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    Airport in Bihar: बिहार के इन 5 शहरों में एयरपोर्ट बनाने का है प्लान, लेकिन आ रहीं ये दिक्कतें; हो रहा लंबा इंतजार

    Updated: Fri, 22 Mar 2024 02:16 PM (IST)

    Bihar News बिहार में 5 एयरपोर्ट बनने का इंतजार लंबा हो रहा है। ये 5 एयरपोर्ट सरकार द्वारा प्रस्तावित हैं। पटना एयरपोर्ट के छोटे से रनवे को खतरनाक की श्रेणी में रखा गया है लेकिन इसका समाधान नहीं हो पा रहा है। वहीं इसके विकल्प के तौर पर बिहटा में बड़ा टर्मिनल बनने की अड़चनें दूर होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। पिछले वर्ष वित्तीय स्वीकृति मिली है।

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    बिहार के 5 शहरों में एयरपोर्ट बनना प्रस्तावित (जागरण फोटो)

     जागरण टीम, पटना। Bihar News Today: बिहार में पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्ट यात्रियों की संख्या के लिहाज से देश में प्रमुख स्थान रखते हैं। लेकिन, यात्री सुविधाओं के लिहाज से अभी कई प्रस्तावित योजनाएं जमीन पर उतरनी शेष हैं। वहीं, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, सासाराम व रक्सौल एयरपोर्ट हर चुनाव में मुद्दा बनता है, प्रस्ताव व योजना स्वीकृति का मामला कुछ आगे भी बढ़ाया जाता है।

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    लेकिन, इंतजार खत्म होने नाम नहीं ले रहा है। पटना एयरपोर्ट का छोटा रनवे इसे दशकों से खतरनाक की श्रेणी में रखे हुए है। वहीं, इसके विकल्प के तौर पर बिहटा में बड़ा टर्मिनल बनने की अड़चनें दूर होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। पिछले वर्ष वित्तीय स्वीकृति मिली है।

    अब प्रशासनिक स्वीकृति के साथ निविदा प्रक्रिया का इंतजार है। बिहटा एयरपोर्ट के लिए पहले चरण में 126 एकड़ जमीन दी गई थी। इसके अतिरिक्त आठ एकड़ की मांग की गई, जिसके अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो गई है।

    सात करोड़ रुपये की लागत से चाहरदीवारी बनाई गई है। निर्माण कार्य को पांच साल से ज्यादा विलंब हो चुका है। दरभंगा एयरपोर्ट में 911 करोड़ की लागत से 54 एकड़ में बन रहे नए टर्मिनल भवन का काम अबतक पूरा नहीं हो पाया है। रनवे का विस्तार और रात में टेक आफ और लैंडिंग की सुविधा का इंतजार लंबा होता जा रहा है। एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया की मानें तो एक-दो माह में नाइट लैंडिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

    अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का रनवे है छोटा

    बोधगया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर अंतरराष्ट्रीय विमानों के टेक आफ और लैंडिंग के लिए रनवे छोटा है। वर्तमान रनवे 7, 500 फीट है, जिसे 9000 फीट होनी है। इसके लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया वर्षों से लंबित है। गया और बोधगया धार्मिक महत्व और पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं। इसके विस्तारीकरण के पहले चरण का काम 2002 से 2004 के बीच पूरा किया गया था।

    सासाराम एयरपोर्ट

    2013 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता वाली उच्चस्तरीय समिति ने लघु हवाई अड्डा निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी। सर्वेक्षण के लिए टीम भी आई थी, मामला इससे आगे नहीं बढ़ा। इसका लाभ बिहार के साथ झारखंड को भी मिलता। सासाराम सांसद छेदी पासवान ने 2023 में इसे लोकसभा में उठाया था, तब नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने बताया था कि राज्य सरकार से अबतक भूमि की व्यवस्था नहीं कराई गई है, जिस कारण योजना लंबित है।

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