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    Bihar News: बिहार से चलने वाली इन 12 ट्रेनों में खाली हैं 6 हजार सीटें, आज ही कंफर्म करा लें अपना टिकट

    Updated: Sat, 23 Mar 2024 06:00 AM (IST)

    होली के बाद बिहार के विभिन्न शहरों से देश के कई राज्यों में जाने वाली 12 ट्रेनों में छह हजार सीटें खाली हैं। अपनी सुविधा के अनुसार यात्री इन ट्रेनों में अपनी सीटें बुक करा सकते हैं। होली के चलते इंडियन रेलवे ने कई स्पेशल ट्रेनों को चलाने का निर्णय लिया है। पटना से आनंद विहार के लिए 31 मार्च को खुलने वाली स्पेशल ट्रेन में 123 सीटें उपलब्ध हैं।

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    बिहार से चलने वाली इन 12 ट्रेनों में खाली हैं 6 हजार सीटें।

    जागरण संवाददाता, पटना। होली के उपरांत राज्य के विभिन्न शहरों से देश के कई राज्यों में जाने वाली 12 ट्रेनों में अभी भी छह हजार से ज्यादा सीटें खाली हैं। यात्री अपनी सुविधा के अनुसार इन ट्रेनों में अपनी सीटें बुक करा सकते हैं।

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    होली के मद्देनजर भारतीय रेलवे की ओर से कई स्पेशल ट्रेेनों को चलाने का निर्णय लिया गया है। पटना से आनंद विहार के लिए 31 मार्च को खुलने वाली स्पेशल ट्रेन 123 सीटें अभी भी उपलब्ध हैं।

    वहीं दानापुर से लोकमान्य तिलक तक 31 मार्च को जाने वाली ट्रेन में 462 सीटें उपलब्ध हैं। दानापुर-सागरिका-कोटा स्पेशल ट्रेन में 768 सीटें उपलब्ध है। यह ट्रेन 26 को दानापुर से रवाना होगी। पटना-पुरी स्पेशल ट्रेन में 209 सीटें उपलब्ध हैं, यह ट्रेन 26 मार्च को जाएगी।

    इसके अलावा बरौनी-टाटा स्पेशल गाड़ी में 334 सीटें उपलब्ध है। वहीं मुजफ्फरपुर-सिकंदराबाद स्पेशल ट्रेन 26 को रवाना होगी, इसमें 134 सीटें है। यही ट्रेन दो अप्रैल को भी मुजफ्फरपुर से सिकंदराबाद जाएगी। उसमें 153 सीेटें उपलब्ध है। रक्सौल-आनंद विहार में 310सीटें खाली हैं।

    ट्रेनों के आते-जाते भर जा रहे स्टेशन

    पटना जंक्शन पर आजकल भीड़ काफी बढ़ गई है। जैसे ही कोई ट्रेन आती है, पूरा स्टेशन भर जाता है। यही हाल यहां से खुलने वाली ट्रेनों की स्थिति है। स्टेशन पर ट्रेनों को खुलने का समय होते ही पूरी ट्रेन यात्रियों से भर जा रही है। पटना जंक्शन से गुजरने वाली अधिकांश ट्रेन पहले से ही भरकर आ रही है। उनमें चढ़ना काफी मुश्किल साबित हो रहा है।

    राजधानी से गांवों में लौटने लगे लोग

    अब राजधानी से अब गांवों में लोग लौटने लगे हैं। इससे लोकल ट्रेनों में यात्रियों की संख्या काफी बढ़ गई है। लोकल ट्रेनों में जगह नहीं मिलने पर एक्सप्रेस ट्रेनों का भी सहारा ले रहे हैं। भीड़ इतनी ज्यादा हो रही है कि जो सामने ट्रेन मिलती है उसी पर चढ़कर घर जाना चाहते हैं।

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