Bihar Government: बड़े शहरों के आसपास बसेगी सैटेलाइट टाउनशिप, जमीन विकसित कर लौटाएगी नीतीश सरकार
बिहार सरकार पटना समेत सभी प्रमंडलीय मुख्यालयों के पास सैटेलाइट टाउनशिप बनाएगी। इसके लिए शहरी आयोजना स्कीम नियमावली को मंजूरी दी गई है। लैंड पूलिंग के माध्यम से जमीन मालिकों से भूमि लेकर डेवलपर्स की मदद से विकसित की जाएगी। विकसित भूमि का 55% हिस्सा मालिकों को वापस मिलेगा जबकि कुछ भाग में सड़कें पार्क और कमजोर वर्ग के आवास बनेंगे।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के बड़े शहरों के आसपास सैटेलाइट एवं ग्रीनफील्ड टाउनशिप बसाई जाएगी। इसकी शुरुआत पटना से होगी और फिर सभी प्रमंडलीय मुख्यालय वाले शहरों में ऐसी टाउनशिप विकसित की जाएगी। इस योजना को लागू करने के लिए बिहार शहरी आयोजना स्कीम नियमावली को राज्य कैबिनेट से स्वीकृति मिली है।
नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार ने मंगलवार को प्रेस वार्ता में बताया कि शहरों के सुनियोजित विकास के लिए यह ऐतिहासिक कदम है। अभी तक जमीन अधिग्रहण की पॉलिसी थी। पहली बार लैंड पूलिंग की व्यवस्था की जा रही है। इसके अंतर्गत सरकार जमीन मालिकों से भूमि लेकर डेवलपर्स की मदद से उसे विकसित करेगी।
उस जमीन पर सड़क, ड्रेनेज, बिजली, पार्क, स्ट्रीट लाइट आदि की व्यवस्था की जाएगी। इसके बाद विकसित भूमि का 55 प्रतिशत हिस्सा जमीन मालिकों को वापस कर दिया जाएगा। इसमें 22 प्रतिशत हिस्से में सड़कें बनाई जाएंगी, जबकि पांच प्रतिशत हिस्से में पार्क, ड्रेनेज, अस्पताल, थाना, बिजली स्टेशन आदि विकसित किए जाएंगे।
तीन प्रतिशत हिस्सा कमजोर वर्ग के आवास के लिए आरक्षित होगा। जमीन का शेष 15 प्रतिशत हिस्से पर सरकार का हक होगा। इस जमीन को सरकार ऊंची कीमतों पर बेचेगी या आवश्यकता के अनुसार कॉलोनी आदि का विकास करेगी।
250 एकड़ जमीन पर विकसित होगी टाउनशिप:
मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि न्यूनतम 250 एकड़ (100 हेक्टेयर) जमीन पर टाउनशिप विकसित की जाएगी। विशेष परिस्थतियों में 25 एकड़ (10 हेक्टेयर) जमीन पर भी टाउनशिप विकसित करने की अनुमति दी जा सकती है। टाउनशिप के लिए जमीन मालिकों से सहमति का काम जिला प्रशासन के साथ आवास बोर्ड की मदद से किया जाएगा।
डेवलपर्स एवं महानगर योजना प्राधिकरण की मदद से जमीन मालिकों की भूमि की प्लॉटिंग की जाएगी और आवश्यकता के अनुसार आवासीय, वाणिज्यिक एवं औद्योगिक क्षेत्र आदि तय किए जाएंगे।
मुआवजा नहीं, ऊंची कीमतों से होगा मुनाफा:
विभागीय सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि लैंड पूलिंग योजना से मुख्य सड़क से दूर लैंड लाक जमीन भी विकसित हो सकेगी। इस योजना के तहत जमीन मालिकों को किसी तरह का मुआवजा नहीं दिया जाएगा। वापस मिलने वाली 55 प्रतिशत जमीन की ऊंची कीमतें ही जमीन मालिकों के लिए मुनाफे और मुआवजे का काम करेगी।
इस विकसित जमीन पर बिल्डर और डेवलपर्स के लिए टाउनशिप बसाना भी आसान होगा। जमीन मालिकों के हितों की रक्षा के लिए ट्रिब्यूनल का भी प्रविधान है।
लैंड पूलिंग की मदद से दिल्ली एनसीआर की तर्ज पर ग्रेटर पटना विकसित किया जाएगा। इसी तरह सभी प्रमंडलीय शहरों के आसपास सैटेलाइट सिटी बसाई जाएगी। इसका लाभ जमीन मालिकों को भी होगा, उन्हें विकसित और ऊंची कीमत वाली जमीन वापस मिलेगी। - जिवेश कुमार, मंत्री, नगर विकास एवं आवास विभाग
इस तरह तय होगी विकसित जमीन की हिस्सेदारी
- 55 प्रतिशत विकसित जमीन लौटाई जाएगी जमीन मालिकों को
- 22 प्रतिशत जमीन पर बिछाया जाएगा सड़कों का जाल
- 15 प्रतिशत जमीन का हिस्सा सरकार अपने पास रखेगी
- 05 प्रतिशत जमीन पर विकसित होंगे पार्क व सामाजिक संरचना
- 03 प्रतिशत जमीन कमजोर वर्ग के लोगों के लिए होगी आरक्षित
इस माह नहीं होगा मेट्रा का उद्घाटन, ट्रायल में भी देरी:
पटना मेट्रो का उद्घाटन अब 15 अगस्त या इस माह नहीं होगा। सुरक्षा कारणों से पटना मेट्रो के उद्घाटन की तारीख आगे बढ़ा दी गई है।
मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि रेल परिचालन की केंद्रीय सुरक्षा टीम ने मेट्रो परियोजना का जायजा लिया है। इसके बाद सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई अहम सुझाव दिए गए हैं, जिनपर काम चल रहा है। ऐसे में इस माह 15 अगस्त तक उद्घाटन संभव नहीं है। सुरक्षा उपायों को दुरुस्त करने के बाद इस माह ट्रायल शुरू किया जा सकता है। इसके बाद अगले माह सितंबर में मेट्रो का उद्धाटन की तारीख तय की जाएगी।
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