्य तक भेजा गया। पोठही स्टेशन कार्यालय में मौजूद टीआरडी व टीआरसी के कर्मियों के अलावा सहायक स्टेशन मास्टर ने बताया कि पटना से चलकर गया तक जाने वाली 63247 अप सवारी गाड़ी सुबह 9.51 बजे पोठही स्टेशन पर रुकी, कुछ देर रुकने के बाद ट्रेन जैसे ही खुली कि इसी बीच टीआरडी बोर्ड टूटकर ट्रेन के फुट स्टेप से लड़ गया।
इस दौरान फुट स्टेप बैंड कर गया, जिससे वह प्लेटफार्म से टकराने लगा। इस कारण ट्रेन को रोक देना पड़ा। बाद में इस ट्रेन के यात्रियों को कोसी-हटिया सुपरफास्ट ट्रेन से गतंव्य तक भेजा गया। हालाकि बाद में उस ट्रेन को भी ठीक करने के बाद दोपहर एक बजे गया के लिए रवाना कर दिया। उन्होंने यात्रियों के हंगामे से इन्कार किया है। इनसेट- क्या है टीआरडी बोर्ड ट्रैक्शन वायर के लिए रेलपटरी के बगल मे लगाए गए खंभे से रेलपटरी में एक वायर जुड़ा होता है, जो अर्थिग का काम करता है।
बताया जाता है कि खंभे से तीन इंच की एक प्लेट, जो छह मिमी की होती है, वह रेल पटरी से जुड़ी होती है। इसे टीआरडी बोर्ड कहते हैं। तकनीशियनों ने बताया कि उक्त खंभे से निकली प्लेट अर्थिग का काम करती है। बिना अर्थिग के लाइन चार्ज नहीं हो पाएगी। टीआरडी बोर्ड टूटने से बिजली चार्ज नहीं हो पाने की स्थिति में ट्रेन चलना संभव नहीं होगा। उन्होंने बताया कि टीआरडी बोर्ड टूटने से फुट स्टेप बैंड कर गया।
प्रयास के बाद भी जब फुट स्टेप ठीक नहीं हुआ तो सूचना पटना की टीआरसी को दी गई। टीआरसी के कर्मी पोठही पहुंच उक्त गड़बड़ी को ठीक किया। करीब तीन घटे ट्रेन पोठही में रुकने के बाद दिन के एक बजे गया के लिए रवाना हो सकी। इधर, ट्रेन रुकी रहने से आक्रोशित यात्रियों ने हंगामा शुरू कर दिया। इससे कक्ष में बैठे स्टेशन मास्टर व कर्मी समेत अन्य स्टाप सहम गए और दरवाजा बंद कर लिया। दरवाजा बंद होने के बाद यात्री और उग्र हो गए।
हांलाकि ग्रामीणों ने स्थिति बिगड़ते देख स्टेशन पहुंच आक्रोशित यात्रियों को समझा बुझाकर शांत कराया। करीब दो घंटे बाद पटना से गया जा रही कोसी-हटिया सुपर फास्ट ट्रेन, जिसका ठहराव पोठही में नहीं था, उसे रोका गया और यात्रियों को इस ट्रेन के साथ पीछे से आ रही 63249 अप सवारी गाड़ी में बिठाकर गंतव्य तक भेजा गया। पोठही स्टेशन कार्यालय में मौजूद टीआरडी व टीआरसी के कर्मियों के अलावा सहायक स्टेशन मास्टर ने बताया कि पटना से चलकर गया तक जाने वाली 63247 अप सवारी गाड़ी सुबह 9.51 बजे पोठही स्टेशन पर रुकी, कुछ देर रुकने के बाद ट्रेन जैसे ही खुली कि इसी बीच टीआरडी बोर्ड टूटकर ट्रेन के फुट स्टेप से लड़ गया।
इस दौरान फुट स्टेप बैंड कर गया, जिससे वह प्लेटफार्म से टकराने लगा। इस कारण ट्रेन को रोक देना पड़ा। बाद में इस ट्रेन के यात्रियों को कोसी-हटिया सुपरफास्ट ट्रेन से गतंव्य तक भेजा गया। हालाकि बाद में उस ट्रेन को भी ठीक करने के बाद दोपहर एक बजे गया के लिए रवाना कर दिया। उन्होंने यात्रियों के हंगामे से इन्कार किया है। इनसेट- क्या है टीआरडी बोर्ड ट्रैक्शन वायर के लिए रेलपटरी के बगल मे लगाए गए खंभे से रेलपटरी में एक वायर जुड़ा होता है, जो अर्थिग का काम करता है।
बताया जाता है कि खंभे से तीन इंच की एक प्लेट, जो छह मिमी की होती है, वह रेल पटरी से जुड़ी होती है। इसे टीआरडी बोर्ड कहते हैं। तकनीशियनों ने बताया कि उक्त खंभे से निकली प्लेट अर्थिग का काम करती है। बिना अर्थिग के लाइन चार्ज नहीं हो पाएगी। टीआरडी बोर्ड टूटने से बिजली चार्ज नहीं हो पाने की स्थिति में ट्रेन चलना संभव नहीं होगा। उन्होंने बताया कि टीआरडी बोर्ड टूटने से फुट स्टेप बैंड कर गया।
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