Bihar News: सभी जिलों के DM तक पहुंचा नया पत्र, राजस्व न्यायालयों के आदेश से जुड़ा है मामला
बिहार सरकार ने एक फरमान जारी किया है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग बिहार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विभिन्न राजस्व न्यायालयों के आदेशों को तत्काल ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है। अब वादियों और प्रतिवादियों को निर्णय की जानकारी तुरंत मिल सकेगी। इस पहल से न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और अपील या पुनरीक्षण के लिए वैधानिक अवधि का लाभ मिलेगा।

राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने तय किया है कि अब विभिन्न राजस्व न्यायालयों के आदेश तत्काल ऑनलाइन होंगे।
पहले होता यह था कि आदेश आज दिया गया और उसे कई दिनों बाद ऑनलाइन किया गया। इस प्रक्रिया में वादियों-प्रतिवादियों निर्णय की तुरंत जानकारी नहीं मिल पाती थी।
विभाग के सचिव ने भेजा पत्र
विभाग के सचिव जय सिंह ने जिलाधिकारियों एवं प्रमंडलीय आयुक्तों को पत्र लिखकर कहा है कि ऑफलाइन आदेश लिखने की प्रवृति तत्काल बंद कर दें।
ऑनलाइन पोर्टल पर ही आदेश लिखें और उसे डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट से हस्ताक्षरित करते हुए वाद को निष्पादित करें।
विभाग को सूचना मिली थी कि कई मामलों में विभिन्न स्तर के राजस्व न्यायालयों के आदेशों को पूर्व की तिथि से ही हस्ताक्षर एवं निर्गत किया गया है किंतु आरसीएमएस पोर्टल पर बाद की तिथि में अपलोड किया गया है।
पत्र में इन बातों का भी जिक्र
- इससे गड़बड़ी की आशंका को बल मिलता है। पत्र में कहा गया है कि पोर्टल पर आदेश अपलोड होने के बाद ही इसकी जानकारी आवेदक, अपीलार्थी या विपक्षी को हो पाती है।
- देर से फैसलों की जानकारी होने के कारण आवेदक या अपीलार्थी को अपील या पुनरीक्षण के लिए प्राप्त वैधानिक अवधि कम हो जाती है। इससे उनके अधिकारों का हनन होता है।
राजस्व मंत्री ने क्या कहा?
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि सभी राजस्व न्यायालयों को एकीकृत करके जून, 2024 में एक ही पोर्टल में समाहित कर दिया गया था।
अगस्त, 24 में इसमें समाहर्ता और आयुक्त के न्यायालय को जोड़ दिया गया था। नई व्यवस्था से न्याय निर्णय होने और उसे प्रकाशित/प्रसारित होने के बीच के अंतराल को खत्म कर देगा।
सेवानिवृत्ति राजस्व कर्मचारी की दंडाधिकारी के रूप में हुई प्रतिनियुक्ति
उधर, परैया प्रखंड के दखनेर गांव में विश्व विख्यात कथा वाचिका जया किशोरी जी के प्रवचन का आयोजन विगत 2 फरवरी से 8 फरवरी तक किया गया है।
इसको लेकर जिला से अधिकारी के साथ पुलिस अधिकारी और सुरक्षा बलों के दल की विशेष प्रतिनियुक्ति की गई है।
सुरक्षा व्यवस्था को लेकर किए गए प्रतिनियुक्ति में बाहरी लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसमें सेवानिवृत्त पंचायत सचिव को दंडाधिकारी के रूप में प्रतिनियुक्ति किया गया है।
इसके अलावा कई स्थानांतरित पंचायत सचिव व मनरेगा कर्मी को भी दंडाधिकारी के रूप में आवश्यक जिम्मेदारी दी गई है। पूरे आयोजन के बीच ऐसे अधिकारी की उपस्थिति नगण्य के बराबर रही है।
इससे आयोजन समिति के ऊपर अतिभार का सामना करना पड़ रहा है। बीडीओ आई एस ट्विंकल ने बताया कि आदेश पत्र जिला से जारी हुआ है, जिसमें अधिकारी व कर्मियों की प्रवचन स्थल व मेला में प्रतिनियुक्ति हुई है।
पंचायत सचिव नरेश प्रसाद दिसम्बर में सेवानिवृत हुए है। स्थानांतरित कर्मियों की भी प्रतिनियुक्ति हुई है जो ड्यूटी में तैनात है।
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