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    Patna High Court: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, अब क्या करेंगे पशुपति पारस?

    Updated: Tue, 29 Oct 2024 09:09 PM (IST)

    पशुपति पारस को एक बार फिर झटका लगा है। पटना हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) को व्हीलर रोड स्थित कार्यालय आवास खाली करने के मामले में कोई राहत नहीं दी है। कोर्ट ने आरएलजेपी को आवास आवंटन के लिए आवेदन करने की छूट दी है और आवेदन पर दो सप्ताह में कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

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    पशुपति पारस की राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत। फाइल फोटो

    विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) को आवास खाली करने के मामले में कोई राहत नहीं दी। न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की एकलपीठ ने राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी एवं प्रदेश उपाध्यक्ष अम्बिका प्रसाद की याचिका पर पर सुनवाई करते हुए आवास आवंटन के लिए आवेदन करने की पूरी छूट दी है।

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    साथ ही आवास आवंटन के लिए दिए गए आवेदन पर कानून के तहत दो सप्ताह के भीतर कार्रवाई करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता के वरीय अधिवक्ता वाईवी गिरि ने कोर्ट को बताया कि भवन निर्माण विभाग ने 13 जून को व्हीलर रोड के शहीद पीर अली खां मार्ग स्थित आवास संख्या 1 का आवंटन रद कर दिया है।

    2005 में RLJP को मिला था आवास

    यह आवास लोक जन शक्ति पार्टी को कार्यालय के लिए 30 मई 2005 को दो साल के लिए आवंटित किया गया था। अवधि समाप्त होने के पूर्व नवीकरण करना था। आवास के नवीकरण करने के लिए राष्ट्रीय लोक जन शक्ति पार्टी ने भवन निर्माण के सचिव से गुहार लगाई थी, लेकिन उनके आवेदन पर किसी तरह का विचार किए बिना आवंटन को रद कर दिया गया।

    याचिका का विरोध करते हुए महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को अर्जी दायर करने का कोई अधिकार नहीं है। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आवास आवंटन रद करने के आदेश पर रोक लगाने से साफ इंकार कर दिया।

    वोटर लिस्ट में नाम शामिल करने का आदेश

    पटना हाई कोर्ट ने चुनाव की अधिसूचना होने के बावजूद औरंगाबाद के जयहिंद तेंदुआ पैक्स के वोटर लिस्ट में याचिकाकर्ता का नाम शामिल करने का आदेश दिया। न्यायाधीश नवनीत कुमार पांडेय की एकलपीठ ने संदीप कुमार एवं अन्य की रीट याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया।

    अधिवक्ता राजीव कुमार सिंह ने बताया कि कोर्ट ने संबंधित पक्ष को सुनने के बाद याचिकाकर्ता के नाम को शामिल करने का आदेश दिया। याचिकाकर्ता का कथन था कि पैक्स प्रबंधन कमेटी द्वारा उसके नाम को शामिल करने की अर्जी रद्द कर दी गई थी। इसके बाद याचिकाकर्ता समेत अन्य 56 लोगों के नाम शामिल करने का आदेश औरंगाबाद के कापरेटिव सोसाइटी के असिस्टेंट रजिस्ट्रार द्वारा दिया गया।

    नाम शामिल करने हेतु शेयर भी जमा किया गया था, लेकिन नाम शामिल नहीं किया गया था। जबकि चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी गई है। आगामी ग्यारह से तेरह नवंबर तक नामांकन की तिथि घोषित की गई है।

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