बिहार विधानसभा चुनाव 2025: नए राजनीतिक दलों का उभार और उनकी संभावनाएं, चुनावी नतीजे तय करेंगें नई पार्टियों के भविष्य
बिहार विधानसभा चुनाव में कई नए राजनीतिक दलों के उतरने से मुकाबला रोचक होने वाला है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी और तेज प्रताप यादव की जनशक्ति जनता दल प्रमुख हैं। वीवीआइपी और इंडियन इंकलाब पार्टी जैसे दल भी मैदान में हैं। ओवैसी की एआइएमआइएम ने पिछली बार अच्छा प्रदर्शन किया था।

दीनानाथ साहनी, पटना। बिहार विधानसभा के इस चुनाव में कई नए राजनीतिक दल लांच होंगे, कुछ पार्टियां बीते चुनाव में भी लांच हो चुकी हैं। ये दल चुनावी महासमर को रोचक बनाएंगे। इनमें प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की चर्चा सर्वाधिक है, जो एनडीए और महागठबंधन को चुनौती दे रही है।
राजद और परिवार से निष्कासित लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने भी नई पार्टी जनशक्ति जनता दल का गठन किया। इसका चुनाव चिन्ह ब्लैकबोर्ड है। इसके अलावा विकास वंचित इंसान पार्टी (वीवीआइपी), भारतीय संभावना पार्टी, राष्ट्रीय जन-जन पार्टी और इंडियन इंकलाब पार्टी जैसे नये राजनीतिक दल भी चुनाव में जोर लगाऐंगे।
यह बात गौर करने लायक है कि यह चुनाव पुराने बनाम नए खिलाड़ियों के बीच कांटे का मुकाबला के लिए भी होगा, जिसमें जातीय समीकरण और नए राजनीतिक विचार धाराओं का प्रभाव देखने को मिलेगा। छोटे दल भी इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अखिल भारतीय पान महासंघ के अध्यक्ष इंजीनियर आइपी गुप्ता की इंडियन इंकलाब पार्टी चुनाव में उतरी है।
सवाल उठता है कि बिहार में नए राजनीतिक दलों के वजूद में आना महज संयोग है या फिर कोई सियासी प्रयोग है? क्योंकि ऐसे दल जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरते। इसकी नजीर है-पिछले चुनाव में बुरी तरह हारी ऐसी पार्टियां। गत चुनाव में प्लूरल्स पार्टी ने कई उम्मीदवारों को लड़ाया था, लेकिन उनकी जमानत भी नहीं बची थी।
इस मामले में असदुद्दीन ओवैसी की एआइएमआइएम तुरुप का पत्ता जरूर साबित हुई। विगत चुनाव में उनके पांच उम्मीदवार जीत कर विधायक बने थे। इस तरह से ओवैसी ने सीमांचल क्षेत्र में महागठबंधन का खेल बिगाड़ दिया था। यह और बात है कि बाद में उनके चार विधायक राजद में जा मिले थे। यूपी के सांसद चंद्रशेखर आजाद की आजाद समाज पार्टी भी चुनाव लड़ने में जुटी है।
आइपीएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में कूदे शिवदीप वामनराव लांडे ने जय हिंद सेना के नाम से पार्टी बनाई है। वो भी अपने उम्मीदवार उतारेंगे। प्रदीप निषाद की विकास वंचित इंसान पार्टी या वीवीआइपी भी चुनाव मैदान में है। पहले वो विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) में थे।
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