Bihar Voter List 2025: एसआईआर में कटे नामों पर सुनवाई की डेट समाप्त, 30 सितंबर को रिलीज होगा फाइनल डेटा
निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण में हटाए गए नामों पर सुनवाई समाप्त हो गई है। 1 से 25 सितंबर तक अधिकारियों ने दावे-आपत्तियों की सुनवाई की। अब डेटा सत्यापन के बाद 30 सितंबर को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित होगी। 30 अगस्त तक 16.93 लाख नाम जोड़ने और 2.17 लाख नाम हटाने के आवेदन आए थे।

राज्य ब्यूरो, पटना। निर्वाचन आयोग की ओर से विधानसभा चुनाव को लेकर कराए मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान कटे नामों पर सुनवाई की तिथि गुरुवार को समाप्त हो गई। आयोग की ओर से जारी दिशा-निर्देश के अनुसार, पहली से 25 सितंबर तक निर्वाचक निबंधक अधिकारियों (ईआरओ) को कटे हुए नामों को लेकर दावे-आपत्तियों संबंधित अपील सुनने एवं निष्पादित करने का दायित्व दिया गया था।
अब संबंधित तिथि समाप्त होने के उपरांत शनिवार को डेटा सत्यापन के साथ ही अंतिम रूप प्रिंटिंग के लिए भेजा जाएगा। इसके उपरांत 30 सितंबर को अंतिम रूप मतदाता सूची का प्रकाशन करने की समय सीमा निर्धारित है।
उल्लेखनीय है कि 30 अगस्त को आयोग की एसआईआर के उपरांत 16,93,361 ने नाम जोड़ने, जबकि 2,17,049 नाम हटाने के आवेदन आए थे।
पहली अगस्त को राज्य की 243 विधानसभा क्षेत्रों के सभी 90712 बूथों की प्रारूप सूची जारी की गई थी। ड्राफ्ट सूची में 7.24 करोड़ मतदाताओं का नाम प्रकाशित किया गया था। प्रारूप सूची के प्रकाशन के बाद दावा-आपत्ति की प्रक्रिया आरंभ की गई थी।
इस दौरान राज्य भर से 16 लाख 93 हजार 361 मतदाताओं ने सूची में नाम सम्मिलित कराने को लेकर आवेदन पत्र भरा था।
इसमें ड्राफ्ट सूची को लेकर 36475 मतदाताओं ने नाम सम्मिलित करने का आवेदन दिया था, जबकि 18 वर्ष और उससे ऊपर आयु के 16 लाख 56 हजार 886 मतदाताओं ने अपना नाम सूची में जोड़ने के लिए आवेदन दिया था। प्रकाशित ड्राफ्ट सूची से दो लाख 17 हजार 49 मतदाताओं ने नाम हटाने का आवेदन आए थे।
एआरओ ने पढ़ा एमसीसी, एग्जिट पोल व इंटरनेट मीडिया मॉनिटरिंग का पाठ
दूसरी ओर, विधानसभा चुनाव तैयारियों के क्रम में सहायक निर्वाची अधिकारियों का राज्यस्तरीय दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरुवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी, बिहार के सभागार में संपन्न हुआ। प्रशिक्षण में राष्ट्रीय स्तर के मास्टर प्रशिक्षकों ने नामांकन, संवीक्षा, अभ्यर्थिता वापसी, प्रतीक आवंटन, एमसीएमसी, आदर्श आचार संहिता, मतगणना प्रक्रिया तथा पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी दी।
एनएलएमटी अशोक प्रियदर्शी ने संपत्ति विरूपण अधिनियम- 2010 के प्रावधानों से अधिकारियों को अवगत कराया ताकि चुनाव की घोषणा होते ही समय पर कार्रवाई की जा सके। उन्होंने मतगणना और परिणाम घोषणा की प्रक्रिया के साथ ही वीवीपैट पर्चियों की गिनती से जुड़े नियमों की जानकारी दी।
स्टेट मीडिया नोडल पदाधिकारी कपिल शर्मा ने मीडिया मॉनीटरिंग, मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (एससीसी) के अनुपालन, फेक न्यूज एवं भ्रामक सूचना से निपटने की रणनीति के साथ ही कानूनी प्रावधानों पर चर्चा की।
उन्होंने एग्जिट पोल एवं साइलेंस पीरियड के नियम स्पष्ट करते हुए बताया कि मतदान समाप्ति से 48 घंटे पहले प्रचार-प्रसार पर रोक लग जाती है, जबकि एग्जिट पोल का प्रकाशन या प्रसारण प्रथम चरण की मतदान प्रक्रिया शुरू होने से लेकर अंतिम चरण की समाप्ति के आधे घंटे बाद तक प्रतिबंधित रहता है।
उन्होंने यह भी बताया कि इंटरने मीडिया पर आचार संहिता पालन की निगरानी, राजनीतिक दलों के व्यय की मॉनिटरिंग तथा सहायक निर्वाची अधिकारियों द्वारा इंटरनेट मीडिया विज्ञापनों के खर्च दर्ज करने की विधि को लेकर विशेष प्रविधान किए गए हैं।
एनएलएमटी निवेदिता सिन्हा ने आईटी एप्लीकेशंस के प्रयोग पर प्रकाश डालते हुए बताया कि प्रत्येक नामांकन आनलाइन अपलोड किया जाना आवश्यक है, तथा सभी तरह की अनुमतियां भी आनलाइन माध्यम से दी जाएंगी।
उन्होंने सर्विस वोटर्स को उपलब्ध कराए जाने वाले इलेक्ट्रानिक पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया की भी जानकारी दी। एनएलएमटी धीरज कुमार ने ईवीएम और वीवीपैट के प्रयोग की प्रक्रिया समझाई। उन्होंने चुनाव दिवस के विभिन्न प्रोटोकाल एवं तकनीकी व्यवस्थाओं से सहायक निर्वाची अधिकारियों को अवगत कराया।
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