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    Bihar News: सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने की नई पहल, सभी स्कूलों को मिलेंगे इतने हजार रुपये

    By Ravi Kumar(Patna) Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Mon, 04 Aug 2025 12:06 PM (IST)

    पटना जिले के सरकारी स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए जिला शिक्षा कार्यालय ने प्रत्येक स्कूल को 50-50 हजार रुपये दिए हैं। इस राशि से स्कूलों में कक्षा-कक्ष उपकरणों की खरीदारी पीने के पानी की व्यवस्था शौचालय का निर्माण और स्मार्ट क्लास जैसे काम पूरे किए जाएंगे। जिला शिक्षा कार्यालय ने सभी स्कूलों को यह राशि 15 दिनों के अंदर इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है।

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    जिले के सरकारी स्कूल अब चकाचक दिखेंगे। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पटना। जिले के सरकारी स्कूल अब चकाचक दिखेंगे। जिला शिक्षा कार्यालय ने प्रत्येक स्कूल में शैक्षणिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 50-50 हजार रुपये की राशि जारी की है। इसमें से 12 हजार रुपये प्राथमिक विद्यालय के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए हैं। 38 हजार रुपये में से कुछ राशि मई में और कुछ राशि 28 जुलाई को स्कूलों के खातों में भेज दी गई है।

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    जिला शिक्षा कार्यालय ने सभी स्कूलों को प्राप्त राशि का 15 दिनों के अंदर उपयोग करने का निर्देश दिया है। राशि का उपयोग 15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) तक हर हाल में करना है। इस राशि से स्कूल में कक्षा-कक्ष, उपकरणों की खरीदारी, पेयजल की व्यवस्था, शौचालय निर्माण, स्मार्ट क्लास आदि का कार्य पूरा करने को कहा गया है।

    कार्य पूरा होने के बाद स्कूल के प्रधानाध्यापक इसे स्कूल की तस्वीर के साथ ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर अपलोड करना सुनिश्चित करेंगे। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) मो. जमाल मुस्तफा ने बताया कि प्रधानाध्यापक सभी पूर्ण किए गए कार्यों का लेखा-जोखा सुरक्षित रखेंगे। निरीक्षण के दौरान कमियाँ पाए जाने पर संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

    निरीक्षण के दौरान विद्यालयों में पाई गई कमियां

    जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि विद्यालय में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए सरकारी स्तर पर सभी प्रकार की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके बावजूद निरीक्षण के दौरान विद्यालयों में कमियाँ पाई गईं।

    विद्यालय में विद्युतीकरण का अभाव, कक्षा-कक्षों में पर्याप्त बल्ब व पंखे का अभाव, नल खराब, शौचालयों का अभाव, शौचालयों में कीचड़ भरा होना, बेंच-डेस्क व फर्नीचर का अभाव, आईसीटी लैब व स्मार्ट क्लास का अभाव, विद्यालय की सफाई के लिए झाड़ू की व्यवस्था का अभाव, दीवारों पर शैक्षिक पट्टिका का न होना, लॉकर रखने हेतु कचरा प्रबंधन का अभाव आदि पाए गए।