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    बिहार के ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में प्रैक्टिकल के साथ पढ़ाई जाएगी थ्योरी, 15 दिन करनी होगी क्लास

    By Akshay PandeyEdited By:
    Updated: Sat, 25 Sep 2021 07:29 PM (IST)

    नए मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में वाहन चालकों को प्रैक्टिकल के साथ थ्योरी क्लास भी करनी होगी। यह क्लास लगभग 15 दिनों की होगी। इसमें यातायात नियमों एवं चालन प्रक्रियाओं के बारे में मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर के माध्यम से जानकारी दी जाएगी।

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    बिहार परिवहन विभाग ने कई नियमों में बदलाव किए हैं। सांकेतिक तस्वीर।

    राज्य ब्यूरो, पटना: राज्य भर में खुलने वाले नए मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में वाहन चालकों को प्रैक्टिकल के साथ थ्योरी क्लास भी करनी होगी। यह क्लास लगभग 15 दिनों की होगी। इसमें यातायात नियमों एवं चालन प्रक्रियाओं के बारे में मल्टीमीडिया प्रोजेक्टर के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। इसके लिए प्रत्येक ड्राइविंग स्कूल में दो कमरों का पक्का क्लासरूम का निर्माण होगा। परिवहन विभाग ने ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने की नियमावली में संशोधन कर कई नए बदलाव किए हैं। 

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    प्रशिक्षण से सड़क दुर्घटना में आएगी कमी

    परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने बताया कि सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से प्रशिक्षण जरूरी है। प्रशिक्षण के अभाव में अकसर वाहन चालक गलतियां करते हैं और दुर्घटना के शिकार होते हैं। प्रशिक्षण मिलने से सड़क दुर्घटना में कमी आएगी। ट्रेनिंग स्कूलों से निजी क्षेत्र के संस्थानों व व्यक्तियों को रोजगार का बड़ा अवसर भी मिलेगा।

     
    खुलेंगे 76 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल


     सड़क हादसों को कम करने के लिए परिवहन विभाग राज्य भर में 76 नए मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोल रहा है। यहां नौसिखिया ड्राइवरों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। पहले 38 जिलों के लिए 61 ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन लोगों की बढ़ती अभिरुचि को देखते हुए ट्रेनिंग स्कूलों के लक्ष्य को 61 से बढ़ाकर 76 किया गया है। 
     
    प्राथमिक उपचार की भी मिलेगी जानकारी


    ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में चालकों को प्राथमिक उपचार की भी जानकारी दी जाएगी। सड़क दुर्घटना के दौरान लोगों की मदद कैसे करें या दुर्घटना के बाद वह खुद का प्राथमिक उपचार कैसे करें, इसके बारे में भी थ्योरी पेपर के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जाएगा।