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    Bihar Anm Bharti: पटना हाई कोर्ट ने 10,709 रिक्त एएनएम पदों की भर्ती मामले पर सुरक्षित रखा फैसला

    Updated: Thu, 18 Apr 2024 09:42 PM (IST)

    याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने दलील दी थी कि उक्त रिक्तियों का विज्ञापन 28 जुलाई 2022 को प्रकाशित किया गया था जिसमें यह स्पष्ट था कि चयन हेतु बिहार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एएनएम) नियमावली 2018 की शर्तें लागू होंगी। इस नियमावली के तहत 100 अंकों की प्रतियोगिता में 60 प्रतिशत अधिभारित अंक एएनएम की पढ़ाई के प्राप्तांक से होंगे।

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    पटना हाई कोर्ट ने 10,709 रिक्त एएनएम पदों की भर्ती मामले पर सुरक्षित रखा फैसला

    राज्य ब्यूरो, पटना। पटना हाईकोर्ट ने राज्य में 10,709 एएनएम पदों पर नियुक्ति के मामले पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया है। मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चन्द्रन एवं न्यायाधीश हरीश कुमार की खंडपीठ ने एकलपीठ के फैसले को चुनौती देने वाली एलपीए याचिका पर सुनवाई की।

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    उल्लेखनीय है कि पटना हाई कोर्ट की एकलपीठ ने अपने फैसले से स्पष्ट किया था कि एएनएम के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रकाशित विज्ञापन पर ही की जाएगी।

    याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता अभिनव श्रीवास्तव ने दलील दी थी कि उक्त रिक्तियों का विज्ञापन 28 जुलाई 2022 को प्रकाशित किया गया था, जिसमें यह स्पष्ट था कि चयन हेतु बिहार महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता (एएनएम) नियमावली 2018 की शर्तें लागू होंगी।

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    इस नियमावली के तहत 100 अंकों की प्रतियोगिता में 60 प्रतिशत अधिभारित अंक एएनएम की पढ़ाई के प्राप्तांक से होंगे। शेष अंक प्रैक्टिकल एवं उच्च शिक्षा पर आधारित मिलने थे। याचिकाकर्ताओं ने चयन प्रक्रिया में भाग लिया और उपरोक्त 60 प्रतिशत अंक के आधार पर मेरिट अंक सभी अभ्यर्थियों का चयन करने वाली आयोग की वेबसाइट पर अपलोड भी हो चुका था।

    सरकार द्वारा 29 सितंबर 2023 को नई सेवा शर्त नियमावली के तहत एएनएम के चयन हेतु बदले हुए प्रविधानों को लागू कर दिया था। नई सेवा नियमावली के तहत स्वास्थ विभाग ने एक चिट्ठी जारी कर सूचित किया कि उपरोक्त 60 प्रतिशत अंक को अब प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित के जरिए अर्जित करना होगा, जिसके लिए प्रतियोगिता परीक्षा ली जाएगी।

    दलीलों को सुनते हुए एकलपीठ ने अपने फैसले में कहा था कि रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रकाशित विज्ञापन पर ही की जाएगी। हाई कोर्ट के समक्ष एकलपीठ के इसी आदेश को चुनौती दी गई है।

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