Bihar Politics: युवाओं का दिल जीतने के लिए हर तरकीब अपना रहे तेजस्वी, चुनाव को लेकर खेला नया दांव
पिछले चुनाव में महागठबंधन की जीत में युवाओं का बड़ा योगदान रहा। तेजस्वी यादव युवाओं को नौकरी और रोजगार में डोमिसाइल नीति का वादा कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षा को विकास का हथियार बताया और युवाओं से 20 महीने का समय मांगा। तेजस्वी ने युवाओं से कई वादे किए हैं जिनमें युवा आयोग का गठन और मुफ्त शिक्षा शामिल हैं।

विकाश चन्द्र पाण्डेय, पटना। विधानसभा के पिछले चुनाव में महागठबंधन के बेहतरीन प्रदर्शन में निर्णायक वे युवा रहे, जिन्होंने राजद-कांग्रेस को उदार होकर वोट दिया था। कुल मतदाताओं में इनकी हिस्सेदारी आधे से भी अधिक की हो चुकी है। ऐसे में चुनावी राजनीति में युवाओं की पूछ कुछ अधिक ही बढ़ गई है।
महागठबंधन के अघोषित नेता तेजस्वी यादव को तो इस वर्ग से इतनी अधिक अपेक्षा है कि वे नौकरी-रोजगार में डाेमिसाइल नीति तक का आश्वासन दे रहे। इस गारंटी के साथ कि मात्र 20 माह में बिहार की तस्वीर और युवाओं की तकदीर बदल देंगे।
पिछले दिनों राजद की ओर से पटना में "छात्र युवा संसद" और "युवा चौपाल" का आयोजन हुआ। उसमें तेजस्वी ने कई वादों के साथ शिक्षा को विकास का सबसे बड़ा हथियार बताया। कहा कि आपने उन्हें 20 वर्ष दिया, मुझे मात्र 20 माह देकर देखिए। उस आयोजन में सम्मिलित युवाओं को तेजस्वी के नाम के लोगो वाली टी-शर्ट के साथ कलम उपहार में दी गई।
जानकार इसे राजद में पीढ़ीगत परिवर्तन के साथ नीतिगत बदलाव का उदाहरण बता रहे। लालू-राबड़ी के शासन-काल में बिहार में लाठी रैली हुई थी। तेजस्वी राजद को उस छवि से बाहर निकाल रहे। इसमें उनके लिए थोड़े दिनों की सत्ता बड़ी सहायक रही। नियुक्ति-पत्र बांटने का उपक्रम महागठबंधन की सरकार में ही शुरू हुआ। तब गांधी मैदान में 1.5 लाख नियुक्ति-पत्र दिए गए थे। तेजस्वी युवाओं को यह बताने से नहीं चूक रहे।
बिहार में नौकरी-रोजगार के लिए बने माहौल को वे अपने प्रयास का प्रतिफल बता रहे। इस दावे के साथ वे 25 वर्ष से कम उम्र वाली लगभग 58 प्रतिशत जनसंख्या को साधना चाह रहे। इस आठ करोड़ की जनसंख्या के साथ बिहार देश का सबसे बड़ा युवा राज्य है। स्पष्ट है कि अगले कई वर्षों तक युवा मतदाता ही निर्णायक रहने वाले हैं। ऐसे में तेजस्वी की यह पहल दूरदर्शी मानी जा रही।
समर्थन से उत्साहित:
2020 के विधानसभा चुनाव में 18-39 वर्ष के मतदाताओं के बीच महागठबंधन को 47 प्रतिशत समर्थन मिला था, जबकि एनडीए को 34-36 प्रतिशत। तब 78 लाख प्रथम मतदाताओं (18-25 वर्ष) ने जंगल-राज की तुलना में रोजगार को अधिक महत्व दिया था।
स्पष्ट है कि अब युवा पारंपरिक जातिगत मतदान से हटकर रोजगार और विकास पर अधिक ध्यान दे रहे। शायद इसी कारण तेजस्वी ने इन समस्याओं पर अपनी चुनावी रणनीति को फोकस किया है।
सशक्त है अवरोध:
तेजस्वी की युवा-केंद्रित रणनीति उनकी मुखर छवि, रोजगार और शिक्षा पर जोर के साथ सोशल मीडिया के प्रभावी उपयोग पर आधारित है। एक्स पर पोस्ट में उनके समर्थक उनकी रैलियों में उमड़ी युवा भीड़ को जनसैलाब बता रहे। हालांकि, एडीए की मजबूत स्थिति उनकी राह में बड़ा रोड़ा है।
युवा आयोग का गठन कर चुकी एनडीए सरकार अगले पांच वर्षों में एक करोड़ नौकरी-रोजगार का आश्वासन दे चुकी है। अब तक 49 लाख को नौकरी-रोजगार मिलने का दावा है।
युवाओं से तेजस्वी के वादे:
युवा आयोग का गठन होगा/ डोमिसाइल नीति लागू होगी/ नौकरी के लिए आवेदन फ्री में/ परीक्षा हेतु जाने-जाने के लिए किराया नहीं/ पेपर लीक नहीं होगा/ परीक्षा-फल समय पर/ युवाओं को नशे से मुक्ति मिलेगी/ वर्ष में 275 दिन पठन-पाठन की गारंटी/ कॉलेजों में विद्यार्थियोंं के लिए 80 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य/ 2000 एकड़ में विश्व-स्तरीय विश्वविद्यालय/ एजुकेशन सिटी/ हर आठवां युवा फरार्टेदार अंग्रेजी बोलेगा
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