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अरुण जेटली की प्रतिमा लगेगी पटना में, नीतीश बोले- उन्‍हें हम जीवन भर नहीं भूल सकते

दिवंगत अरुण जेटली को शनिवार को एनडीए की ओर से श्रद्धां‍जलि दी गई। उनकी प्रतिमा पटना में लगेगी। इसकी घोषणा सीएम नीतीश कुमार ने की। उन्‍होंने कहा हम उन्‍हें जीवन भर नहीं भूल सकते।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Sat, 31 Aug 2019 07:49 PM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 10:15 PM (IST)
अरुण जेटली की प्रतिमा लगेगी पटना में, नीतीश बोले- उन्‍हें हम जीवन भर नहीं भूल सकते
अरुण जेटली की प्रतिमा लगेगी पटना में, नीतीश बोले- उन्‍हें हम जीवन भर नहीं भूल सकते

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार सरकार 28 दिसंबर को हर साल राजकीय समारोह पूर्वक पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली की जयंती मनाएगी। पटना में उनकी प्रतिमा भी स्थापित की जाएगी। एनडीए की ओर से शनिवार को आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सीएम नीतीश कुमार ने उक्त घोषणा की। श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सीएम नीतीश कई बार भावुक हुए। 

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उन्‍होंने कहा कि जेपी आंदोलन में उनकी भूमिका से हम सभी परिचित हैं। वर्ष 1998 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मुझे जेटली के साथ काम करने का मौका मिला था। 2005 में वे बिहार भाजपा के प्रभारी बने। फरवरी और अक्टूबर-नवंबर महीने में हुए विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका को भुलाया नहीं जा सकता है। हम सबों को बिहार की सेवा करने का जो मौका मिला है, इसके लिए उन्होंने अपनी पार्टी के लोगों एवं अन्य लोगों के साथ विमर्श कर जो परिस्थिति तैयार की थी। 

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सीएम ने कहा कि अरुण जेटली विपरीत परिस्थितियों में भी विचलित नहीं होते थे, वे कभी दुखी नहीं रहते थे। हमेशा उत्साहित होकर अपनी बात रखते थे। यह गुण मधु दंडवते में भी था। अरुण जेटली विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उनके मन में जो भी तत्काल विचार आते थे, उस पर वे बोलते थे, वे कुछ भी छुपाते नहीं थे। वे बिहार के रहने वाले नहीं थे। फिर भी बिहार से उनका विशेष लगाव था। बिहारियों के प्रति उनके मन में आदर का भाव था। जब भी मुझे दिल्ली जाने का मौका मिलता था तो उनसे मुलाकात जरूर होती थी। 

सीएम नीतीश ने कहा कि कुछ वर्षों से उनकी तबीयत खराब चल रही थी, लेकिन उनकी स्मरण शक्ति पर इसका असर नहीं पड़ा था। वे एक-एक बात याद रखते थे। कभी उनको परेशान नहीं देखा। ऐसे गुण वाले कम ही व्यक्ति होते हैं। अरुण जेटली से सीखने को मिलता है कि जो मतभेद हों, बातचीत के जरिए उसका समाधान निकाला जा सकता है। 

उन्होंने बिहार के लिए उन्होंने जो सहयोग किया है, उसे हम नहीं भूल सकते। उनके निधन से बिहार ही नहीं पूरे देश को नुकसान हुआ है। उनकी स्मृति हमेशा बरकरार रहेगी। हम चाहते हैं कि उनके स्वभाव और उनके काम करने की शक्ति को सभी लोग याद रखें, उस रास्ते पर चलें, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने जो प्रेरणा दी है उससे सदैव उनके प्रति मन में श्रद्धा बनी रहेगी। 


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