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    Bihar Politics: नीतीश मंत्रिमंडल की INSIDE STORY, इन दलों में भी रह चुके 7 में से 4 मंत्री

    Updated: Wed, 26 Feb 2025 07:18 PM (IST)

    बिहार में नीतीश कुमार की कैबिनेट में शामिल किए गए सात मंत्रियों में से चार ऐसे हैं जिन्होंने राजद भाजपा लोजपा जदयू बिहार पीपुल्स पार्टी आदि दलों में रहकर काम किया है। इनमें विजय कुमार मंडल राजू सिंह डॉ. सुनील कुमार और कृष्ण कुमार मंटू शामिल हैं। इन सभी नेताओं ने अपने राजनीतिक सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं लेकिन वे हमेशा सफलतापूर्वक आगे बढ़ते रहे हैं।

    बिहार कैबिनेट का हुआ विस्तार। फ़ोटो- राज भवन

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में बुधवार को कैबनेट का विसस्तार हुआ है। भाजपा के सात विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है।  

    सुस्त बैठे रहने की तुलना में भ्रमणशील रहना लाभदायक होता है। यह सिर्फ अच्छे स्वाथ्य के लिए ही नहीं है। राजनीति के लिए भी है।

    बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कैबिनेट में शामिल किए गए सात में से चार मंत्री इसी श्रेणी के हैं। इन सबने समय-समय पर राजद, भाजपा, लोजपा, जदयू, बिहार पीपुल्स पार्टी आदि दलों का भ्रमण किया है।

    बेटिकट होने के कारण ऐसा करना इन सबकी मजबूरी भी थी। दल बदल का परिणाम अच्छा रहा। अधिक चुनावों में इनकी जीत हुई।

    विजय कुमार मंडल पहली बार 1995 में अररिया से विधायक बने। उस साल वे आनंद मोहन की बिहार पीपुल्स पार्टी के इकलौते विधायक थे। 2000 में निर्दलीय जीत हुई। 2005 में राजद के उम्मीदवार बने। हार हो गई।

    2009 में अररिया विधानसभा का उप चुनाव हुआ। वहां के विधायक प्रदीप कुमार सिंह लाेकसभा चले गए थे। उप चुनाव में विजय लोजपा के उम्मीदवार हुए। जीत गए।

    2010 के आम चुनाव में लोजपा टिकट पर सिकटी से चुनाव लड़े तो भाजपा के आनंदी प्रसाद यादव के हाथों हार हुई। 2015 और 2020 में सिकटी से भाजपा के विधायक बने।

    राजू सिंह को चार दलों का अनुभव

    मुजफ्फरपुर जिला के साहेबगंज के विधायक राजू कुमार सिंह कभी भाजपा टिकट पर नहीं जीते। 2005 के फरवरी के विधानसभा चुनाव में लोजपा टिकट पर इनकी जीत हुई। जल्द जदयू में चले गए।

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    अक्टूबर 2005 के विधानसभा चुनाव में जदयू उम्मीदवार की हैसियत से जीते। 2010 में भी जदयू उम्मीदवार की हैसियत से ही जीत हुई।

    2015 में जदयू और राजद के बीच हुए गठबंधन के कारण राजू भाजपा उम्मीदवार बन गए। जीत नहीं पाए। 2020 में उनकी सीट विकासशील इंसान पार्टी के हिस्से में चली गई। वे उसके उम्मीदवार बने। चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो गए।

    दो मंत्रियों को सिर्फ जदयू का अनुभव

    • बिहारशरीफ के विधायक डॉ. सुनील कुमार और अमनौर के विधायक कृष्ण कुमार मंटू को जदयू का भी अनुभव है। डॉ. सुनील 2010 में जदयू टिकट पर बिहारशरीफ से विधायक बने।
    • 2015 और 2020 भाजपा के विधायक बने। अमनौर से भाजपा टिकट पर 2015 और 2020 में जीते कृष्ण कुमार मंटू पहली बार इसी क्षेत्र से 2010 में जदयू के विधायक बने थे।

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