बिहार में मिस्ट्री बनी खेमका परिवार की कहानी, बेटे के बाद बाप को मारा; जेल से छूटते आरोपित की भी ली थी जान
गोपाल खेमका की हत्या में शामिल एक स्कूटी सवार शूटर की तलाश की जा रही है। उद्योगपति खेमका परिवार की कहानी रहस्य बनती गई। वर्ष 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की बिहार के वैशाली में जान ले ली गई थी। गुंजन को मारने वाले की भी जान ले ली गई थी।

जागरण संवाददाता, पटना। बिहार के बड़े उद्योगपति खेमका परिवार की कहानी रहस्य बनती गई। शुक्रवार को गोपाल खेमका की पटना स्थित उनके घर के बाहर हत्या कर दी गई। वर्ष 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की बिहार के वैशाली में जान ले ली गई थी। मामला तब उलझा, जब गुंजन की हत्या के आरोपित का जेल से छूटने के बाद मर्डर कर दिया गया।
पहले बेटा, फिर पिता की हत्या, क्या है वजह?
वर्ष 2018 में गोपाल खेमका के बेटे गुंजन खेमका की हत्या वैशाली जिले में कर दी गई थी। उन्हें भी गोली मारी गई थी। इस मामले में पुलिस जांच कर एक आरोपित को गिरफ्तार किया था, लेकिन हत्या के पीछे वजह क्या स्पष्ट नहीं हो सकी। जिस आरोपित की गिरफ्तारी हुई, वह कुछ दिनों बाद जेल से बाहर आया, उसकी भी हत्या कर दी गई थी। इसके बाद शुक्रवार की रात आवास के बाहर ही गोपाल खेमका की भी गोली मार हत्या कर दी गई।
स्कूटी सवार की तलाश कर रही पुलिस
गोपाल खेमका की हत्या में शामिल एक स्कूटी सवार शूटर की तलाश की जा रही है। क्लब से लौटने के बाद जैसे ही खेमका की गाड़ी रामगुलाम चौक स्थित कटारूका निवास के गेट के पास पहुंची, शूटर स्कूटी से उनकी गाड़ी तक पहुंच गया। पार्किंग में स्कूटी खड़ी कर वह पैदल उनकी कार तक पहुंचा।
कमर से पिस्टल निकाली और करीब से उनके सिर में गोली मार दी। फिर वह स्कूटी पर सवार होकर जेपी गोलंबर की तरफ फरार हो गया। इससे साफ है कि शूटर पहले से ही गेट के पास पार्किंग में मौजूद था। उसके उनकी हर गतिविधि की जानकारी मिल रही थी।
वारदात में लाइनर की भूमिका अहम मानी जा रही है, जिसने उनके क्लब से घर आने-जाने की सूचना दी थी। शूटर ने भी रेकी की थी। पुलिस के हाथ एक सीसीटीवी फुटेज भी लगा है। फुटेज घटनास्थल का है। शूटर हेलमेट पहने हुए था। पुलिस की टीम दो बिन्दु पर सीसीटीवी फुटेज देख रही है। शूटर किस दिशा से उनके आवास के गेट तक आया और फिर किसी दिशा में फरार हुआ है।
रेंज आइजी जितेंद्र राणा ने बताया कि मामले की जांच और शूटर की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम का गठन किया गया है। पुलिस सभी बिन्दुओं पर जांच कर रही है। घटना के बाद स्वजन उन्हें सीधे कंकड़बाग स्थित अस्पताल लेकर चले गए। अस्पताल से कंकड़बाग थाना पुलिस को जैसे ही सूचना मिली वह मौके पर पहुंच गए।
पांच घंटे बाद मौके पहुंची एफएसएल
घटना के बाद स्वजन और वहां मौजूद लोगों का आरोप है कि पुलिस सूचना के बाद भी एक से डेढ़ घंटे बाद पहुंची। खेमका का शव उनके आवास पर लाया गया था। मौके पर पुलिस के सभी वरीय अधिकारी मौजूद थे। हद तो यह है कि स्पाट की घेराबंदी ईंट से की गई थी। जिस कार में घटना को अंजाम दिया गया, पुलिस उसकी तस्वीर लेते नजर आई, लेकिन एफएसएल की टीम नहीं थी। घटना के करीब पांच घंटे बाद एफएसएल की टीम मौके पर पहुंची थी। सुबह के समय शव को पोस्टमॉर्टम के लिए पीएमसीएच भेजा गया।
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