Bihar News: तमिलनाडु का नाम लेकर तेजस्वी ने बिहार में छेड़ दिया नया मुद्दा, चुनाव से पहले जदयू से कह दी यह बात
राजद नेता तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार से आरक्षण में वृद्धि से संबंधित कानून को प्रभावी बनाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हम तमिलनाडु की तर्ज पर 65 प्रतिशत आरक्षण को नौवीं अनुसूची में सम्मिलित कराकर ही दम लेंगे। तेजस्वी ने कहा कि आरक्षण का मामला अभी सर्वोच्च न्यायालय में है और राजद इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए है।

राज्य ब्यूरो, पटना। पार्टी के प्रदेश कार्यालय के समक्ष रविवार को धरना देकर राजद ने सरकार से आरक्षण में वृद्धि से संबंधित कानून को प्रभावी बनाने की मांग की।
धरना में मुख्य वक्ता विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव रहे। ताल ठोकते हुए उन्होंने कहा कि हम तमिलनाडु की तर्ज पर 65 प्रतिशत आरक्षण को नौवीं अनुसूची में सम्मिलित कराकर ही दम लेंगे।
महागठबंधन सरकार ने आरक्षण-सीमा को 49.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किया था। इसे नौवीं अनुसूची में सम्मिलित करने का प्रस्ताव भी केंद्र सरकार को भेजा गया था। भाजपा और केंद्र सरकार द्वारा कोई पहल नहीं हुई।
इस कारण पिछड़ा, अति-पिछड़ा, अनुसूचित जाति-जनजाति को लगभग 16 प्रतिशत आरक्षण से वंचित होना पड़ रहा है। ऐसे में इन वर्गों को अब तक लगभग 50 हजार नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है।
नियुक्ति-पत्र देने का आइडिया हमारा था- तेजस्वी
तेजस्वी ने कहा कि गांधी मैदान में नियुक्ति-पत्र देने का आइडिया हमारा था। उसकी नकल कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 51389 नियुक्ति-पत्र दिए हैं।
हालांकि, इसमें पिछड़ा, अति-पिछड़ा, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग की 8222 नौकरियां सरकार खा गई। यह अन्याय है। आरक्षण का मामला अभी सर्वोच्च न्यायालय में है।
वकील के माध्यम से राजद इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए है। सड़क से सदन तक संघर्ष हो रहा है। हमारा संकल्प और प्रण है कि किसी भी कीमत पर आरक्षण को समाप्त नहीं होने देंगे।
अब्दुल बारी सिद्दिकी, शक्ति सिंह यादव, एजाज अहमद, सारिका पासवान, अरुण यादव, प्रमोद कुमार सिन्हा, रितु जायसवाल, अनिल कुमार साधु, भाई अरुण आदि धरना में उपस्थित रहे।
अध्यक्षता पटना के जिलाध्यक्ष व पूर्व विधायक दीनानाथ सिंह यादव ने की। मंच संचालन पटना महानगर अध्यक्ष महताब आलम ने किया।
हमने मुख्यमंत्री को दो बार चिट्ठी लिखी- तेजस्वी
- तेजस्वी ने कहा कि हमारे समय में जो 3.5 लाख नियुक्तियां बकाया थीं, उसे ही आज ये लोग बांट रहे। बीपीएससी अभ्यर्थियों के मामले में न्याय के लिए हमने मुख्यमंत्री को दो बार चिट्ठी लिखी, लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला।
- लगता है कि उन्हें कुर्सी छोड़ जनहित के किसी दूसरे मामले से मतलब ही नहीं रहा। बिहार में गरीबी, पलायन, मंहगाई पर चर्चा नहीं हो रही।
जमीन हड़प कर नौकरी देने वाले युवाओं के हितैषी होने का दावा कर रहे : जदयू
उधर, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने रविवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जमीन हड़प कर नौकरी देने वाले युवाओं का हितैषी होने का दावा कर रहे।
वहीं नीतीश कुमार की दूरदर्शी नीतियों के कारण बिहार मे सरकारी व निजी क्षेत्रों में निरंतर रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं। रविवार को 51 हजार से अधिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया।
इसके लिए वह मुख्यमंत्री को बधाई देते हैं। जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में अब तक लगभग 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी मिल चुकी है।
नीतीश कुमार का लक्ष्य है कि 2025 के चुनाव के पहले 12 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी उपलब्ध करा देंगे। इसके अलावा 38 लाख रोजगार सृजन की दिशा में भी सरकार तेजी से अग्रसर है।
शिक्षक नियुक्ति की सबसे खास बात यह है कि कुल चयनित प्रारंभिक शिक्षकाें में 56 फीसद महिलाएं हैं। ये आंकड़े राज्य में महिला सशक्तिकरण का उत्कृष्ट उदाहरण भी पेश कर रहे।
राजद पर हमला बोलते हुए जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जिन लोगों ने अपने शासनकाल में नौकरी देने के बजाए जंगल राज स्थापित कि.वे अब झूठा श्रेय बटोरकर जनता को बरगलाने की कोशिश कर रहे।
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