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    Patna News : 'व्यवस्था' खाई में और मर रहे लोग, दो साल में बनाई जाने वाली सड़क 5 साल में भी अधूरी

    Updated: Fri, 19 Apr 2024 07:18 AM (IST)

    Patna News बिहार में आए दिन सड़क हादासों में लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। इसके पीछे प्रशासनिक लापरवाही भी सामने आती रही है। यही कारण है कि बीती रात हुई सड़क दुर्घटना में दो युवकों की जान चली गई। सुरक्षा मानक की अनदेखी और गड्ढा खोदकर छोड़ देना लोगों की जान को खतरा पैदा कर रहा है।

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    'व्यवस्था' खाई में और मर रहे लोग, दो साल में बनाई जाने वाली सड़क 5 साल में भी अधूरी

    जितेंद्र कुमार, पटना/थरथरी (नालंदा)। निर्माण कार्य की समय सीमा भले ही तय हो, पर वह कभी नियत अवधि में पूरा होता नहीं है। और तो और, गड्ढे खोदकर छोड़ देना, लोग आएंगे-जाएंगे कैसे, सुरक्षा मानक तक का ध्यान नहीं रखा जाता। परिणाम, होती रहती है दुर्घटना।

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    बुधवार की रात सफार्बाद में जहां सड़क दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई, इसका कारण भी सुरक्षा मानक की अनदेखी ही है। गौरीचक एसएच-वन पर सर्फाबाद गांव के समीप डायवर्जन के पास बुधवार की देर रात एक बाइक पर सवार दो युवक रात में गड्ढा देख नहीं सके और करीब 25 फीट नीचे जा गिरे। दो की मौत हो गई।

    यह गड्ढा कब भरेगा, बताने वाला कोई नहीं। सड़क निर्माण 2018-19 से ही चल रहा है। इंजीनियर बदलते गए, ठेकेदार वही के वही, न सड़क बन पाई है, न ही पुल। निर्माण स्थल पर सुरक्षा का कोई प्रबंध नहीं। यदि डायवर्जन के पास कोई घेरा और संकेतक होता तो शायद इस तरह की दुर्घटना नहीं होती।

    आम जन नियमों की अनदेखी करे तो दंड और जुर्माने का प्रविधान है, यह बिल्कुल सही है, ताकि लोग सचेत रहें। पर, व्यवस्था की अनदेखी के कारण कोई मौत का शिकार हो जाए, तो उसके लिए कौन सा प्रविधान है और कितने पर कार्रवाई की गई? इसका जवाब किसी के पास नहीं।

    चार साल पहले शुरू हुई खोदाई

    सर्फाबाद में 2020 में ही सड़क बनाने को खोदाई शुरू की गई थी। डायवर्जन से आवागमन का विकल्प बना दिया गया, लेकिन सुरक्षा मानक नहीं। दैनिक जागरण ने 17 नवंबर, 2022 को समाचार प्रकाशित कर ध्यान आकृष्ट किया था कि यहां खतरा हो सकता है।

    पटना सिटी प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता गिरीश कुमार ने कार्य पूरा कराने और सुरक्षा प्रबंध का भरोसा दिया था, लेकिन डेढ़ वर्ष बाद भी स्थिति जस की तस है। यह मामला पटना सिटी पथ प्रमंडल क्षेत्र के पटना-मसौढ़ी स्टेट हाइवे का निर्माण का है, जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है।

    दुर्घटना के बाद आश्वासन तो बहुत दिए जाते हैं, पर होता कुछ नहीं। पटना सिटी पथ प्रमंडल के अंतर्गत सादिकपुर पभेरा-मसौढ़ी एसएच-1 जीरो से 16.300 किमी तक खंड-1 का निर्माण कार्य वीएजी बिल्डटेक लिमिटेड और मेसर्स साईं इंजीकाम एंड कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को आवंटित किया गया था।

    यह कार्य वर्ष 2018-19 में आवंटित किया गया। इसका दूसरा खंड 16.300 किमी से 38.20 किलोमीटर तक कुल 21 किमी भारतीय इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड गुवाहाटी के नाम आवंटित किया गया। कार्य दो साल में पूरा करना था, लेकिन तीन-तीन कार्यपालक अभियंता आए और गए, कार्य पूरा नहीं हो सका।

    इस संबंध में पूछे जाने पर वर्तमान कार्यपालक अभियंता गोपाल सिंह ने वहां हुई दुर्घटना में नालंदा के दो युवकों की मौत की जानकारी के बारे में अनभिज्ञता प्रकट की। उन्होंने कहा कि डायवर्जन तो बना हुआ है। जब सुरक्षा मानक के संबंध में पूछा गया तो कहा कि कल निरीक्षण कराने के बाद जो भी खामी है, दूर की जाएगी।

    हादसों को आमंत्रण देता एसएच का डायवर्जन

    पटना-गया एसएच पर लंबे समय से निर्माण कार्य चल रहा है। पुलिया बनाने के लिए गड्ढा तो खोद दिया गया, लेकिन चार वर्ष में न तो पुलिया का निर्माण कार्य पूरा हुआ और न ही गड्ढा भरा गया। गड्ढे के किनारे डायवर्जन तो बना दिया गया, परंतु बैरिकेडिंग नहीं की गई है।

    यहां न संकेतक है और न ही रोशनी की व्यवस्था। ऐसी स्थिति में अंधेरे में यह डायवर्जन दुर्घटनाओं को आमंत्रित कर रहा है। आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं। कई लोगों की जान भी चली गई, फिर भी निर्माण कंपनी सजग नहीं हुई। न ही संबंधित पथ निर्माण विभाग ने इसका संज्ञान लिया। स्थानीय नागरिक विनोद, राहुल, गोलू, पैरू प्रसाद समेत अन्य ने हादसे के लिए निर्माण कंपनी को दोषी ठहराया।

    पत्नी पर टूटा दुखों का पहाड़

    हादसे की जानकारी मिलते ही मृत आशुतोष की बहन आशु देवी और बहनोई दिलीप बिंद घटनास्थल पर पहुंचे। वे दुर्घटनास्थल से कुछ दूरी पर बीर गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि आशुतोष की पत्नी हीरामंती देवी गर्भवती हैं। पिछले वर्ष ही उसकी शादी नूरसराय थाना क्षेत्र के दरियाचक गांव में हुई थी। उस पर दुखों का पहाड़ टूट गया है। मौत की खबर सुन कर वह सदमे में है।

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