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    Bihar Politics: क्या उन्होंने शपथ लेकर झूठ बोला था? तेजस्वी के बदले EPIC नंबर पर संबित पात्रा का तंज

    By Agency Edited By: Ashish Mishra
    Updated: Sun, 03 Aug 2025 04:25 PM (IST)

    भाजपा सांसद संबित पात्रा ने तेजस्वी यादव पर मतदाता पहचान पत्र में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि तेजस्वी के पास दो EPIC नंबर हैं और उन्होंने चुनाव आयोग को गुमराह करने की कोशिश की। चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि तेजस्वी का नाम मतदाता सूची में है और उनका EPIC नंबर वही है जो उन्होंने 2020 के चुनाव में दिया था।

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    भाजपा सांसद संबित पात्रा ने तेजस्वी यादव पर किया हमला। फाइल फोटो

    एएनआई, नई दिल्ली/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे पार्टी के नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर भी चालू हो गया है। भाजपा सांसद संबित पात्रा ने रविवार को बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनका EPIC यानी मतदाता फोटो पहचान पत्र नंबर बदला हुआ है और उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची से गायब है।

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    संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि तेजस्वी यादव के पास दो EPIC नंबर और दो मतदाता पहचान पत्र हैं और तेजस्वी के आरोप को 'भारत को बदनाम करने की साजिश' बताया।

    उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि उनके तेजस्वी यादव पास दो EPIC नंबर थे। क्या उनके पास दो मतदाता पहचान पत्र थे? कांग्रेस और राजद जिस तरह से चुनाव आयोग पर तीखा हमला कर रहे हैं, वह भारत को बदनाम करने की एक साजिश है।

    इसके अलावा, पात्रा ने कहा कि भारत के चुनाव आयोग और पटना के जिलाधिकारी ने मसौदा मतदाता सूची में यादव का नाम दिखाकर मामले को स्पष्ट किया।

    उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा प्रकाशित मतदाता सूची के बारे में मतदाताओं को गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने रोते हुए कहा कि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो क्या वे बिहार चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं?

    नहीं काटा गया है तेजस्वी का नाम- EC

    इसके बाद चुनाव आयोग और पटना के जिलाधिकारी ने सच्चाई उजागर कर दी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव का नाम और EPIC नंबर मौजूद है, और SIR के बाद प्रकाशित मतदाता सूची से उनका नाम नहीं काटा गया है।

    भाजपा सांसद ने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने आगे कहा कि जिस EPIC नंबर से उनका नाम मतदाता सूची में क्रमांक 416 पर प्रकाशित हुआ था, वह वही है जो उन्होंने 2020 के चुनावों के दौरान अपने नामांकन पत्र में लिखा था। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च नेता के पास दो EPIC नंबर हैं, तो कार्यकर्ता का हाल क्या होगा।

    उस समय का जिक्र करते हुए जब बिहार बूथ कैप्चरिंग के लिए बदनाम था, पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राजद ने गुंडागर्दी करके जीत हासिल की और मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) ने उनकी पोल खोल दी है।

    गुंडागर्दी के दम पर जीतने के आदी- संबित पात्रा

    क्या इसीलिए वे SIR से डरते हैं? उन्होंने कहा कि कल्पना कीजिए, ये कांग्रेस और राजद नेता और उनके कार्यकर्ता, जो बूथ कैप्चरिंग और गुंडागर्दी के दम पर जीतने के आदी थे, उनका पूरा खेल उजागर हो गया है।

    क्या तेजस्वी यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव में नामांकन के दौरान गलत हलफनामा दाखिल किया था? क्या उन्होंने शपथ लेकर झूठ बोला था? उन्होंने आगे सवाल किया।

    यह तब हुआ जब चुनाव आयोग के सूत्रों ने तेजस्वी प्रसाद के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उनका मतदाता पहचान पत्र संख्या बदल दी गई है। उन्होंने कहा कि राजद नेता ने 2020 में हलफनामे पर अपना नामांकन पत्र भरने के लिए मतदाता सूची संख्या RAB0456228 का इस्तेमाल किया था।

    दूसरा मतदाता पहचान पत्र संख्या-RAB2916120-अस्तित्वहीन पाया गया है। दस साल से ज्यादा पुराने रिकॉर्ड की जांच की गई है। दूसरे मतदाता पहचान पत्र संख्या का अभी तक कोई रिकॉर्ड नहीं मिला है।

    वास्तविकता जानने के लिए जांच जारी

    इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि दूसरा मतदाता पहचान पत्र आधिकारिक माध्यम से कभी बनाया ही न गया हो। एक सूत्र ने कहा कि दूसरे EPIC नंबर की वास्तविकता जानने के लिए आगे की जांच जारी है, कि क्या वह जाली दस्तावेज है। ECI ने स्पष्ट किया था कि तेजस्वी का नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में क्रमांक 416 पर शामिल है।

    ECI ने एक बयान में कहा कि हमारे संज्ञान में आया है कि तेजस्वी यादव ने एक शरारती दावा किया है कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में नहीं है। उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में क्रमांक 416 पर सूचीबद्ध है। इसलिए यह दावा कि उनका नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल नहीं है, झूठा और तथ्यात्मक रूप से गलत है।

    इससे पहले शनिवार को राजद नेता ने बिहार में SIR प्रक्रिया को लेकर चुनाव आयोग पर हमला बोलते हुए कहा था कि उनका EPIC नंबर बदल दिया गया है और उनका नाम मतदाता सूची से गायब है।

    अगर मेरा अपना EPIC (मतदाता फोटो पहचान पत्र) नंबर बदला जा सकता है, तो कितने लोगों के EPIC नंबर बदले गए हैं? ये वो सवाल हैं जो हम चुनाव आयोग से पूछ रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लोगों के नाम मतदाता सूची से काटने की साजिश है।

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