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    तेली, बड़ई और तमोली को अत्यंत पिछड़ा वर्ग का दर्जा

    By pradeep Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 23 Apr 2015 11:25 AM (IST)

    राज्य सरकार ने पिछड़े वर्ग की अनुसूची में दर्ज तेली, बड़ई और तमोली (चौरसिया) जाति को अत्यंत पिछड़े वर्गों की अनुसूची में शामिल कर लिया है।

    पटना। राज्य सरकार ने पिछड़े वर्ग की अनुसूची में दर्ज तेली, बड़ई और तमोली (चौरसिया) जाति को अत्यंत पिछड़े वर्गों की अनुसूची में शामिल कर लिया है। जबकि पिछड़े वर्गों के लिए बनाए गए राज्य आयोग की अनुशंसा पर नइया जाति को अत्यंत पिछड़े वर्गों की सूची से बाहर कर दिया है।

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    सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। आदेश के मुताबिक बिहार सरकार की सेवाओं में होने वाले रिक्तियों में आरक्षण के प्रावधान है। वर्तमान में आरक्षण अधिनियम 1991 के पिछड़े वर्गों की सूची में तमोली, बड़ई और तेल जाति दर्ज है। सरकार ने इन तीनों जातियों को अब पिछड़ा वर्ग से अत्यंत पिछड़ा वर्ग में शामिल कर लिया है। जिसके बाद उन्हें सरकारी रिक्तियों में अत्यंत पिछड़ा वर्ग के आरक्षण प्रावधानों का लाभ मिलेगा।

    इसी प्रकार अति पिछड़ा वर्ग के लिए गठित राज्य आयोग की अनुशंसा पर नइया जाति को विलोपित कर दिया गया है। आयोग ने सरकार को भेजी अपनी अनुशंसा में कहा था कि बिहार में नइया या लइया कहे जाने वाले लोग आदिम जनजाति माल पहाडिय़ा हैं। इस कारण इन्हें अत्यंत पिछड़ा वर्ग की सूची से बाहर किया जाना चाहिए। आयोग ने सरकार से यह भी अनुशंसा की थी कि पुजहर, खैरा, लइया एवं नइया टाइटिल वाले माल पहाडिय़ा समुदाय के सभी समूहों को माल पहाडिय़ा का जाति प्रमाण पत्र देना चाहिए।