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    संजीव मुखिया की डील में शामिल था एक छात्र और कनसल्टेंट, राजस्थान, हरियाणा और यूपी से जुड़ा कनेक्शन

    Updated: Fri, 02 May 2025 09:01 PM (IST)

    नीट पेपर लीक मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की पूछताछ जारी है। घटना का मास्टर माइंट संजीव मुखिया है। उसके साथ लखीसराय के छात्र का नाम भी सामने आया है। पता चला है कि पेपर लीक के दिन संजीव मुखिया बिहार में न होकर गुजरात में था। जांच में और भी कई राज खुले हैं।

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    नीट पेपर लीक का मास्टर माइंड संजीव मुखिया।

    राज्य ब्यूरो, पटना। नीट पेपर लीक मामले में गिरफ्तार संजीव मुखिया से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की पूछताछ में यह बात सामने आई है कि पेपर लीक के मास्टर माइंड संजीव मुखिया का नेटवर्क अकेले बिहार में नहीं था।

    उसका कनेक्शन गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों तक फैला हुआ था। कोर्ट से चार दिनों की रिमांड मिलने के बाद सीबीआइ ने संजीव मुखिया से पूछताछ शुरू कर दी है।

    पेपर लीक के समय गुजरात में था

    सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पूछताछ के दौरान संजीव मुखिया ने यह जानकारी दी कि पिछले वर्ष पांच मई को जिन दिन नीट यूजी पेपर लीक हुआ था उस दिन वह बिहार नहीं, बल्कि गुजरात में था।

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    उसने बताया कि गोधरा के जिस समय जलाराम स्कूल के परीक्षा केंद्र पर नीट पेपर लीक हुआ था वह उस केंद्र से महज डेढ़ से दो किमी की दूरी पर मौजूद था।

    अधिकारी के एक रिश्तेदार का आया नाम

    संजीव मुखिया ने कबूल किया है कि परीक्षा में एक पुलिस अधिकारी के एक रिश्तेदार ने परीक्षार्थियों से पेपर की डील कराई थी। 

    मामले के प्रकाश में आने के बाद ही गुजरात पुलिस की एसआइटी ने संबंधित परीक्षा केंद्र के प्राचार्य पुरूषोत्तम शर्मा, शिक्षक तुषार भट्ट, वडोदरा के शिक्षा परामर्शी परशुराम, उसके सहयोगी विभोर आनंद और दलाल आरिफ वोहरा को गिरफ्तार किया था।

    लखीसराय का रहने वाला है विभोर

    विभोर आनंद मूल रूप से लखीसराय का रहने वाला है। गुजरात पुलिस ने उसे उसके दरभंगा स्थित ससुराल से गिरफ्तार किया था। संजीव मुखिया ने जांच एजेंसी को बताया कि विभोर के एक रिश्तेदार डीआइजी रैंक के पुलिस अफसर हैं।

    परीक्षा को लेकर सीधे करता था डील

    सूत्र बताते हैं कि संजीव मुखिया ने कबूला है कि विभोर आनंद छात्रों और अभिभावकों से सीधे डील करता था और उन्हें शिक्षा सलाहकार परशुराम से मिलाता था। उसके अनुसार परशुराम दूसरे देशों में पढ़ाई के लिए सलाह देने के साथ वीजा फर्म चलाता है।

    बात बनने पर मिलता था कमीशन

    जब उसकी डील अभ्यर्थी से हो जाती थी तब विभोर आनंद को कमीशन मिलता था। पूछताछ के दौरान संजीव मुखिया ने अपने गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब के साथ ही उत्तर प्रदेश के नेटवर्क के बारे में कई अहम जानकारियां दी हैं। सूत्रों के अनुसार इस मामले में अधिक साक्ष्य जुटाने के लिए सीबीआइ टीम मुखिया को गुजरात भी ले जा सकती है।