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    'मांझी पहले थे इनके नाक के बाल, NDA में आते ही आंख की किरकिरी हो गए', नीतीश की टिप्पणी पर बोले तारकिशोर प्रसाद

    Bihar News नीतीश कुमार के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी पर की गई टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने खूब खरी खोटी सुनाई । कहा कि जीतनराम मांझी जब तक महागठबंधन में शामिल थे तब तक इनके नाक के बाल थे। मांझी के एनडीए में आते ही मुख्यमंत्री की आंख की किरकिरी हो गए ।

    By Raman ShuklaEdited By: Aysha SheikhUpdated: Sat, 11 Nov 2023 08:21 AM (IST)
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    नीतीश की टिप्पणी पर बोले तारकिशोर प्रसाद

    राज्य ब्यूरो ,पटना। पूर्व उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने कहा है कि बिहार विधानसभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महादलित परिवार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी पर की गई टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है।

    पूरा सदन मुख्यमंत्री के इस व्यवहार से शर्मसार है। पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन इनके राजनीतिक जीवन को पटाक्षेप करने का एक षड्यंत्र हैं।

    जीतनराम मांझी जब तक महागठबंधन में शामिल थे तब तक इनके नाक के बाल थे। मांझी के एनडीए में आते ही मुख्यमंत्री की आंख की किरकिरी हो गए। एक ओर प्रधानमंत्री नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक से भारत की महिलाओं को संवैधानिक रुप से लोकतांत्रिक अधिकार देने का काम किया।

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    वहीं, दूसरी ओर इंडी गठबंधन के सूत्रधार बिहार के मुख्यमंत्री महिलाओं पर घृणित टिप्पणी कर बिहार की परंपरा एवं संस्कृति को शर्मसार किया है।

    दलित और महिला विरोधी हैं नीतीश : प्रभाकर मिश्र

    भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दलित और महिला विरोधी होते जा रहे हैं। ऐसे व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।

    मुख्यमंत्री ने पहले अपनी भद्दी भाषा से महिलाओं का अपमान किया और फिर दूसरे दिन पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के लिए अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। मुख्यमंत्री की भाषा और व्यवहार में खींझ दिखता है।

    मुख्यमंत्री ने अपनी गंदी भाषा से देश-दुनिया के सामने बिहार को अपमानित किया है।मुख्यमंत्री का विचार और व्यवहार दोनों में तानाशाही झलकती है।

    जीतनराम मांझी मुख्यमंत्री से उम्र में भी बड़े हैं और उनके पास राजनीतिक अनुभव भी अधिक है, लेकिन एक वरिष्ठ दलित नेता को मुख्यमंत्री ने सदन में जिस तरह अपमानित किया, वह देश की सांवैधानिक परंपरा और इतिहास में काले अक्षरों में अंकित हो चुका है।

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